चाची को घोड़ीबानकर चुदाई | aunty sex stories

 चाची को घोड़ीबानकर चुदाई

मेरा नाम मिथिलेश है। मैं अभी बंगलौर में रहता हूँ, रंग गोरा, 5’6′, 23 साल, ग्रेजुएट।


यह मेरा पहला संदेश है आप लोगो के लिए। इसका मतलब यह नहीं कि यह मेरा पहला सेक्स अनुभव है। इससे पहले मैंने बहुत सेक्स किया है लड़कियों और आंटियों से।


जो लड़कियाँ मेरे साथ सेक्स में रात गुजारती, वो मेरे साथ शहर में घूमने के लिये भी ख्वाहिश रखती थी


यह घटना तीन साल पुरानी है, तब अपने परिवार के साथ मैं मेडिकल कालोनी में रहता था और इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहा था।

तभी मेरे पड़ोस में एक परिवार का आगमन हुआ। परिवार में पति, पत्नी और एक तीन साल का बच्चा। वैसे भी कालोनी में और भी कई भाभियाँ थी पर नई चाची के सामने सब फ़ीका पड़ने जैसा लगता। चूंकि वो नये थे तो मैं कभी कभी उनका सामान मार्केट से ला लेता। मुझे घूमने का मौका मिल जाता और चाची को देखने का और कभी कभी थोड़ा थोड़ा छूने का भी।


ऐसे ही एक महीना बीत गया और चाची हमारे घर के सदस्यों के साथ भी घुलमिल गई। उनके पति और पापा में भी गहरी दोस्ती हो गई।


एक दिन एक शादी में हमें और चाची को भी न्यौता मिला था पर मम्मी को कुछ काम था सो चाची ने भी जाने के लिये मना कर दिया। सो पापा और भैया (चाची के पति) चले गये।


पार्टी कालोनी से तीस किलोमीटर की दूरी पर थी और आते वक्त जोर की बारिश के वजह से पापा ने रात के करीब नौ बजे मम्मी को फोन करके कहा- मिथिलेश को चाची के घर जाकर सोने के लिये कह देना।


फ़िर क्या, मैं खाना खाकर दस बजे चाची के घर चला गया। घंटी बजाई और चाची ने झट से दरवाज़ा खोल दिया।


तभी मैं चाची को देख कर दंग रह गया। गोरी चिट्टी, लम्बे घने बाल, वक्ष आगे जितना, गांड उतनी पीछे, मतलब 36-30-36 और कद होगा 5’3′, इतने सही फ़ीगर के साथ साथ काली नाइटी, जैसे लगा कि आसमान की कोई परी नीचे घूमने आई हो।


हम दोनों अंदर आ गये, चाची ने कहा- तुम बैठो, मैं दूध लाती हूँ!


मैं वहीं सोफ़े पर बैठ गया। थोड़ी देर में चाची दूध लेकर आई, एक गिलास मुझे दिया और एक गिलास खुद लेकर मेरे पास सोफ़े पर बैठ गई।


और हम एक अंग्रेजी फ़िल्म देखने लगे जिसमें सिर्फ़ 2-3 चुम्बन-दृश्य ही थे। अचानक उन्होंने मुझसे पूछा- क्यों मिथिलेश, तुमहारी कोई गर्लफ़्रेंड है या नहीं?


मैं घबरा गया कि चाची क्या पूछ रही हैं क्योंकि इससे पहले कभी ऐसी बात हमारे उनके बीच में नहीं हुई थी।


मैंने इंकार में सर हिला दिया तो कहने लगी कि तुम तो लड़कियों की तरह शरमा रहे हो।


मैंने कहा- नहीं चाची, ऐसी कोई बात नहीं है।

तो उन्होंने कहा- एक बात बताओ, तुमने आज तक कभी किसी लड़की या औरत को नंगा देखा है?

तो मैंने जान बूझकर कहा- नहीं चाची! आज तक नहीं देखा है।


वो मेरे बगल में बैठी थी और जब बातें कर रही थी तो मैं बार बार उनके मम्मो की तरफ़ देख रहा था, चाची ने भी मुझे देखते हुए देख लिया था।


वो बोली- अगर देखना है तो मुझसे कहो, मैं तुम्हें ऐसे ही दिखा दूँगी।

मैं घबरा गया कि चाची क्या बोल रही है।


उसके बाद चाची ने मेरे चेहरे पर हाथ रखते हुए बोला- कभी किसी के साथ कुछ किया है या नहीं?


तभी मेरे अंदर का जानवर जाग गया तो मैंने चाची से कहा- कि मैं आपको चूमना चाहता हूँ।


और कहते हुए उनके चेहरे को अपने तरफ़ खींच कर उनके होंठों पर चुम्बन करने लगा।


उनके होंठों बहुत ही नशीले थे, मैं उनके होंठों को चूसने लगा और चाची मेरे होंठों को चूसने लगी। दोनों करीब दस मिनट तक ऐसे ही चूमा-चाटी करते रहे।


उसके बाद चाची बोली- तुम तो कह रहे थे कि तुमने कभी कुछ नहीं किया है लेकिन तुम्हें देखकर लगता नहीं है कि तुमने कभी कुछ नहीं किया है?


मैं कुछ नहीं बोला और चाची की नाइटी एक बटन को खोलकर उनके मम्मे को हल्का हल्का दबाने लगा। उनको भी अच्छा लग रहा था इसलिये कुछ नहीं बोली।


फिर मैंने उनकी नाइटी को पूरा खोल दिया तो चाची कहने लगी- तुम तो बहुत तेज हो, पहले तो तुमने चुम्बन करने को कहा और अब मेरे मम्मे दबाने लगे?


मैंने कहा- चाची, आप बहुत खूबसूरत हो और मैं आपको चोदना चाहता हूँ।


कह कर चाची के एक मम्मे पर अपना मुँह लगाकर चूसने लगा और दूसरे मम्मे को अपने हाथ से दबाने लगा। चाची भी मस्ती में आकर ऊऊउह्हहाआआ।। और जोर से चूसो।। सीतु ।। बहुत अच्छा लग रहा है।। चूसते रहो।। ऊऊऊह्हाआआआ… मजा आ रहा है।। जोर से चूसो… और जोर से।


मैं अपने पूरे जोश से चाची के मम्मे को चूसने लगा, तब तक वो सिर्फ़ पैंटी में ही रह गई थी, मम्मे चूसते हुए मैंने अपने हाथ से उनकी जांघों को सहलाने लगा। तब तक चाची मस्त हो चुकी थी, चाची की जांघों को सहलाते हुए मैं उनकी योनि को भी हल्के हल्के सहलाने लगा, चाची मस्ती में आअह्हह ह्हहह्ह ऊऊउफ़्फ़फ़ जैसी आवाजें निकाल रही थी।


एक तरफ़ उनके एक मम्मे से दूध निकल रहा था और दूसरी तरफ योनि में ऊँगली डालने से उनकी योनि गीली हो गई थी।


फ़िर मैंने उसको लिटा कर उसके पेट पर चूमना शुरू किया और उनके योनि के अंदर अपनी जीभ को डालने लगा और उनकी योनि को मैंने अच्छी तरह चाटा।


चाची मेरे होंठों से अपने योनिरस को चाट कर कहने लगी- तुमने तो अपना काम कर दिया, अब देखो मैं क्या करती हूँ।


चाची ने मेरे कपड़े खोल कर लण्ड की टोपी पर ज़ुबान फेरनी शुरू की, फिर धीरे धीरे पूरा लण्ड अपने मुँह में ले लिया और लॉलीपोप की तरह चूसने लगीं। चाची बहुत अच्छा लण्ड चूस रही थी। मैं तो उस वक्त मज़े और आनन्द की ऊँचाई पर था।


चाची ने पहले आहिस्ता और फिर तेज़ी से लण्ड चूसना शुरू कर दिया।


फ़िर चाची ने मेरा लण्ड अपनी योनि पर रखा मैंने एक हल्के झटके के साथ अपना लण्ड उनकी योनि में डाल दिया। उनकी योनि पहले ही गीली हो रही थी इसलिये पूरा लण्ड बड़ी आसानी से उनकी योनि में चला गया। पहले तो मैं चाची को आहिस्ता आहिस्ता चोदता रहा फिर मैंने अपनी चोदन-गति तेज़ कर दी और चाची को शक्ति से चोदने लगा।


चाची चुदाई का पूरा मज़ा ले रही थीं और आआअह्ह।। ऊओह्हह्ह।। ऊउफ़्फ़फ़्फ़।। ह्हहयययईए।। और तेज़।। प्लीज़ ।।तेज़ ।।उफ़्फ़फ़्फ़ ऊऊह्हह्ह की आवाज़ें निकाल रही थीं।


उनके स्तन हर झटके के साथ हिल रहे थे जो एक हसीन और दिलकश नज़ारा था।


कुछ देर के बाद मैंने चाची को घोड़ी बनाया तो उनकी खूबसूरत और चौड़ी गांड ऊपर को उठ आई और उनके चूचे किसी आम की तरह लटकने लगे। मैंने चाची की गांड पर हाथ फेरते हुये लण्ड उनकी योनि में डाल दिया और उनके चूचे पकड़ कर ज़ोर ज़ोर से झटके लगाने लगा। मैं चाची को जी-जान से चोद रहा था और चाची भी चुदाई में भरपूर साथ दे रही थी।


काफ़ी देर चुदने के बाद चाची ठंडी पड़ गई, मैं भी अपने चरम पर था, मैंने चाची को कहा- मैं छूटने वाला हूँ।


तो उन्होंने कहा- कोई बात नहीं, तुम मेरे अंदर ही निकालो।


मेरे लण्ड से वीर्य का फ़व्वारा निकला और चाची की योनि वीर्य से भर गई। मैं थक कर चाची के ऊपर लेट गया।


थोड़ी देर बाद मैंने लण्ड चाची की योनि से निकाला जो वीर्य और चाची के रस से सना हुआ था। चाची ने फिर मेरे लण्ड को चाटना शुरु कर दिया और इसे बिल्कुल साफ़ कर दिया।


अब चाची ने कहा- मिथिलेश, तुम तो बहुत एक्सपर्ट लगते हो, मुझसे पहले कितनी के साथ चुदाई कर चुके हो?


मैंने कहा- चाची चुदाई तो 14-15 के साथ की है लेकिन जैसे मम्मे आपके हैं वैसे मम्मे मैंने आज तक नहीं चूसे हैं, आपके मम्मे बहुत टेस्टी हैं।



यह कहते हुए मैंने झटके से अपनी ऊँगली फ़िर से उनकी योनि में डाल दी और चाची स्ससा आआआ करती रही, बहुत अच्छा लग रहा है।


और फिर मैंने चाची की तरीफ़ की कि सच में आप बहुत खूबसूरत हो तो चाची ने मुझसे कहा- यह क्या चाची-चाची लगा रखा है, पहले यह बताओ कि तुम मुझे रात भर चोदोगे या नहीं?


यह सुनकर तो मुझे और भी खुशी महसूस हुई। इसका मतलब यह नहीं कि मैंने और किसी के साथ रात नहीं गुजारी है। मैंने तो पिछले चार सालों से कितनी अपनी क्लासमेट के साथ रात गुजारी है पर चाची के जैसा जोश और किसी में मैंने नहीं देखा था इसलिये मुझे बहुत खुशी महसूस हो रही थी।


मैंने उनसे कहा- मैं आपको दूसरे आसन से चोदना चाहता हूँ।

तो बोली- कौन से तरीके से चोदोगे अब मुझे?

मैंने कहा- आप ज़मीन पर लेट जाइए और अपने पैरों को उठा लीजिये।


उन्होंने ऐसे ही किया, मैं उनके पैरों के बीच में गया और उसको फ़ैला कर अपने दोनों कंधों पर रख कर उनकी फ़ुद्दी के छेद पर अपना लण्ड रखकर धक्के मारने लगा। इस तरीके से उन्हें भी अच्छा लगा, बोली- बहुत मजा आ रहा है मेरे राजा, जैसे चोदना हो चोदो मुझे!


मैंने करीब दस मिनट तक चोदने के बाद योनि से लण्ड को निकाल कर गांड में डाल दिया और चोदने लगा।


मैं इसी तरह हर पाँच मिनट के बाद योनि और गांड की चुदाई करता रहा। लगभग 25-30 मिनट तक इसी तरह चोदने के बाद मैं बोला- मैं अब झड़ने वाला हूँ। तुम बताओ कि मेरे लण्ड का पानी कहाँ लेना चाहती हो, अपनी योनि में या गांड में?




उन्होंने कहा- तुम मेरी गांड में ही पानी निकाल दो, योनि में तो तुम पहले भी निकाल चुके हो।


फ़िर मैंने अपना सारा अनमोल रतन उनकी गांड में डाल दिया और बेड पर आकर लेट गया। तभी उन्होंने मेरे होंठों पर जोर से किस किया और कहने लगी- जो मजा तुम्हारे साथ आया है वो मुझे उनके साथ नहीं आता है।


सुबह को चाची ने कहा- मेरी योनि और गांड में दर्द बहुत हो रहा है लेकिन इस चुदाई से जो मज़ा मिला उसके आगे यह दर्द कुछ भी नहीं।


फ़िर मैं अपने घर आ गया और जब भी मुझे मौका मिलता मैं चाची की चुदाई करता रहा।


चाची की चुदाई करके हर बार मुझे एक अलग सा खुशी मिलती थी क्योंकि चाची है ही इतनी सेक्सी!





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