गाँव की गर्मी: मामी-भांजा का गुप्त प्यार
एक छोटे से गाँव की गर्मी की शाम... हवा में सुगंधित फसलों की खुशबू, दूर कहीं मोर की आवाज़ और चारों तरफ शांति। मामी (राधिका, 35 साल) और उनका भांजा (राहुल, 21 साल) एक ही घर में रहते हैं। घर में राहुल की माँ (राधिका की बहन), पापा और दादी भी हैं, लेकिन आज सभी पड़ोस के गाँव में एक शादी में शामिल होने गए हैं, जिससे घर पूरी तरह खाली हो गया है...
चुपके से निहारना
राहुल हमेशा से ही अपनी मामी राधिका को गुपचुप तरीके से देखता था। उनकी मोटी कमर, भरा हुआ सीना और गोरी त्वचा उसे बेचैन कर देती थी। आज जब वह अकेले घर में थे, तो उसने मामी को नहाते हुए देखने की योजना बनाई।
बाथरूम का दरवाजा थोड़ा खुला था, और राहुल ने चुपके से झांका। राधिका नंगी होकर पानी से अपने बदन को धो रही थी। उसके हाथ धीरे-धीरे अपने स्तनों पर फिर रहे थे, और राहुल का दिल धड़कने लगा। वह अपने पैंट में ही खड़ा हो गया, उसका लंड सख्त हो चुका था।
थोड़ी देर बाद, जब राधिका बाथरूम से बाहर आई, तो उसने राहुल को घूरते हुए देखा। वह शर्मा गई, लेकिन उसकी आँखों में कुछ और ही चमक थी...
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राधिका ने पूछा, *"क्या देख रहा है इतना ग़ौर से?"*
राहुल हकलाया, *"कुछ नहीं मामी... बस आप..."*
राधिका ने उसकी नज़रों से सब समझ लिया। वह धीरे से पास आई और उसके गाल पर हाथ फेरा। *"तू अब बड़ा हो गया है... तेरी नज़रें भी अब मर्द वाली हो गई हैं..."*
राहुल ने हिम्मत जुटाई और उसके हाथ को पकड़ लिया। *"मामी... मैं..."*
राधिका ने मुस्कुराते हुए उसके होठों पर उंगली रख दी। *"चुप... अगर किसी ने सुन लिया तो?"*
राधिका ने धीरे से राहुल को अपनी ओर खींचा। उसके नर्म होंठ राहुल के होठों से मिले। दोनों का पहला किस्स... जिसमें जुनून और डर दोनों थे।
राहुल के हाथ अनायास ही राधिका के भरे हुए स्तनों पर चले गए। वह मदहोश हो गई और धीरे से कराह उठी। *"अह्ह... ऐसे नहीं... धीरे..."*
लेकिन राहुल रुकने वाला नहीं था। उसने उसकी साड़ी खोलनी शुरू कर दी...
राधिका की साड़ी अब पूरी तरह खुल चुकी थी, उसका नंगा बदन चाँदनी में चमक रहा था। राहुल की सांसें तेज हो गईं जब उसने मामी के भरे हुए स्तनों को बिना किसी रुकावट के पहली बार देखा। उनके गुलाबी निप्पल्स सख्त हो चुके थे, जैसे उसकी नजरों के स्पर्श से ही उत्तेजित हो गए हों।
राधिका चारपाई पर पीठ के बल लेट गई, उसकी जांघें शर्म से थोड़ी सिकुड़ी हुईं। राहुल ने धीरे से उन्हें खोला और अपने घुटनों के बीच में ले लिया। उसकी उंगलियों ने मामी की चूत को टटोला तो पाया कि वह पहले से ही गीली हो चुकी है।
*"मामी...तुम तो पहले से ही तैयार हो..."* राहुल ने कहा जबकि उसकी उंगली उसके गीले छेद में अंदर-बाहर होने लगी।
राधिका ने आंखें बंद कर लीं और मुंह से एक गहरी सांस छोड़ी, *"अह्ह...नहीं...ऐसे मत कर...सीधे...अंदर आ जा..."*
राहुल ने अपना कड़ा हुआ लंड उसकी चूत के इनलेट पर रखा और धीरे से दबाव बनाना शुरू किया। राधिका की सांसें तेज हो गईं जब उसने महसूस किया कि उसका भांजा उसके अंदर घुस रहा है।
*"आह्ह...धीरे...बहुत बड़ा है तू..."* राधिका ने कराहते हुए कहा जब राहुल का पूरा लंड अंदर तक जा पहुंचा।
राहुल ने धीरे-धीरे स्ट्रोक्स लेना शुरू किया, हर बार अंदर जाते हुए थोड़ा तेज। राधिका के नाखून उसकी पीठ में घुस गए जब उसने तेजी से धक्का दिया। चारपाई की चरमराहट की आवाज कमरे में गूंजने लगी।
कुछ देर बाद राधिका ने खुद को पलट लिया और घुटनों के बल हो गई, अपना मोटा कूल्हा राहुल की तरफ उठाते हुए। *"पीछे से...अब पीछे से ले मुझे..."*
राहुल ने उसके कूल्हों को मजबूती से पकड़ा और एक झटके में अपना लंड उसकी गीली चूत में घुसा दिया। इस बार उसने कोई रियायत नहीं दिखाई - पूरी ताकत से, पूरी गति से वह उसके अंदर-बाहर होने लगा।
*"चोद मुझे...अह्ह...तेरी मामी को चोद!"* राधिका चिल्लाई जब राहुल ने उसके कूल्हों पर जोरदार थप्पड़ मारा। उसकी चूत से 'चप-चप' की आवाज आने लगी जब लंड बार-बार अंदर जाता और बाहर आता।
राधिका का सिर चारपाई से टकरा रहा था, उसके बाल बिखर चुके थे। वह खुद को रोक नहीं पा रही थी - *"आह्ह...मैं निकलने वाली हूँ...ओह भगवान!"*
राहुल ने उसे पलट दिया और खुद नीचे लेट गया। राधिका अब ऊपर थी, उसने राहुल का लंड पकड़ा और धीरे-धीरे उस पर बैठना शुरू किया।
*"देख...तेरी मामी कैसे तुझे चोदती है..."* राधिका ने कहा जब वह ऊपर-नीचे होने लगी, उसकी चूत राहुल के लंड को पूरी तरह निगल रही थी।
राधिका के स्तन उछल रहे थे जब वह तेजी से ऊपर-नीचे हो रही थी। राहुल ने उसके निप्पल्स को मुंह में ले लिया और चूसना शुरू कर दिया, जिससे राधिका और भी ज्यादा उत्तेजित हो गई।
*"हां...ऐसे ही...मुझे और चूस!"*
अचानक राहुल ने उसे उठा लिया और दीवार के सहारे दबा दिया। राधिका ने अपनी जांघें उसकी कमर पर लपेट लीं जबकि राहुल ने उसे हवा में ही चोदना शुरू कर दिया।
*"अब बोल...तेरा भांजा कैसा चोदता है?"* राहुल ने गुर्राते हुए कहा जबकि वह जानवरों की तरह उसे झटके दे रहा था।
राधिका चिल्लाई, *"सबसे बेहतर! अह्ह...मैं निकल रही हूँ! आ आ आ!"*
राहुल ने भी अपना वीर्य उसकी चूत के अंदर गिरा दिया, दोनों एक साथ चरम पर पहुंचे।
अगली रात को
गाँव की वो रात जब सन्नाटा इतना गहरा था कि सांसों की आवाज़ भी सुनाई दे रही थी। मामा (रमेश, 40 साल) और मामी अपने कमरे में गहरी नींद में सोए हुए थे। बगल वाले कमरे में उनका भांजा बेचैनी से करवटें बदल रहा था। उसकी नज़रें घड़ी पर टिकी थीं...12:30 बज चुके थे। आज रात वो अपनी मामी के साथ वो करने वाला था जिसकी उसने कल्पना भी नहीं की थी—**मामा के बगल में ही मामी की चूत चाटना!**
राहुल ने धीरे से दरवाज़ा खोला। कमरे में अंधेरा था, सिर्फ चाँद की रोशनी से मामा और मामी की सोई हुई शक्लें दिख रही थीं। मामा खर्राटे ले रहे थे, उनकी पीठ मामी की तरफ थी। मामी साड़ी उठाकर सोई हुई थी, उनकी एक जांघ खुली हुई थी—जैसे राहुल का इंतज़ार कर रही हो।
राहुल का दिल धड़क रहा था। वह धीरे-धीरे चारपाई के पास गया और मामी के पैरों के पास बैठ गया। उसने हाथ बढ़ाकर मामी की जांघ को छुआ...गर्म और मुलायम। मामी ने हल्की सी करवट ली, लेकिन जागी नहीं।
*"आज तो मैं पूरा चाटूंगा..."* राहुल ने मन ही मन सोचा।
राहुल ने धीरे से मामी की साड़ी और पेटीकोट ऊपर किया। उनकी नंगी चूत सामने थी—गुलाबी, थोड़ी गीली और खुशबूदार। राहुल ने अपनी जीभ निकाली और धीरे से उनकी चूत के ऊपर वाले हिस्से को चाटा।
*"म्म्म..."* मामी ने नींद में ही मुस्कुरा दिया।
राहुल ने और जोश से चाटना शुरू किया। उसकी जीभ मामी की चूत के अंदर तक घुस गई, गीलेपन का स्वाद लेते हुए। मामी की सांसें तेज होने लगीं, लेकिन वह चुपचाप सह रही थी—डर के मारे कि कहीं मामा न जाग जाएं।
अचानक मामी ने अपनी जांघें राहुल के सिर पर कसकर बंद कर लीं, उसे और गहराई तक धकेलते हुए। *"अह्ह...हां..."* उन्होंने फुसफुसाया।
मामा अभी भी गहरी नींद में थे, उनके खर्राटे कमरे में गूंज रहे थे। राहुल ने इसका फायदा उठाया और मामी की चूत को ज़ोर-ज़ोर से चाटना शुरू कर दिया। उसने अपनी उंगलियाँ भी अंदर डाल दीं और तेजी से हिलाने लगा।
मामी का शरीर कांपने लगा। वह राहुल के सिर को जोर से पकड़कर अपनी चूत पर दबाने लगी। *"और...और जोर से..."* उन्होंने हांफते हुए कहा।
राहुल ने उनकी गांड उठाई और जीभ से उनके गांड के छेद तक पहुंच गया। मामी का मुंह खुला रह गया, लेकिन आवाज़ नहीं निकली—सिर्फ एक लंबी, कांपती हुई सांस।
थोड़ी देर में मामी का पूरा बदन तन गया। उन्होंने राहुल के बाल जोर से पकड़ लिए और अपनी चूत उसके मुंह पर रगड़ते हुए झड़ गईं। *"आ आ आह्ह..."*
राहुल ने उनका सारा रस पी लिया और फिर धीरे से उठकर खड़ा हो गया। मामी ने थकी हुई आँखों से उसे देखा और मुस्कुरा दी। *"कल फिर आना..."* उन्होंने इशारे से कहा।
राहुल चुपचाप कमरे से निकल गया, मामा अभी भी गहरी नींद में खर्राटे ले रहे थे।