गाँव की देसी आंटी की देसी चुदाई की कहानी
इन सर्दियों में मैं अपने गाँव गया तो मैंने हमारे खेतों में काम कर रही गाँव की देसी आंटी की चुदाई कैसे की? मेरी देसी सेक्स की देसी कहानी पढ़ कर मजा लें।
दोस्तो, मैं प्रभाकर … बिहार से आपके सामने एक देसी आंटी की देसी चुदाई की कहानी लेकर आया हूँ। लेकिन ये एकदम सच्ची और कामुक देसी कहानी है। मैं आशा करता हूँ कि आप लोगों को ये सेक्स कहानी अच्छी लगेगी।
ये घटना कुछ
दिन पहले की ही है।
जब मैं अपने
गांव गया था। उस समय
ठंड का मौसम था, गेहूं
की सिंचाई चल
रही थी और तिलहन की
फसल भी बड़ी हो गई
थी। मेरे खेतों
में 5 दिन पहले
से ही सोहनी
का काम हो रहा था।
सोहनी का मतलब होता है
… खेतों से घास निकालना। खेत की सोहनी औरतें
मजदूर करती हैं।
मेरे खेत में भी 12 औरतें
सोहनी करने आई थीं। उन
सब महिलाओं की
उम्र 35 से 50 साल
के बीच की थी, पर
एक की उम्र लगभग 30 साल की थी। उसका
नाम वैजन्ती था।
वैजन्ती मेरे
गांव की ही थी। उसकी
जवानी बहुत गदराई
हुई थी। उसको
देखते ही मेरा लंड खड़ा
हो जाता था।
उसका सांवला चेहरा
था, पर वो बहुत ही
सेक्सी और चमकीली
जिस्म की मालकिन
थी। उसके होंठों
को देख कर साफ़ लगता
था कि जैसे इन रसीले
होंठों में अंगूर
का रस भरा हुआ हो।
वैजन्ती की
आंखें हिरन की तरह एकदम
मतवाली थीं। उसकी
कमर … ओये होय क्या कहना
… एकदम बलखाती और
लचीली थी। वैजन्ती की
चूचियां 34 इंच की
थीं। उसकी ये रसभरी मुसम्मियां
उसके भरे हुए जिस्म पर
चार चांद लगा
देती थीं।
उसका पति गुजरात
में मजदूरी करता
था। वैजन्ती को देख
कर मेरा लंड
खड़ा हो गया था। मैं
उसको चोदने के
लिए बेचैन हो
गया। मैं वैजन्ती को
चोदने का प्लान
बनाने लगा और कुछ ही
देर में मेरे
दिमाग में एक आइडिया आ
गया। मैं तुरंत
अपने घर आया और अपने
रूम से कुछ पोर्न हीरोइन
की नंगी और सेक्स करते
हुए फोटोग्राफ को
किताबों से फाड़ लाया।
मेरे खेतों में
जो मजदूर काम
कर रहे थे, मैंने उनके
लिए खाना भी ले लिया।
मैं आपको बताना
भूल गया। मेरी
उम्र 28 साल की है और
लंड 6।5 इंच का है।
मुझे हमेशा नई
नई योनी चोदने का
चस्का लगा रहता
था, चाहे जवान
योनी हो
या 45 साल की हो … बस
मेरे लंड को योनी की
तलाश ही रहती थी।
मैंने खेत पर
वापस आकर मजदूरों
को खाना दिया
और कहा कि तुम लोग
जाकर खाना खाओ।
खाना देने से
पहले मैंने ध्यान
से देख लिया
था कि वैजन्ती किस
लाइन में सोहनी
कर रही थी। जब सब
खाना लेकर खाने
चली गईं, तब मैंने वैजन्ती
वाली
लाइन में कुछ कदम पर
ये पोर्न फोटो
रख दिए और खेतों से
बाहर आ कर मेड़ पर
बैठ गया।
मैं अपने लंड
को सहलाते हुए
वैजन्ती के
ख्यालों में खो गया कि
आज अगर बात बन गई,
तो वैजन्ती की कजरारी
योनी के
दीदार हो जाएंगे
और उसे चोदने
में अलग ही मज़ा आएगा।
एक बात बता
दूँ कि अगर एक मजदूर
औरत चोदने को
मिल जाती है,
तो उस ग्रुप
की सारी औरतें
और लड़कियों की
योनी भी
कम मेहनत में
ही मिल जाती
हैं।
जब सब औरतें
खाना खा कर 30
मिनट बाद फिर से खेत
में आईं, तो मेरा दिल
वैजन्ती के
लिए बेचैन होने
लगा और लंड महराज सलामी
देने लगे।
वैजन्ती अपनी
लाइन में बैठ कर सोहनी
करने लगी। मैं
बस वैजन्ती को देखे
जा रहा था। जब वैजन्ती
पोर्न
फोटो के नजदीक
तक की घास निकाल ली,
तो मैं उसके
आगे आकर बाकी
सबसे बातें करने
लगा और तिरछी
नजर से उन रखी हुई
पोर्न फोटोज को
देखे जा रहा था, जो
अब वैजन्ती को मिलने
वाली थीं।
जैसे ही वैजन्ती
वहां
तक पहुंची, मैं
वहां से दूर हट गया
और देखने लगा
कि वो फोटोज
को देख कर क्या करती
है।
मैंने देखा कि
वो बड़े गौर
से फोटोज को
देख रही है। तभी उन
फोटोज पर उसकी जेठानी की
भी नजर पड़ गई। जेठानी
36 के आसपास थी।
वो भी मस्त दिखती थी।
उसकी जेठानी ने
तुरंत ही सारे फोटो वैजन्ती
के
हाथों से ले लिए और
देखने लगी।
फिर वो सारी
मजदूर औरतें आपस
में अश्लील मजाक
करने लगीं। सभी
ने उन फोटोज
को देखा। कोई
कहती कि हाय दैया … योनी
इतनी
गुलाबी होती है क्या।
कोई गोरा और
लम्बा लंड देख कर हैरान
थी।
पूरा माहौल गर्म
हो गया था। उसी समय
मैं भी वहीं उन सबके
सामने आ गया … तो मुझे
देख कर सब औरतें चुप
हो गईं।
वैजन्ती की
जेठानी से मैं भौजी कहता
था। मैंने उससे
पूछा- क्या बात
है फुलवा भौजी
… बहुत हंसी ठट्ठा
हो रहा है?
भौजी बोली- वैजन्ती
को
उसके पति की याद आई
है … इसलिये सब
मज़ाक कर रहे हैं।
भौजी की बात
सुनकर सब जोर जोर से
हंसने लगीं। वैजन्ती थोड़ा
शर्मा गई।
मैं बोला- भौजाईयों
को भाईयों की
याद ज्यादा सता
रही हो … तो अपने इस
देवर को याद कर लो
… देवर भी काम का होता
है। फुलवा भौजी
… आखिर वैजन्ती भौजी भी
तो इतनी मस्त
हैं और भाई उनको छोड़
कर गुजरात चले
गए हैं … याद
तो आएगी ही।
वैजन्ती बोली-
याद आ गया है … तो
क्या हुआ … आप
भी तो यहीं हैं … थोड़ा
प्यार हमें भी करा देना
बाबू जी। सारा
विदेशी सामान तो
बहूरानी को दे देते हो,
थोड़ा हम भौजाईयों
को भी दे देना।
मैंने बोला- भौजी,
मैं तो सारा सामान तो
बस नीचे के लिए लाता
हूं।
मेरी कामुक बात
सुनकर सब लोग हंसने लगीं।
हम सब कुछ
देर हंसी मजाक
करते रहे। फिर
मैं बोला- आप
लोग थोड़ा जल्द
काम करो … मैं
जाता हूँ।
मै खेत से
निकल कर सरसों
के खेत में ऐसा छिप
गया कि किसी को पता
ना चले।
मेरे हटते ही
उन सबने लंड
चूत की गंदी गंदी बातें
शुरू कर दीं।
मेरा ध्यान सिर्फ
वैजन्ती पर
था। मैंने देखा
वैजन्ती अब
गर्म दिख रही थी।
कुछ समय बाद
वैजन्ती वहां
से उठी और सरसों के
खेत की तरफ आने लगी।
मुझे पता था कि सब
इधर पेशाब करने
आती हैं। वैजन्ती भी
पेशाब करने आ रही थी।
वो इधर उधर
देख कर खेत के मेड़
पर बैठ गई और साड़ी
ऊपर करके जैसे
ही मूतने को
बैठी, मुझे उसकी
देसी योनी का दीदार
होने लगा। वैजन्ती की
योनी काले
रंग के रेशमी
झांटों से पूरी तरह से
ढकी हुई थी। उसकी योनी
से
पेशाब की धार ‘शु श्श्श।।’
की आवाज के साथ निकलने
लगी। मैं उसकी
मूतती हुई योनी का
पूरा वीडियो बना
रहा था।
पेशाब करने के
बाद वैजन्ती एक उंगली
योनी के
अन्दर डाल कर योनी को
ठंडा करने लगी।
वो योनी में उंगली
से तेजी से अन्दर बाहर
करते हुए आंखें
बंद किए हुई थी। इधर
उसकी योनी में चलती
हुई उंगली का
वीडियो बनता जा रहा था।
वीडियो बनाते हुए
मैं उसके करीब
आने लगा। उसकी
आंखें अभी भी बंद थीं
और वो अभी भी मुठ
मारने में खोई हुई थी।
उसको पता ही नहीं था
कि कोई उसको
देख रहा है।
मैं उसके बहुत
करीब आकर ज़ूम
करके वीडियो बनाने
लगा। मुझे योनी में
उंगली की आवाज भी सुनाई
दे रही थी …
और उसके मुँह
से निकलती हल्की
हल्की सिसकारियां भी
मुझे मस्त कर रही थीं।
मैं धीरे से
बोला- वैजन्ती भौजी, कहां
खोई हो?
इतना सुनते ही
वो घबराहट के
साथ साड़ी नीचे
करके खड़ी हो गई और
बोली- प्रभाकर बाबू
आप ये क्या कर रहे
हो … मुझे पेशाब
करते देखने आ गए। मैं
जा रही हूँ
… मैं ये सब आपके पापा
से कहूंगी।
मैं हंसने लगा
और बोला- जाओ
कह दो भौजी
… मैंने भी तुमको
पेशाब करते हुए
और योनी में उंगली
करते समय का वीडियो बना
लिया है। मैं आपकी मुठ
मारते हुए वाली
पूरी वीडियो सबको
दिखाऊंगा।
वैजन्ती इस
बात को सुनकर
डर गई और बोली- प्रभाकर
बाबू ऐसा मत करना … मैं
नहीं कहूँगी … पर
आप वीडियो हटा
दीजिए।
मैं बोला- एक
शर्त पर … अगर
आप हमको अपने
हुस्न का जलवा एक बार
दिखा दो तो।
वो हंस कर
बोली- अच्छा ये
बात है … मेरे
जैसे आग आपको भी लगी
है … तो ठीक है … आज
तो आपके खेत
में काम ज्यादा
है। दो दिन बाद जब
आप खेत में पानी देना,
तो अपने ट्यूब
बैल पर मुझे देख लेना।
मैं बोला- ठीक
है … पर आज मेरे लंड
को ठंडा कर दो … चाहे
5 मिनट के लिए ही हिला
दो।
वैजन्ती बोली-
ठीक है … शाम
को 4 बजे इसी सरसों में
आपके लंड का काम तमाम
कर दूंगी।
मैं बोला- ओके
… पर भौजी अभी
कुछ तो कर दो।
वो मेरे लोअर
में हाथ डाल कर लंड
सहलाने लगी। उसके
चेहरे पर मुस्कान
आ गई। वैजन्ती बोली-
प्रभाकर बाबू आपका
तो बहुत प्यारा
और बड़ा है।
मैंने बोला- वैजन्ती
… मैंने
जब से तुमको
देखा है, तब से तुझे
चोदने का प्लान
बना रहा था। जो फोटोज
तुमने देखी थीं,
वो भी मैंने
ही रखी थीं।
वैजन्ती ये
सुनकर हंसने लगी
और बोली- मैं
तो आपको अपनी
योनी दे
दूंगी बाबू जी
… पर आपको भी हमें कोई
सौगात देनी होगी।
मैं मान गया
और मैंने अपना
लंड वैजन्ती के हाथों
में देकर उससे
लंड चूसने को
कहा। पर वैजन्ती ने
लंड चूसने से
मना कर दिया।
मैंने कहा- अच्छा
बस लंड पर चूमा ले
लो मेरी जान।
उसने मुस्कुरा कर 4 बजे
का टाईम दे दिया और
काम पर चली गई।
मैं बेचैनी से
4 बजे का इंतजार
करने लगा … क्योंकि
आज वैजन्ती की कजरारी
गाँव की योनी की
चुदाई करने को मिलने वाली
थी।
फिर मैं 3 बजे
खेतों में आ गया और
मजदूरों से जल्द जल्द काम
करने को बोलने
लगा।
मैं फुलवा भौजी
से बोला- भौजी
काम जल्दी खत्म
कर दो और जाओ, आपके
बच्चे इंतजार कर
रहे होंगे।
फुलवा बोली- बच्चे
दूध पीने वाले
नहीं है बाबू जी … हम
सब साथ ही जाएंगे।
मैं बार बार
घड़ी देख रहा था। जब
3।40 हुआ, तो मैं बोला-
अब मैं घर जा रहा
हूँ … शाम 5 बजे
तक पैसा लेकर
आऊंगा … तब तक आप लोग
आज का काम खत्म कर
देना।
मैं वैजन्ती के
पास जाकर बोला-
अभी 3।40 हो गया है,
थोड़ा हाथ जल्द
चला लो वैजन्ती ।
मैंने मुठ मारने
के लिए हाथ चलाने का
इशारा किया, तो
वो मेरा इशारा
समझ गई और मुस्कुरा दी।
मैं अपने खेत
से निकल कर उस सरसों
के खेत में उसी जगह
पर छिप गया।
दस मिनट बाद
फुलवा और एक औरत पेशाब
करने आईं। दोनों
ने सरसों के
खेत की तरफ पीठ करके
साड़ी ऊपर की और मेड़
पर बैठ कर पेशाब करने
लगीं। मैं उन दोनों का
वीडियो बनाने लगा।
फुलवा की गांड
एकदम गोरी थी और उसके
साथ जो आई थी, उसका
नाम सुशीला था।
उसकी गांड गेहूं
के रंग की थी, पर
बहुत ज्यादा सेक्सी
गांड थी।
सुशीला और फुलवा
की गांड मोटी
थीं। उन दोनों
के छेद देख कर मेरा
लंड खड़ा हो गया था।
मैंने सोचा पहले
वैजन्ती का
मजा ले लूँ, फिर इन
के छेद में लंड पेलने
की कोशिश करूंगा।
दोनों पेशाब करके
खेत में काम पर चली
गईं। मेरा लंड
खड़ा था, तो मैंने लंड
पर थूक लगा कर उसे
खूब गीला कर रहा था।
करीब 4।05 पर
मैंने वैजन्ती को आते
देखा, तो मैं वहीं खड़ा
हो गया … ताकि
वैजन्ती मुझे
देख ले। वैजन्ती की
नज़र मेरे ऊपर
पड़ी, तो मेरे पास तेजी
से आ गई। फिर हम
दोनों खेत के थोड़ा अन्दर
जाकर बैठ गए।
वैजन्ती बोली-
बाबू साहब टाईम
कम है जल्द लगा कर
गिरा लीजिए।
मैंने उसकी साड़ी
को ऊपर किया,
तो बोली- पहले
मूत लेने दो प्रभाकर बाबू।
मैं बोला- चलो
हम तुमको मुतवा
देते हैं।
मैंने उसकी योनी
के
होंठों को उंगली
से फैला दिया
और कहा- मूतो
मेरी रानी।
वो मुस्कुराते हुए पेशाब
करने लगी। उसकी
पेशाब की धार मेरी उंगली
से होते हुए
गुजर रही थी। बहुत गर्म
और अच्छा लग
रहा था।
फिर मैंने वैजन्ती
से
लंड चूसने को
बोला, तो मना करने लगी।
वैजन्ती बोली-
साहब समय कम है … जल्दी
से ले लो।
मैंने वहीं उसको
घोड़ी बना दिया
क्योंकि सरसों के
खेत में लेट कर चुदाई
नहीं हो सकती थी। उसके
घोड़ी बनते ही मैंने फिर
से अपने थूक
से लंड को गीला किया
और उसकी योनी में
भी थूक लगा दिया।
Desi-bhabhi-chudai
Desi Bhabhi Chudai
फिर लंड को
उसकी योनी के सेंटर
में ले जाकर जोर का
धक्का दे दिया।
वो चिल्ला पड़ी,
परंतु मैंने उसके
मुँह को अपने हाथ से
दबा दिया … ताकि
चीख बाहर ना जाए।
एक मिनट तक
बिना हिले मैं
रुका रहा … फिर
तेजी से लंड उसकी योनी
में
अन्दर बाहर करते
हुए पेलने लगा।
वैजन्ती मस्ती
से बोल रही थी- आह
बाबू आपका बहुत
मोटा है … लेकिन
थोड़ा जल्दी करो
… मेरी योनी अभी रेडी
भी नहीं है
… पर आपकी खुशी
के लिए चुद रही हूँ।
जरा तेजी से झटका लगा
कर अपने लंड
का रस मेरी योनी में
गिरा दीजिए।
मैं बोला- वैजन्ती
आज
तेरी योनी को चोद
तो रहा हूँ,
पर तेरी योनी की
अच्छे से प्यार
कर पाया … ना
ही तुम्हारी चूचियां
मसल पाया। बस
तुम्हारे रेशमी झांटों
से ढकी बुर में लंड
लगा दिया है।
इतना कह कर
मैंने 5 मिनट तक खूब स्पीड
में उसकी देसी
योनी को
चोदा। वैजन्ती और मैं
… हम दोनों एक
साथ झड़ गए। मेरे वीर्य
से उसकी योनी भर
गई। मैंने अपने
लोअर से रूमाल
निकाल कर उसकी योनी और
अपना लंड साफ किया।
फिर बिना किस
किए उसको 1000 रुपये
गिफ्ट के रूप में दे
दिए।
वैजन्ती पैसा
लेकर जल्द से खेत की
तरफ बढ़ गई।
मैं भी 10 मिनट
इन्तजार करके करीब
4।40 पर गया खेत में
आ गया।
वैजन्ती मुझको
देख कर बोली-
बाबू साहब, आप
गांव में नहीं
रहते हैं क्या?
मैंने बोला- नहीं
वैजन्ती , मैं सऊदी
अरब में रहता
हूँ।
उसको समझ नहीं
आया कि सऊदी अरब क्या
होता है। मैंने
बताया कि भारत से बाहर
विदेश में रहता
हूँ। तब वो समझी।
गाँव की देसी
आंटी की
देसी चुदाई की
कहानी आपको कैसी
लगी?