सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

आरती की गांड़ चुदाई

आरती को घोड़ी बनाकर चोदा

मैं एक जिगोलो हूँ, पैसे लेकर लोगों की सेक्स पूर्ति करता हूँ। एक दिन मुझे एक पुरुष ने बुलाया। मैं गया तो उसने मुझे किसी अमीर वी आई पी लेडी के लिए बुलाया था।

दोस्तो, मेरा नाम AK47 है, असली नाम तो कुछ और ही है, मगर ये मेरा बिज़नस नाम है। बिज़नस नाम मतलब, आप सोचेंगे कि बिज़नस में नाम बदलने की क्या ज़रूरत है। मैं आपको बताता हूँ।

मैं एक जिगोलो हूँ। मैं पैसे लेकर लोगों की सेक्स पूर्ति करता हूँ। दूसरे शब्दों में मैं एक मर्द वेश्या हूँ। अब समझ गए।

ऐसी बात नहीं है कि मैं सिर्फ औरतों को ही अपनी सेवाएँ देता हूँ, कई बार मुझे मर्दों ने भी बुलाया है, कुछ मेरा लंड चूसते हैं, कुछ मुझसे अपनी गांड मरवाते हैं। एक दो ने मेरी भी मारी है। मगर मुझे अपनी गांड मरवाने में कोई मज़ा नहीं आता, इसलिए मैंने अब मर्दों को सिर्फ अपने लंड की सेवा ही देता हूँ।


हाँ, औरतों के लिए ये ऑप्शन मैंने खुली रखी है, क्योंकि बहुत सी औरतों को आदत होती है, अपनी भोंसड़ी मरवाते हुये, मर्द की गांड में उंगली करने की, या बस यूं ही मर्द को तड़पाने या सताने के लिए उसकी गांड में कुछ घुसेड़ देने की। औरतों के लिए मैं ये दर्द भी सहन कर लेता हूँ। क्योंकि इसके बाद मैं जो उनकी माँ चोदता हूँ, तो बस फिर तो उनकी चीखें दिल्ली से दक्षिण तक सुनती हैं।

अब वैसे तो मैं अपनी बॉडी का बहुत ख्याल रखता हूँ। रोजाना जिम जाता हूँ। अच्छे खासे मसल बना रखे हैं। मगर अपने लंड के लिए मैंने खास अपने एक डॉक्टर दोस्त की हेल्प लेता हूँ जिससे मैं अपने लंड को अपनी मर्ज़ी तक खड़ा रख सकता हूँ, अपनी मर्ज़ी तक अपना पानी गिरने से रोके रख सकता हूँ।


और खास बात यह कि मेरा लंड पहले नॉर्मल सा ही था। सिर्फ 6 इंच का मगर अब ये 8 इंच का हो गया है और मोटा भी। औरतें तो मेरे लंड की लंबाई और मोटाई देख कर मर ही जाती हैं। शायद ही एक या दो औरतें होंगी जिन्होंने मेरे को सामान्य सा देखा, नहीं तो ज़्यादातर औरतें तो इसे देखते ही अपने हाथ में पकड़ती हैं और सीधा मुँह में लेकर चूसना शुरू कर देती हैं।

पता नहीं सालियों को बड़े लंड में क्या मज़ा आता है।

खैर!


एक दिन मैं अपने घर पर ही बैठा था कि मुझे एक कॉल आई।

मैंने फोन उठाया, तो एक मर्द के आवाज़ आई- हैलो मिस्टर AK47।

मैंने कहा- जी कहिए?

वो बोला- मैं आपसे मिलना चाहता हूँ।


मैंने येस की तो हम दोनों मिलने की जगह और समय निश्चित किया। उसी शाम मैं उस आदमी के घर गया। वो एक शानदार कोठी थी, मैं बाहर सेक्योरिटी गार्ड को अपना परिचय दिया तो वो मुझे अंदर ले गया।

अंदर मुझे एक रूम में बैठाया गया।


तभी सफारी सूट में एक आदमी मेरे सामने आया। औपचारिक अभिवादन के बाद उसने मुझे एक बगल वाले कमरे में चलने को कहा।


वहाँ बैठते ही वो बोला- हमने आपकी बहुत तारीफ सुनी है, मगर इससे पहले कि मैं आपको मैडम से मिलवाऊँ, मैं चाहता हूँ, आपकी जो विशेषता है, मैं भी उसे देखूँ ताकि मैं मैडम को आपकी उस विशेषता के बारे में ठीक से बता सकूँ।

मतलब वो आदमी पहले मेरा लंड देखना चाहता था।


मैंने उठ कर अपनी पैंट खोली, और अपनी पैंट और चड्डी दोनों नीचे को सरका दिये। मैंने उसके सामने नंगा खड़ा था।

उस आदमी ने मेरे लंड को बड़े ध्यान से देखा और बोला- सच में आप तो बहुत बढ़िया हो।

मैंने कहा- मैं औरतों के अलावा मर्दों को भी अपनी सेवाएँ देता हूँ।

वो हंस पड़ा और बोला- जी नहीं, मुझे आपकी सेवाओं की कोई ज़रूरत नहीं, बस मैडम की किसी सहेली ने आपकी बहुत तारीफ कर मैडम के पास, तो मैडम ने कहा कि आपसे मिलना है।


मैंने पूछा- ये मैडम कौन हैं?

वो बोला- ये जान कर आप क्या करोगे, आप बस अपना काम ढंग से करना।

मैंने कहा- कोई बात नहीं, ये तो मैंने वैसे ही पूछ लिया, वरना मुझे किसी से कोई मतलब नहीं।


वो बोला- तो ठीक है, फिर कब मिल सकते हो?

मैंने कहा- मैं तो अभी तैयार हूँ, आप चाहो तो मैडम को अभी बोल दो।


वो मुझसे इजाज़त लेकर चला गया, और मैं बैठ कर इंतज़ार करने लगा।

थोड़ी देर में वो आया और मुझे अपने साथ ले गया।


हम उस कोठी के पीछे बनी एक और कोठी में गए, ये कोठी एक घर जैसी थी। पहले वाली कोठी ऐसे थी, जैसे किसी बड़े नेता या व्यापारी का कोई दफ्तर हो, सिर्फ बाहर से आने जाने वाले लोगों से मिलने के लिए।


हम कोठी के अंदर एक बेडरूम में गए। मुझे वहाँ बैठा कर वो आदमी चला गया। मैं बैठ कर इंतज़ार करने लगा।


करीब पाँच मिनट बाद एक 40-45 साल की गोरी चिट्टी औरत अंदर आई। सफ़ेद रंग की लाल बार्डर वाली साड़ी, सुर्ख लाल ब्लाउज़। भरा हुआ बदन। देखने में भी सुंदर, मोटी कजरारी आँखें, भरे हुये गाल, रसीले होंठ, तीखा नाक। बदन की थोड़ी भरी थी, मगर फिर भी बहुत ही शानदार औरत थी।

मैंने उसे हैलो कहा।


वो मुस्कुराई और सामने बेड पर बैठ गई।

“तो क्या नाम है आपका?” उसने पूछा।

मैंने कहा- जी AK47।

वो बोली- अच्छा होगा यदि हम इस तकल्लुफ से बाहर निकले और दो दोस्तों की तरह आपस में बात करें। मेरा नाम आरती है और शायद आपने मुझे पहचाल ही लिया होगा कि मैं कौन हूँ।


मैंने कहा- वैसे लगता तो है कि मैंने आपको कहीं देखा है, मगर याद नहीं आ रहा।

वो मुस्कुराई और बोली- फिर तो बहुत अच्छा है अगर तुम्हें पता नहीं कि मैं कौन हूँ। और अगर कल को पता लग भी जाए कि मैं कौन हूँ, तो मेरे बारे में किसी को बताना मत।

मैंने कहा- जी नहीं, मैं अपने धंधे के असूलों का बड़ा पक्का हूँ। आपकी हर बात मेरे साथ सेफ है।

वो मुस्कुराई और बोली- तो उठ कर यहाँ आओ, मेरे पास।


मैं सोफ़े से उठ कर बिल्कुल उसके सामने उसके बेड पर जा बैठा।

उसने मेरा हाथ अपने हाथ में पकड़ा और बोली- देखो, मैं अपने पति से बिल्कुल भी खुश नहीं हूँ, वो हर वक्त अपने काम में बिज़ी रहते हैं, और मैं अपने काम मे। तो हमें मिलने का मौका बहुत कम ही मिलता है। और इसी लिए मैं हमेशा प्यासी ही रहती हूँ। बाहर मैं बेशक बहुत ही शरीफ और इज़्ज़तदार औरत हूँ मगर यहाँ अपने बेडरूम में मैं सिर्फ रांड हूँ। मुझे हर वक्त किसी मर्द द्वारा मसले जाने की इच्छा होती है। कुछ दिन हुये, तुम मिसेज शर्मा से मिले थे। नईमा शर्मा।

मैंने हाँ में सर हिलाया।


वो बोली- वो मेरी बहुत अच्छी सहेली है उसने ही मुझे तुम्हारे बारे में बताया। अब मैं चाहती हूँ कि तुम नईमा की तरह मेरी भी खूब सेवा करो ताकि मैं तुम्हें बार बार बुलाऊँ। अब मैं जिस पोजीशन पर हूँ, वहाँ मैं हर किसी के नीचे नहीं लेट सकती। मुझे सिर्फ एक मर्द चाहिए और पक्का चाहिए। अगर तुम मुझे पसंद आए तो मैं तुम्हें अपने साथ ही पक्का रख लूँगी। पैसे की तुम चिंता मत करना, जितना बोलोगे उतना मिलेगा।

मैंने कहा- ठीक है, मैडम।

तो वो बोली- मैडम बाहर, यहाँ मैं आरती हूँ, आरती रंडी, आरती रांड, आरती गश्ती, कुत्ती, कामिनी, हरामखोर, या जो भी गली तुम मुझे देना चाहो, बस मेरे पर कोई रहम मत करना। ये मत सोचना कि तुम मेरी सेवा करने आए हो, ये सोचो कि तुम मुझे मसलने आए हो। मुझे मारो, पीटो, गाली दो, जो मर्ज़ी करो, बस निशान वहाँ डालना जहां को देख न सके।


मैंने समझ गया कि इसे क्रूर काम पिपासा है।

मैंने कहा- तो ये बता, शुरू कब करूँ?

वो बोली- अभी।


मैंने उसे हाथ पकड़ कर खड़ा किया- आपके पूर्ण सम्मान के सहित मैं आपको ये निवेदन करता हूँ कि जो कुछ भी मैं आपके साथ करने जा रहा हूँ, उसमें आपकी पूर्ण सहमति है, आपके घर परिवार मान प्रतिष्ठा का मैं पूरा सम्मान करता हूँ, पर तेरी जैसे दो कौड़ी की रंडी की माँ चोदना अब ज़रूरी हो गया है ताकि तुझे तेरी औकात बता सकूँ, साली मादरचोद!

कह कर मैंने उसे धक्का मारा और वो बेड पर गिर गई और उसकी साड़ी उठ कर उसके घुटनों तक आ गई।


उसने अपने हाथ से अपनी साड़ी ठीक करनी चाही तो मैंने एकदम उसका हाथ झटक दिया- बहुत शर्मीली बनती है, साली रांड, सारी उम्र यहाँ वहाँ मुँह मरने वाली कुतिया, मुझे शर्म, अपने यार से शर्म?

कह कर मैंने उसकी साड़ी और पेटीकोट पूरा ऊपर उठा दिया।


गोरी मोटी चर्बी से भरी हुई जांघें, और ऊपर सुर्ख लाल पैंटी। मैंने उसे ज़बरदस्ती उल्टा दिया। मोटे मोटे चूतड़ों पर कसी लाल पैंटी काफी सेक्सी लग रही थी मैंने ज़ोर से एक चपत उसके मोटे चूतड़ पर मारी- क्या मस्त गांड है तेरी मादरचोद।

चांटा जोरदार था, तो जैसे ही चांटा उसके चूतड़ पर पड़ा, उसके मुँह से जोरदार ‘आह …’ निकली और उसकी मोटी गांड पर मेरी उंगलियों के निशान छप गए।


वो बोली- इतनी ज़ोर से नहीं, दर्द होता है। मुझे प्यार करो, मुझे तड़पाओ, मगर मारो मत!


मैंने उसकी चोटी पकड़ कर खींची, एक और ‘आह …’ उसके मुँह से निकली। मैंने कहा- क्यों री भोंसड़ी की तू तो बहुत छिनाल बनी फिरती थी, एक ही हाथ में अकल ठिकाने आ गई क्या?

वो बोली- औरत चाहे कितनी भी मुँह ज़ोर हो, मर्द का एक तगड़ा हाथ पड़े तो उसकी अकाल तो वैसे ही ठिकाने आ जाती है।


मैंने उसकी साड़ी का आँचल पकड़ा और खींच कर उसकी सारी साड़ी खोल दी, ठीक जैसे फिल्मों में विलेन हीरो की बहन के साथ जबर करते वक्त खींचता है।

और वो भी घूम कर ऐसे नीचे गिरी जैसे कोई दीन हीन अबला किसी वहशी दरिंदे की चुंगल में फंस कर फर्श पर बैठी हो। मेरी तरफ उसने देखा भी बड़ी बेबसी से, जैसे मुझसे किसी रहम की फरियाद कर रही हो।


मैंने अपनी कमीज़ के बटन खोले, अपने जूते उतारे और पैंट भी उतार दी। अब मैं सिर्फ चड्डी में था, और वो मेरे सामने पेटीकोट और ब्लाउज़ में फर्श पार बैठी थी। ब्लाउज के गहरे गले में से उसका बड़ा सा क्लीवेज दिख रहा था।


उसे कंधों से पकड़ कर मैंने उठाया और उसके चेहरे को अपने दोनों हाथों में पकड़ कर उसके होंठों को चूमना चाहा तो उसने मुझे धक्का दे कर गिरा दिया।

आरती को घोड़ी बनाकर चोदा पार्ट 2


इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

अंजली दीदी को घोड़ी बनाकर चोदा

  अंजली दीदी को घोड़ी बनाकर चोदा   पिछली कहानी थी मॉडलिंग   की   लालच   में   मेरी   बहन   चुद   गई मुझे मेरे किसी दोस्त ने ई-मेल से एक कहानी भेजी है। मुझे यह कहानी काफी रोचक लगी इसलिए मैं उसकी तरफ से ये कहानी आपके लिये पेश कर रही हूं। अब आगे की कहानी आप मेरे दोस्त अशोक की जुबानी ही सुनिये।

पड़ोसन आंटी को घोड़ी बनाकर गांड चुदाई

 पड़ोसन आंटी को घोड़ी बनाकर गांड चुदाई  हेलो फ्रेंड्स, मैं सुधीर यूपी वाला फिर हाज़िर हूं दूसरी कहानी लेकर! यह बात आज से 1 साल पुरानी है जब हमारे मकान में एक किरायदार रहने के लिए आए थे। में उन्हें अंकल और आंटी कहता था। धीरे धीरे उनसे अच्छे सम्बंध बनते गये और मैं उनके करीब पहुंचता गया। आंटी का पति तो ज़्यादातर तौर पर बाहर ही रहता था। एक दिन यूँ हुआ कि आंटी के पति गये हुए थे और मेरे घर वाले भी आउट ऑफ मुंबई गये थे और कमरे की चाबी आंटी को दे गये, मुझे घरवालो ने फोन कर के बता दिया था की चाबी आंटी के पास है।

मोना आंटी को अंधेरे में चोदा

 मोना आंटी को अंधेरे में चोदा  सभी दोस्तों को मेरा नमस्कार! मैं रितेश्वर, इंदौर मध्यप्रदेश में रहता हूँ। सेक्स कहानी पर ये मेरी पहली कहानी है, होने वाली गलतियों के लिए माफ़ करें। सभी भाभियों और कुंवारी लड़कियों को मेरा खड़े लंड से नमस्कार। मेरी 29 साल का हूँ और मेरी बीवी की उम्र 28 साल है। मेरा लंड साढ़े छह इंच लम्बा है। मैं जबरदस्त ठुकाई करता हूँ। इस कहानी में आपको मेरे पहले सेक्स कहानी बड़ी मोना आंटी के साथ ठुकाई की पढ़ने को मिलेगी, इसलिए आप अपने लंड को थाम कर तैयार रहिए। लड़कियां भी अपनी चूत में उंगली या खीरा ...

छोटे भाई की पत्नी गीतमाला की चुदाई

 छोटे भाई की पत्नी गीतमाला की चुदाई  मेरा नाम मंगलू है। मैं SEX KAHANI का नियमित पाठक हूँ। आज मैं एक कहानी लिखने का साहस कर रहा हूँ। यह कहानी मेरे घर की है। मेरे घर में मैं, मेरी पत्नी, एक छोटा भाई, उसकी पत्नी और हमारे छोटे बच्चे एक संयुक्त परिवार की तरह रहते हैं।

छोटी बहन रोशनी को जंगल में चोदा

  छोटी बहन रोशनी को जंगल में चोदा नमस्ते दोस्तो, मैं नवीन यूपी के नोएडा का रहने वाला हूँ। हमारा छोटा सा परिवार है जिसमे मैं मेरे माता पिता एक छोटा भाई और बहन जिसका नाम रोशनी हैं। करीब साल भर पहले रोशनी की शादी पास ही के गाँव में हुई है।

छोटे भाई की पत्नी गीतमाला की चुदाई

  छोटे भाई की पत्नी गीतमाला की चुदाई  मेरा नाम मंगलू है। मैं SEX KAHANI का नियमित पाठक हूँ। आज मैं एक कहानी लिखने का साहस कर रहा हूँ। यह कहानी मेरे घर की है। मेरे घर में मैं, मेरी पत्नी, एक छोटा भाई, उसकी पत्नी और हमारे छोटे बच्चे एक संयुक्त परिवार की तरह रहते हैं। मैंने शादी से पहले और शादी के बाद भी किसी को बुरी नज़रों से नहीं देखा। हमारी शादी को १५ साल हो गए हैं और मेरे भाई की शादी को दस साल। मेरे भाई की बीवी देखने में बहुत खूबसूरत है। वो मुझे कभी कभी अज़ीब निगाहों से देखती है।

बबली भाभी की ब्रा की हुक

 बबली भाभी की ब्रा की हुक  मेरा   नाम   गणेशहै।   मैं  20  साल   का   हूँ।   मैं   सूरत   का   रहने   वाला   हूँ।   मेरे   लंड   की   साइज़  5.6  इंच   है।   मुझे   आंटी    और    भाभी   बहुत   पसंद   हैं।   मैं   आज   आपको   अपने   जीवन   में   घटी   एक   मस्त   देसी   कहानी   सुनाने   जा   रहा   हूँ।   ये   देसी   ठुकाई   की   कहानी   आपको   पसंद   आएगी   ऐसी   मैं   आशा   रखता   हूँ।

दूर की बुआ को घोड़ी बनकर चोदा

  दूर की बुआ को घोड़ी बनकर चोदा  हेलो फ्रेंड्स, मेरी उम्र 22 साल है, मेरा नाम आकाश है। मैं कोरबा का रहने वाला हूं। बुआ की ठुकाई की यह कहानी तब की है ज़ब मैं 12 में पढ़ता था, यही कोई 18 साल का। मेरी दादा जी के लड़के की नई शादी हुई तो मम्मी ने उन्हें कुछ दिनों के लिए घर पर बुला लिया। हम बहुत खुश हुए क्योंकि नई बुआ जो आई है। वो बहुत सेक्सी थी 28-24-38

मामा के बेटे ने घोड़ी बनाकर चुदाई किया

मामा के बेटे ने घोड़ी बनाकर चुदाई की हाई फ्रेंड्स, मैं हूँ सैक्सी चांदनी। आज में आपको अपनी लाइफ की सच्ची घटना बताने जा रही हूँ। मुझे उम्मीद है कि आपको ये कहानी बहुत पसंद आएगी। हमारा परिवार मेरे मामा के परिवार के साथ ही रहता था लेकिन बाद में दोनों परिवारों में झगड़ा होना शुरू हो गया। उसके बाद हमारा परिवार मामा के परिवार से अलग हो गया। लड़ाई की वजह भी ज्यादा बड़ी नहीं थी। चूंकि परिवार काफी बड़ा था इसलिए खाना बनाने को लेकर अक्सर हमारे बीच में झगड़ा रहने लगा था। फिर अलग होने के बाद मामा और मेरे परिवार में खाना अलग...

चाची को घोड़ीबानकर चुदाई | aunty sex stories

 चाची को घोड़ीबानकर चुदाई मेरा नाम मिथिलेश है। मैं अभी बंगलौर में रहता हूँ, रंग गोरा, 5’6′, 23 साल, ग्रेजुएट। यह मेरा पहला संदेश है आप लोगो के लिए। इसका मतलब यह नहीं कि यह मेरा पहला सेक्स अनुभव है। इससे पहले मैंने बहुत सेक्स किया है लड़कियों और आंटियों से। जो लड़कियाँ मेरे साथ सेक्स में रात गुजारती, वो मेरे साथ शहर में घूमने के लिये भी ख्वाहिश रखती थी