छोटे भाई आयुष के साथ देसी चुदाई
नमस्ते दोस्तो, मैं आपकी सेक्सी दोस्त स्नेहा हूँ। मैं इस शहर के बढ़े में रहने वाली मस्त बिंदास लड़की हूँ। मेरा परिवार काफी बड़ा है और सबके लिए अलग अलग कमरे बनाये गये हैं। मेरे घर में किसी चीज की कोई कमी नहीं है। मैं अपने सारे शौक पूरे करती हूं।
वैसे तो मैं जॉब भी करती हूं लेकिन वो सब मैं पैसे के लिए नहीं बल्कि घूमने फिरने के मकसद से करती हूं। जब मैं ऑफिस की सहेलियों के साथ होती हूं तो हम लोग खूब मजा करते हैं। मेरी सहेलियां ऑफिस के पास ही रूम लेकर रहती हैं। मैं उनके वहां जाकर मस्ती करती हूं। जिन्दगी को फुल एन्जॉय करते हैं हम लोग
ऑफिस में ही मुझे बीयर पीने की आदत लग गई थी। मेरी सहेलियों के यहां जब मैं रात को देर तक रुकती थी तो वो लोग पार्टी करते हुए बीयर पीती थीं। मैं भी उनके साथ बीयर पीने लगी। मुझे बीयर पीने में बहुत मजा आने लगा। अब कई बार मैं रात को बीयर पीकर ही सोती हूं।
मैं अपने घर में सबकी लाडली हूं और मुझे कोई भी किसी काम के लिए रोकता नहीं है। कई बार मैं रात को स्कूटी लेकर घर से निकल जाती हूं और बाहर जाकर बीयर पीती हूं। फिर वापस देर रात को ही घर आती हूं।
ये बात उन दिनों की है जब मेरे मामा का लड़का मेरे घर पर आया हुआ था। वो मेरे घर पर रहकर बाहर पढ़ाई करता था। मेरी उसके साथ अच्छी बात होती थी। वो भी कॉलेज में अपने दोस्तों के साथ मस्ती करता था। उसको भी बीयर पीने का शौक था। इसलिए हम दोनों की अच्छी दोस्ती हो गई। कई बार रात में साथ में ही बीयर पी लिया करते थे।
शहर में तो ये सारी बातें नॉर्मल ही होती हैं। लड़कियां खूब मजा करती हैं। इसलिए मैं अपने मामा के लड़के के साथ मस्ती करती थी। हम दोनों दोस्त की तरह रहते थे। उसका नाम आयुष था और मैं उससे रात भर बातें किया करती थी।
हम दोनों कई बार रात को बाहर बीयर पीने के लिए निकल जाते थे। आयुष के कॉलेज में उसकी कोई गर्लफ्रेंड भी थी। वो मुझसे अपनी सारी बातें शेयर करता था। वो भी मुझसे मेरी पर्सनल लाइफ के बारे में पूछता रहता था। मगर मैंने उसको ये बात नहीं बताई थी कि मेरा कोई बॉयफ्रेंड भी है।
मैंने अपने बॉयफ्रेंड की बात आयुष से छिपा ली थी। मगर मैं उसकी सारी बात जानती थी। वो अपनी गर्लफ्रेंड के साथ सेक्स भी कर चुका था। मैंने कई बार नोटिस किया था कि वो मेरे चूचों को घूरता था। शायद उसको मेरे चूचे पसंद थे। मगर उसने कभी खुल कर ये बात नहीं कही।
घर में भी मैं मॉडर्न कपड़े पहनती थी जिसके कारण मेरे चूचे अलग से ही दिखाई पड़ जाते थे। एक बार तो आयुष ने मुझे गुलाब का फूल भी दिया था। मुझे नहीं पता उसने मुझे वह फूल क्यों दिया था। शायद वो मुझे पसंद करने लगा था। उस वक्त मैंने सोचा था कि शायद उसने मजाक में ही मुझे यह फूल दिया है लेकिन बाद में पता चला कि वो मुझे पसंद करने लगा था।
रात भर मैं आयुष के साथ चैट करती रहती थी। उसके साथ बातें करते हुए मुझे भी अच्छा लगता था। मैं घर में किसी के मैसेज का रिप्लाई नहीं करती थी लेकिन अपने भाई के मैसेज का रिप्लाई जरूर करती थी। वो मुझे अक्सर हंसाता रहता था।
जब मैंने आयुष की हरकतों पर ध्यान देना शुरू किया तो मुझे पता चला कि उसको शायद मेरी बड़ी बड़ी चूची बहुत पसंद आ गयी हैं क्योंकि कई बार वो मेरी चूचियों को ही घूरता रहता था। एक बार तो मजाक में उसने मेरी चूची दबा भी दी थी। उस वक्त मुझे बिल्कुल भी बुरा नहीं लगा क्योंकि हम दोनों दोस्त की तरह रहते थे।
इधर मैं अपने बॉयफ्रेंड के साथ भी मजे लेती थी। कुछ दिन उससे बातें करने के बाद मैंने अपने चचेरे भाई को ये बता दिया था कि मेरा एक बॉयफ्रेंड है। मगर आयुष को इस बात का पता नहीं था कि मैं अपने बॉयफ्रेंड के साथ सेक्स भी कर चुकी हूं। मैंने कई बार अपने बॉयफ्रेंड के साथ अपनी योनि चुदवाई थी। मुझे उसके साथ सेक्स करने में बहुत मजा आता था।
एक दिन फिर आयुष ने मुझको प्रपोज कर दिया तो मैंने मना कर दिया। वो कहने लगा कि वो मुझे बहुत पसंद करता है। मैंने उससे कहा कि मैं भी उसको लाइक करती हूं लेकिन उसको अपना बॉयफ्रेंड नहीं बना सकती हूं। इस बात पर फिर वो गुस्सा हो गया।
इस बात पर वो मुझसे नाराज हो गया और उसके बाद हम दोनों के बीच में उस रात को कोई चैटिंग नहीं हुई। फिर अगले दिन सुबह उसका मैसेज आया कि वह कुछ दिनों के बाद अपने घर वापस चला जायेगा। मैं भी सोच रही थी कि क्या आयुष को मना करके मैं सही कर रही हूं या गलत।
मैं ये समझ गयी थी कि उसको मेरा जिस्म पसंद है। मैं भी आयुष से दोस्ती नहीं तोड़ना चाह रही थी। मगर मैं उसके साथ सेक्स भी नहीं कर सकती थी क्योंकि मैं सेक्स केवल अपने बॉयफ्रेंड के साथ ही करती थी।
मगर फिर मैंने सोचा कि आयुष फिर अपने घर चला जायेगा। मैं उसको पसंद तो करती थी लेकिन वो मेरा भाई था इसलिए मैंने उसके साथ सेक्स करने के ऑफर को मना कर दिया था। मगर आजकल शहर में सब कुछ नॉर्मल हो गया है। भाई-बहन का सेक्स भी हो जाता है। इसलिए उस दिन मैं आयुष के बारे में ही सोचती रही और बहुत सोचने के बाद मैंने आयुष को ‘आई लव यू टू’ का मैसेज भेज दिया।
मेरा यह मैसेज पाकर वो बहुत खुश हो गया। वो शाम को ही मेरे पास आ गया। उस शाम को घर वाले कहीं बाहर गये हुए थे और हम दोनों घर में अकेले थे। मैं मेरे बेडरूम में लेटी हुई थी। फिर वो मुझसे बातें करने लगा और बताने लगा कि वो हमेशा मेरे बारे में ही सोचता था।
उसने यह भी बताया कि वो मेरे साथ बहुत दिनों से सेक्स करने के बारे में सोच रहा था। इतना कह कर उसने मुझे किस कर दिया और बोला कि अगर तुम कहोगी तो हम सेक्स करेंगे नहीं तो कोई जबरदस्ती वाली बात नहीं है। यह कहते हुए वो बार-बार मेरी चूची की तरफ ही देख रहा था।
उसको देखते हुए मैं भी स्माइल कर रही थी। फिर उसने होटल में सेक्स करने के लिए प्लान बनाया। लेकिन मुझे होटल में सेक्स करने का मन नहीं था तो मैंने मना कर दिया। मैंने आयुष से कह दिया कि जिस दिन सारे घरवाले शॉपिंग करने के लिए जायेंगे उस दिन हम सेक्स करेंगे। लेकिन हम घर में ही सेक्स करेंगे होटल में नहीं।
एक दिन फिर घर के मर्द लोग जॉब पर गये हुए थे और मेरी मॉम और भाभी को शॉपिंग के लिए जाना था। उस दिन मैंने सोच लिया था कि आज आयुष के साथ सेक्स होकर ही रहेगा। उस दिन मैंने अपनी योनि के बाल पहले से ही साफ कर लिये थे। फिर मॉम और भाभी शॉपिंग के लिए चले गये।
हमारे पास पूरे दिन का समय था। मैंने आयुष को पहले ही सारी प्लानिंग के बारे में बता दिया था मैसेज में। उसको ये भी बोल दिया था कि मैं कॉन्डम के साथ ही सेक्स करूंगी क्योंकि अपने बॉयफ्रेंड के साथ भी मैं कॉन्डम के साथ ही सेक्स करती थी। आयुष मेरी बात मान गया था।
जब वो घर आया तो उसके हाथ में कॉन्डम का पैकेट था। घर के अंदर आने के बाद मैंने दरवाजे को अंदर से लॉक कर दिया। उस दिन मैंने जालीदार ड्रेस पहनी हुई थी जिसमें मेरी ब्रा और पैंटी की झलक भी दिख रही थी। मेरे मामा का लड़का मुझे हवस भरी नजरों से देख रहा था।
अंदर आते ही उसने मुझे अपनी बांहों में ले लिया और मुझे किस करने लगा। हम दोनों शुरू से ही अच्छे दोस्त थे इसलिए मैंने भी बिना किसी विरोध के उसका साथ देना शुरू कर दिया। वो मेरे होंठों का रस पीने लगा। मैं भी उसके होंठों को चूसने लगी। उसका लंड तनाव में आने लगा था जो मुझे मेरी जांघ पर लगता हुआ महसूस हो रहा था।
कुछ देर किस करने के बाद आयुष ने मेरे कपड़े उतारते हुए मुझे नंगी करना शुरू कर दिया। उसने पहले मेरे जालीदार टॉप को उतारा। वो मेरी ब्रा को पकड़ कर ऊपर से ही मेरे चूचों को दबाने लगा। मुझे भी मजा आने लगा था। मैंने उसके लंड को छू लिया। फिर उसने मेरी ब्रा को खोल दिया और मेरे चूचों को नंगा कर दिया।
वो मेरे चूचों को हाथ में लेकर दबाने लगा। दो मिनट तक उसने मेरे चूचों को खूब दबाया और फिर मेरे चूचों को मुंह में लेकर पीने लगा। उसकी जीभ लगने से मेरे चूचों के निप्पल कड़े हो गये थे। मैं भी अब उसके तने हुए लंड को पैंट के ऊपर से सहला रही थी।
उसके बाद उसने मुझे बेड पर लिटा दिया और मेरी लोअर को खींच दिया। अब मैं केवल पैंटी में ही रह गई थी। आयुष ने मेरी पैंटी को उतार कर मेरी योनि को ध्यान से देखा। उसने मेरी योनि को खोल कर देखा और बोला- तुम्हारी योनि तो अंदर से बिल्कुल लाल है स्नेहा।
मैं बोली- हां, आज ये तुम्हारा लंड लेकर और ज्यादा लाल होने वाली है।
आयुष ने मेरी योनि की फांकों को खोल कर देखा और फिर अपनी उंगली मेरी योनि में अंदर बाहर करने लगा। मैं बेड की चादर को पकड़ कर खींचने लगी। जब मेरा चचेरा भाई मेरी योनि में उंगली कर रहा था तो मुझे बहुत मजा आ रहा था और मैं बिल्कुल पागल सी होने लगी थी।
कुछ देर तक वो ऐेसे ही मेरी योनि में उंगली करता रहा। फिर उसने मेरी योनि में जीभ को डाल दिया और मेरी योनि में जीभ से चोदने लगा। मैं बिल्कुल तड़प उठी और उसके मुंह को अपनी योनि में दबाने लगी। उसने पूरी जीभ अंदर तक घुसा दी थी और अपनी जीभ को अंदर ही अंदर घुमा रहा था। मैं अब ठुकाई के लिए तड़प उठी थी।