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छोटी बहन करीना की सील तोडा

 छोटी बहन करीना की सील तोडा 

मेरा नाम अमर है और मैं 25 साल का एक युवक हूँ, मेरी बहन का नाम करीना है। उसकी उम्र करीब 24 साल है। करीना मुझसे 1 साल छोटी हैं। हम लोग एक मध्यम वर्ग परिवार से हैं और एक छोटे से फ्लैट में मुंबई में रहते हैं।


हमारे घर में एक छोटा सा हॉल, डायनिंग रूम दो बेडरूम और एक किचन है। बाथरूम एक ही था और उसको सभी लोग इस्तेमाल करते थे। हमारे पिताजी और माँ दोनों नौकरी करते हैं।


करीना मुझको अमर कह कर पुकारती हैं और मैं उनको करीना कह कर पुकारता हूँ।


शुरू शुरू में मुझे सेक्स के बारे कुछ नहीं मालूम था, मैं कॉलेज में पढ़ता था और हमारे बिल्डिंग में भी अच्छी मेरे उम्र की कोई लड़की नहीं थी। इसलिए मैंने अभी तक सेक्स का मजा नहीं लिया था और ना ही मैंने अब तक कोई नंगी लड़की देखी थी। हाँ मैं कभी कभी पॉर्न मैगजीन में नंगी तस्वीरें देख लिया करता था।


जब मुझे लड़कियों के तरफ और सेक्स के लिए रूचि होना शुरू हुआ। मेरे नज़रों के आसपास अगर कोई लड़की थी तो वो करीना करीना ही थीं।


करीना की लंबाई क़रीब क़रीब मेरे तरह ही थी, उनका रंग बहुत गोरा था और उनका चेहरा और शारीरिक बनावट हिंदी सिनेमा के जीनत अमान जैसा था। हाँ उनकी चूचियाँ जीनत अमान जैसे बड़ी बड़ी नहीं थी।

मुझे अभी तक याद है की मैंने अपना पहला मुठ मेरी करीना के लिए ही मारा था।


एक रविवार सुबह सुबह जैसे ही मेरी करीना बाथरूम से निकलीं, मैं बाथरूम में घुस गया।


मैंने बाथरूम का दरवाजा बंद किया और अपने कपड़े खोलने शुरू किए। मुझे जोरों की पेशाब लगी थी। पेशाब करने के बाद मैं अपने लंड से खेलने लगा।


एकाएक मेरी नजर बाथरूम के किनारे करीना के उतरे हुए कपड़ों पर पड़ी। वहाँ पर करीना अपनी नाइटगाऊन उतार कर छोड़ गई थीं। जैसे ही मैंने करीना का नाइटगाऊन उठाया तो देखा की नाइटगाऊन के नीचे करीना की ब्रा पड़ी थी।


जैसे ही मैंने करीना की काले रंग की ब्रा उठाई तो मेरा लंड अपने आप खड़ा होने लगा। मैंने करीना का नाइटगाऊन उठाया तो उसमें से करीना के नीले रंग का पैंटी भी नीचे गिर गई। मैंने पैंटी भी उठा ली। अब मेरे एक हाथ में करीना की पैंटी थी और दूसरे हाथ में करीना की ब्रा थी।


ओह भगवान ! करीना के अन्दर वाले कपड़े चूमने से ही कितना मजा आ रहा है यह वही ब्रा है जिसमें कुछ देर पहले करीना की चूचियाँ जकड़ी हुई थी और यह वही पैंटी है जो कुछ देर पहले तक करीना की चूत से लिपटी थी।


यह सोच सोच करके मैं हैरान हो रहा था और अंदर ही अंदर गरमा रहा था। मैं सोच नहीं पा रहा था कि मैं करीना की ब्रा और पैंटी को लेकर क्या करूँ।


मैंने करीना की ब्रा और पेंटी को लेकर हर तरफ़ से छूआ, सूंघा, चाटा और पता नहीं क्या क्या किया। मैंने उन कपड़ों को अपने लंड पर मला, ब्रा को अपने छाती पर रखा। मैं अपने खड़े लंड के ऊपर करीना की पैंटी को पहना और वो लंड के ऊपर तना हुआ था।


फिर बाद में मैं करीना की नाइटगाऊन को बाथरूम के दीवार के पास एक हैंगर पर टांग दिया। फिर कपड़े टांगने वाला पिन लेकर ब्रा को नाइटगाऊन के ऊपरी भाग में फँसा दिया और पेंटी को नाइटगाऊन के कमर के पास फँसा दिया।


अब ऐसा लग रहा था कि करीना बाथरूम में दीवार के सहारे ख़ड़ी हैं और मुझे अपनी ब्रा और पेंटी दिखा रही हैं। मैं झट से जाकर करीना के नाइटगाऊन से चिपक गया और उनकी ब्रा को चूसने लगा और मन ही मन सोचने लगा की मैं करीना की चूची चूस रहा हूँ।


मैं अपने लंड को करीना की पेंटी पर रगड़ने लगा और सोचने लगा की मैं करीना को चोद रहा हूँ।


मैं इतना गरम हो गया था कि मेरा लंड फूल कर पूरा का पूरा टनटना गया था और थोड़ी देर के बाद मेरे लंड ने पानी छोड़ दिया और मैं झड़ गया। मेरे लंड ने पहली बार अपना पानी छोड़ा था और मेरे पानी से करीना की पैंटी और नाइटगाऊन भीग गया था।


मुझे पता नहीं कि मेरे लंड ने कितना वीर्य निकाला था लेकिन जो कुछ निकला था वो मेरे करीना के नाम पर निकला था।


मेरा पहले पहले बार झड़ना इतना तेज था कि मेरे पैर जवाब दे गए, मैं पैरों पर ख़ड़ा नहीं हो पा रहा था और मैं चुपचाप बाथरूम के फ़र्श पर बैठ गया। थोड़ी देर के बाद मुझे होश आया तो मैं उठ कर नहाने लगा।


शॉवर के नीचे नहा कर मुझे कुछ ताजगी महसूस हुई और मैं फ़्रेश हो गया। नहाने के बाद मैं दीवार से करीना की नाइटगाऊन, ब्रा और पैंटी उतारा और उसमें से अपना वीर्य धोकर साफ़ किया और नीचे रख दिया।


उस दिन के बाद से मेरा यह मुठ मारने का तरीका मेरा सबसे पसंदीदा हो गया। हाँ, मुझे इस तरह से मुठ मारने का मौका सिर्फ इतवार को ही मिलता था, क्योंकि इतवार के दिन ही मैं करीना के नहाने के बाद नहाता था।


इतवार के दिन चुपचाप अपने बिस्तर पर पड़ा देखा करता था कि कब करीना बाथरूम में घुसे और करीना के बाथरूम में घुसते ही मैं उठ जाया करता था और जब करीना बाथरूम से निकलती तो मैं बाथरूम में घुस जाया करता था।


मेरे माँ और पिताजी सुबह सुबह उठ जाया करते थे और जब मैं उठता था तो माँ रसोई में नाश्ता बनाती होतीं और पिताजी बाहर बालकनी में बैठ कर अखबार पढ़ते होते या बाज़ार गए होते कुछ ना कुछ समान ख़रीदने।


इतवार को छोड़ कर मैं जब भी मुठ मारता तो तब यही सोचता कि मैं अपना लंड करीना की रस भरी चूत में पेल रहा हूँ। शुरू शुरू में मैं यह सोचता था कि करीना जब नंगी होंगी तो कैसी दिखेंगी? फिर मैं यह सोचने लगा कि करीना की चूत चोदने में कैसा लगेगा।


मैं कभी कभी सपने में करीना को नंगी करके चोदता था और जब मेरी आँखें खुलती तो मेरा शॉर्ट भीगा हुआ होता था।


मैंने कभी भी अपनी सोच और अपने सपने के बारे में किसी को भी नहीं बताया था और न ही करीना को भी इसके बारे में जानने दिया।


मैं अपनी स्कूल की पढ़ाई खत्म करके कालेज जाने लगा। कॉलेज में मेरी कुछ गर्लफ्रेंड भी हो गई। उन गर्लफ्रेंड में से मैंने दो चार के साथ सेक्स का भी मजा लिया।


मैं जब कोई गर्लफ्रेंड के साथ ठुकाई करता तो मैं उसको अपने करीना के साथ तुलना करता और मुझे कोई भी गर्लफ्रेंड करीना के बराबर नहीं लगती!

मैं बार बार यह कोशिश करता था कि मेरा दिमाग करीना पर से हट जाए, लेकिन मेरा दिमाग घूम फिर कर करीना पर ही आ जाता। मैं हमेशा 24 घंटे करीना के बारे में और उसको चोदने के बारे में ही सोचता रहता।


मैं जब भी घर पर होता तो करीना को ही देखता रहता, लेकिन इसकी जानकारी करीना को नहीं थीं। करीना जब भी अपने कपड़े बदलती थीं या माँ के साथ घर के काम में हाथ बटाती तो मैं चुपके चुपके उन्हें देखा करता था और कभी कभी मुझे उनकी सुडौल चूची देखने को मिल जाती (ब्लाउज़ के ऊपर से) थी।


करीना के साथ अपने छोटे से घर में रहने से मुझे कभी कभी बहुत फायदा हुआ करता था। कभी मेरा हाथ उनके शरीर से टकरा जाता था। मैं करीना के दो भरे भरे चूची और गोल गोल चूतड़ों को छूने के लिए मरा जा रहा था।


मेरा सबसे अच्छा टाइम पास था अपने बालकोनी में खड़े हो कर सड़क पर देखना, और जब करीना पास होती तो धीरे धीरे उनकी चूचियों को छूना।


हमारे घर की बालकोनी कुछ ऐसी थी कि उसकी लम्बाई घर के सामने गली के बराबर में थी और उसकी संकरी सी चौड़ाई के सहारे खड़े हो कर हम सड़क देख सकते थे।


मैं जब भी बालकोनी पर खड़े होकर सड़क को देखता तो अपने हाथों को अपने सीने पर मोड़ कर बालकोनी की रेलिंग के सहारे ख़ड़ा रहता था।


कभी कभी करीना आती तो मैं थोड़ा हट कर करीना के लिए जगह बना देता और करीना आकर अपने बगल ख़ड़ी हो जाती। मैं ऐसे घूम कर ख़ड़ा होता कि करीना को बिलकुल सट कर खड़ा होना पड़ता। करीना की भरी भरी चूची मेरे सीने से सट जाता था।


मेरे हाथों की उंगलियाँ, जो कि बालकोनी के रेलिंग के सहारे रहती वे करीना की चूचियों से छू जाती थी।


मैं अपने उंगलियों को धीरे धीरे करीना की चूचियों पर हल्के हल्के चलाता था और करीना को यह बात नहीं मालूम थी। मैं उँगलियों से करीना की चूची को छू कर देखा कि उनकी चूची कितनी नरम और मुलायम है लेकिन फिर भी तनी तनी रहा करती है कभी कभी मैं करीना के चूतड़ों को भी धीरे धीरे अपने हाथों से छूता था।


मैं हमेशा ही करीना की सेक्सी शरीर को इसी तरह से छूता था।


मैं समझता था कि करीना मेरे हरकतों और मेरे इरादों से अनजान हैं करीना को इस बात का पता भी नहीं था कि उनका छोटा भाई उनके नंगे शरीर को चाहता है और उनकी नंगी शरीर से खेलना चाहता है लेकिन मैं ग़लत था।

फिर एक दिन करीना ने मुझे पकड़ लिया। उस दिन करीना किचन में जा कर अपने कपड़े बदल रही थीं। हॉल और किचन के बीच का पर्दा थोड़ा खुला हुआ था। करीना दूसरी तरफ़ देख रही थीं और अपनी कुर्ती उतार रही थीं और उनकी ब्रा में छूपी हुई चूची मेरे नज़रों के सामने था।


फ़िर रोज़ की तरह मैं टी वी देख रहा था और करीना को भी कनखियों से देख रहा था।


करीना ने तब एकाएक सामने वाले दीवार पर टंगे शीशे को देखा और मुझे आँखें फ़िरा फ़िरा कर घूरते हुए पाया। करीना ने देखा कि मैं उनकी चूचियों को घूर रहा हूँ। फिर एकाएक मेरे और करीना की आँखे शीशे में टकरा गई मैं शर्मा गया और अपनी आँखें टी वी की तरफ़ कर ली।


मेरा दिल क्या धड़क रहा था। मैं समझ गया कि करीना जान गई हैं कि मैं उनकी चूचियों को घूर रहा था। अब करीना क्या करेंगी?

क्या करीना माँ और पिताजी को बता देंगी? क्या करीना मुझसे नाराज़ होंगी?

इसी तरह से हज़ारों प्रश्न मेरे दिमाग़ में घूम रहे थे। मैं करीना की तरफ़ फिर से देखने का साहस जुटा नहीं पाया।


उस दिन सारा दिन और उसके बाद 2-3 दिनों तक मैं करीना से दूर रहा, उनके तरफ़ नहीं देखा। इन 2-3 दिनों में कुछ नहीं हुआ। मैं ख़ुश हो गया और करीना को फिर से घूरना चालू कर दिया।


करीना ने मुझे 2-3 बार फिर घूरते हुए पकड़ लिया, लेकिन फिर भी कुछ नहीं बोलीं। मैं समझ गया कि करीना को मालूम हो चुका है कि मैं क्या चाहता हूँ!


ख़ैर जब तक करीना को कोई एतराज़ नहीं तो मुझे क्या लेना देना और मैं मज़े से करीना को घूरने लगा।

एक दिन मैं और करीना अपने घर के बालकोनी में पहले जैसे खड़े थे। करीना मेरे हाथों से सट कर ख़ड़ी थीं और मैं अपने उँगलियों को करीना के चूची पर हल्के हल्के चला रहा था।


मुझे लगा कि करीना को शायद यह बात नहीं मालूम कि मैं उनकी चूचियों पर अपनी उँगलियों को चला रहा हूँ। मुझे इस लिए लगा क्योंकि करीना मुझसे फिर भी सट कर ख़ड़ी थीं।


लेकिन मैं यह तो समझ रहा था क्योंकि करीना ने पहले भी नहीं टोका था, तो अब भी कुछ नहीं बोलेंगी और मैं आराम से करीना की चूचियों को छू सकता हूँ।


हम लोग अपने बालकोनी में खड़े थे और आपस में बातें कर रहे थे, हम लोग कॉलेज और स्पोर्ट्स के बारे में बातें कर रहे थे। हमारे बालकोनी से सामने एक गली थी तो हम लोगों की बालकोनी में कुछ अंधेरा था।


बातें करते करते करीना मेरे उँगलियों को, जो उनकी चूची पर घूम रहा था, अपने हाथों से पकड़ कर अपनी चूची से हटा दिया। करीना को अपनी चूची पर मेरे उंगली का एहसास हो गया था और वो थोड़ी देर के लिए बातें करना बंद कर दीं और उनकी शरीर कुछ अकड़ गईं लेकिन, करीना अपने जगह से हिलीं नहीं और मेरे हाथों से सट कर खड़ी रहीं।


करीना ने मुझसे कुछ नहीं बोलीं तो मेरी हिम्मत बढ़ गई और मैंने अपना पूरा का पूरा पंजा करीना की एक मुलायम और गोल गोल चूची पर रख दिया।


मैं बहुत डर रहा था। पता नहीं करीना क्या बोलेंगी? मेरा पूरा का पूरा शरीर काँप रहा था। लेकिन करीना कुछ नहीं बोलीं। करीना सिर्फ़ एक बार मुझे देखीं और फिर सड़क पर देखने लगीं। मैं भी करीना की तरफ़ डर के मारे नहीं देख रहा था।


मैं भी सड़क पर देख रहा था और अपने हाथ से करीना की एक चूची को धीरे धीरे सहला रहा था। मैं पहले धीरे धीरे करीना की एक चूची को सहला रहा था और फिर थोड़ी देर के बाद करीना की एक मुलायम गोल गोल, नरम लेकिन तनी चूची को अपने हाथों से ज़ोर ज़ोर से मसलने लगा। करीना की चूची काफ़ी बड़ी थी और मेरे पंजों में नहीं समा रही थी।

थोड़ी देर बाद मुझे करीना की कुर्ती और ब्रा के उपर से लगा की चूची के निप्पल तन गईं और मैं समझ गया कि मेरे चूची मसलने से करीना गरमा गईं हैं करीना की कुर्ती और ब्रा के कपड़े बहुत ही महीन और मुलायम थी और उसके ऊपर से मुझे करीना की निप्पल तनने के बाद करीना की चूची छूने से मुझे जैसे स्वर्ग मिल गया था।

किसी जवान लड़की के चूची छूने का मेरा यह पहला अवसर था। मुझे पता ही नहीं चला कि मैं कब तक करीना की चूचियों को मसलता रहा। और करीना ने भी मुझे एक बार के लिए मना नहीं किया। करीना चुपचाप ख़ड़ी हो कर मुझसे अपनी चूची मसलवाती रही।

करीना की चूची मसलते मसलते मेरा लंड धीरे धीरे ख़ड़ा होने लगा था। मुझे बहुत मजा  रहा था लेकिन एकाएक माँ की आवाज़ सुनाई दी। माँ की आवाज़ सुनते ही करीना ने धीरे से मेरा हाथ अपने चूची से हटा दिया और माँ के पास चली गईं उस रात मैं सो नहीं पायामैं सारी रात करीना की मुलायम मुलायम चूची के बारे में सोचता रहा।

दूसरे दिन शाम को मैं रोज़ की तरह अपने बालकोनी में खड़ा था। थोड़ी देर के बाद करीना बालकोनी में आईं और मेरे बगल में ख़ड़ी हो गईं मैं 2-3 मिनट तक चुपचाप ख़ड़ा करीना की तरफ़ देखता रहा।

करीना ने मेरे तरफ़ देखीं। मैं धीरे से मुस्कुरा दियालेकिन करीना नहीं मुस्कुराईं और चुपचाप सड़क पर देखने लगीं।

मैं करीना से धीरे से बोलाछूना है।
मैं साफ़ साफ़ करीना से कुछ नहीं कह पा रहा था।
और पास  करीना ने पूछाक्या छूना चाहते हो?
साफ़ साफ़ करीना ने फिर मुझसे पूछीं।

तब मैं धीरे से करीना से बोलातुम्हारी दूध छूना!
करीना ने तब मुझसे तपाक से बोलींक्या छूना है साफ़ साफ़ बोलो?

मैं तब करीना से मुस्कुरा कर बोलातुम्हारी चूची छूना है उसको मसलना है।
अभी माँ  सकती है।” करीना तब मुस्कुरा कर बोलीं।

मैं भी तब मुस्कुरा कर अपनी करीना से बोलाजब माँ आएगी तो हमें पता चल जायेगा।
मेरे बातों को सुन कर करीना कुछ नहीं बोलीं और चुपचाप नज़दीक  कर ख़ड़ी हो गईंलेकिन उनकी चूची कल की तरह मेरे हाथों से नहीं छू रहे थे।

मैं समझ गया कि करीना आज मेरे से सट कर ख़ड़ी होने से कुछ शर्मा रही हैं अबतक करीना अनजाने में मुझसे सट कर ख़ड़ी होती थीं। लेकिन आज जानबूझ कर मुझसे सट कर ख़ड़ी होने से वो शर्मा रही हैं क्योंकि आज करीना को मालूम था की सट कर ख़ड़ी होने से क्या होगा।


जैसे करीना पास आ गईं और अपने हाथों से करीना को और पास खींच लिया। अब करीना की चूची मेरे हाथों को कल की तरह छू रही थी। मैंने अपना हाथ करीना की चूची पर टिका दिया।


करीना के चूची छूने के साथ ही मैं मानो स्वर्ग पर पहुँच गया। मैं करीना की चूची को पहले धीरे धीरे छुआ, फिर उन्हें कस कस कर मसला। कल की तरह, आज भी करीना की कुर्ती और उसके नीचे ब्रा बहुत महीन कपड़े की थी,


और उस में से मुझे करीना की निप्पल तन कर खड़े होना मालूम चल रहा था। मैं तब अपने एक उंगली और अंगूठे से करीना की निप्पल को ज़ोर ज़ोर से दबाने लगा।


मैं जितनी बार करीना की निप्पलों को दबा रहा था, उतनी बार करीना कसमसा रही थीं और करीना की मुँह शरम के मारे लाल हो रहा थी। तब करीना ने मुझसे धीरे से बोलीं- धीरे दबा, तब मैं लगता धीरे धीरे करने।


मैं और करीना ऐसे ही फालतू बातें कर रहे थें और देखने वाले को यही दिखता कि मैं और करीना कुछ गंभीर बातों पर बहस कर रहे थें। लेकिन असल में मैं करीना की चूचियों को अपने हाथों से कभी धीरे धीरे और कभी ज़ोर ज़ोर से मसल रहा था।


थोड़ी देर बाद माँ ने करीना को बुला लिया और करीना चली गईं ऐसे ही 2-3 दिन तक चलता रहा।


मैं रोज़ करीना की सिर्फ़ एक चूची को मसल पाता था। लेकिन असल में मैं करीना की दोनों चूचियों को अपने दोनो हाथों से पकड़ कर मसलना चाहता था। लेकिन बालकोनी में खड़े हो कर यह मुमकिन नहीं था। मैं दो दिन तक इसके बारे में सोचता रहा।


एक दिन शाम को मैं हॉल में बैठ कर टी वी देख रहा था। माँ और करीना किचन में डिनर की तैयारी कर रही थीं। कुछ देर के बाद करीना काम ख़त्म करके हॉल में आ कर बिस्तर पर बैठ गईं, करीना ने थोड़ी देर तक टी वी देखीं और फिर अख़बार उठा कर पढ़ने लगीं।


करीना बिस्तर पर पालथी मार कर बैठी थीं और अख़बार अपने सामने उठा कर पढ रही थीं। मेरा पैर करीना को छू रहा था। मैंने अपने पैरों को और थोड़ा सा आगे खिसका दिया और और अब मेरा पैर करीना की जांघो को छू रहा था।


मैं करीना की पीठ को देख रहा था। करीना आज एक काले रंग का झीना टी शर्ट पहनी हुई थीं और मुझे करीना की काले रंग का ब्रा भी दिख रहा था।


मैं धीरे से अपना एक हाथ करीना की पीठ पर रखा और टी शर्ट के उपर से करीना की पीठ पर चलाने लगा। जैसे मेरा हाथ करीना की पीठ को छुआ करीना की शरीर अकड़ गया।


करीना ने तब दबी जुबान से मुझसे पूछीं- यह तुम क्या कर रहे हो, तुम पागल तो नहीं हो गये, माँ अभी हम दोनो को किचन से देख लेंगी।

करीना ने दबी जुबान से फिर मुझसे बोलीं।

“माँ कैसे देख लेंगी?” मैंने करीना से कहा।

“क्या मतलब है तुम्हारा?” करीना ने पूछीं।

“मेरा मतलब यह है कि तुम्हारे सामने अख़बार खुली हुई है अगर माँ हमारी तरफ़ देखेगी तो उनको अख़बार दिखलाई देगी।”

मैंने करीना से धीरे से कहा।


“तू बहुत स्मार्ट और शैतान है!” करीना ने धीरे से मुझसे बोलीं।


फिर करीना चुप हो गईं और अपने सामने अख़बार को फैला कर अख़बार पढ़ने लगीं। मैं भी चुपचाप अपना हाथ करीना के दाहिने बगल के ऊपर नीचे किया और फिर थोड़ा सा झुक कर मैं अपना हाथ करीना की दाहिने चूची पर रख दिया।


जैसे ही मैं अपना हाथ करीना के दाहिने चूची पर रखा करीना कांप गईं मैं भी तब इत्मिनान से करीना की दाहिने वाली चूची अपने हाथ से मसलने लगा।


थोड़ी देर दाहिना चूची मसलने के बाद मैं अपना दूसरा हाथ से करीना बाईं तरफ़ वाली चूची पाकर लिया और दोनो हाथों से करीना की दोनो चूचियों को एक साथ मसलने लगा।


करीना कुछ नहीं बोलीं और वो चुप चाप अपने सामने अख़बार फैलाए अख़बार पढ़ती रही। मैं करीना की टी शर्ट को पीछे से उठाने लगा। करीना की टी शर्ट करीना के चूतड़ों के नीचे दबी थी और इसलिए वो ऊपर नहीं उठ रही थी।


मैं ज़ोर लगाया लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। करीना को मेरे दिमाग की बात पता चल गया। करीना झुक कर के अपना चूतड़ को उठा दिया और मैंने उनका टी शर्ट धीरे से उठा दिया। अब मैं फिर से करीना के पीठ पर अपना ऊपर नीचे घूमना शुरू कर दिया और फिर अपना हाथ टी शर्ट के अंदर कर दिया। वो! क्या चिकना पीठ था करीना का।


मैं धीरे धीरे करीना की पीठ पर से उनका टी शर्ट पूरा का पूरा उठा दिया और करीना की पीठ नंगी कर दिया। अब अपने हाथ को करीना की पीठ पर ब्रा के ऊपर घूमना शुरू किया। जैसे ही मैंने ब्रा को छुआ करीना कांपने लगीं।


फिर मैं धीरे से अपने हाथ को ब्रा के सहारे सहारे बगल के नीचे से आगे की तरफ़ बढा दिया। फिर मैं करीना की दोनो चूचियों को अपने हाथ में पकड़ लिया और ज़ोर ज़ोर से दबाने लगा।


करीना की निप्पल इस समय तनी तनी थी और मुझे उसे अपने उँगलेओं से दबाने में मजा आ रहा था। मैं तब आराम से करीना की दोनों चूचियों को अपने हाथों से दबाने लगा और कभी कभी निप्पल खींचने लगा।


माँ अभी भी किचन में खाना पका रही थी। हम लोगों को माँ साफ़ साफ़ किचन में काम करते दिखलाई दे रही थी। मैं यह सोच सोच कर खुश हो रहा था कि करीना कैसे मुझे अपनी चूचियों से खेलने दे रही है और वो भी तब जब माँ घर में मौजूद हैं।


मैं तब अपना एक हाथ फिर से करीना के पीठ पर ब्रा के हुक तक ले आया और धीरे धीरे करीना की ब्रा की हुक को खोलने लगा।


करीना की ब्रा बहुत टाईट थी और इसलिए ब्रा का हुक आसानी से नहीं खुल रहा था। लेकिन जब तक करीना को यह पता चलता मैं उनकी ब्रा की हुक खोल रहा हूँ, ब्रा का हुक खुल गया और ब्रा की स्ट्रेप उनकी बगल तक पहुँच गया।


करीना अपना सर घुमा कर मुझसे कुछ कहने वाली थी कि माँ किचन में से हॉल में आ गईं, मैंने जल्दी से अपना हाथ खींच कर करीना की टी शर्ट नीचे कर दिया और हाथ से टी शर्ट को ठीक कर दिया।


माँ हॉल में आ कर कुछ ले रही थी और करीना से बातें कर रही थी।

करीना भी बिना सर उठाए अपनी नज़र अख़बार पर रखते हुए माँ से बात कर रही थी। माँ को हमारे कारनामों का पता नहीं चला और फिर से किचन में चली गईं।


जब माँ चली गईं तो करीना ने दबी जुबान से मुझसे बोलीं- सोनू, मेरी ब्रा की हुक को लगा!

“क्या? मैं यह हुक नहीं लगा पाऊँगा।” मैं करीना से बोला।


“क्यों, तू हुक खोल सकता है और लगा नहीं सकता? करीना मुझे झिड़कते हुए बोलीं।

“नहीं, यह बात नहीं है करीना। तुम्हारा ब्रा बहुत टाईट है!” मैं फिर करीना से कहा।


करीना अख़बार पढ़ते हुए बोलीं, मुझे कुछ नहीं पता, तुमने ब्रा खोला है और अब तुम ही इसे लगाओगे।” करीना नाराज़ होती बोलीं।


“लेकिन करीना, ब्रा की हुक को तुम भी तो लगा सकती हो?” मैंने करीना से पूछा।

“बुद्धू, मैं नहीं लगा सकती, मुझे हुक लगाने के लिए अपने हाथ पीछे करने पड़ेंगे और माँ देख लेंगी तो उन्हें पता चल जाएगा कि हम लोग क्या कर रहे थे।” करीना मुझसे बोलीं।


मुझे कुछ समझ में नहीं आ रहा था कि मैं क्या करूँ। मैं अपना हाथ करीना के टी शर्ट नीचे से दोनों बगल से बढ़ा दिया और ब्रा के स्ट्रेप को खींचने लगा। जब स्ट्रेप थोड़ा आगे आया तो मैंने हुक लगाने की कोशिश करने लगा।


लेकिन ब्रा बहुत ही टाईट था और मुझसे हुक नहीं लग रहा था। मैं बार बार कोशिश कर रहा था और बार बार माँ की तरफ़ देख रहा था।


माँ ने रात का खाना क़रीब क़रीब पका लिया था और वो कभी भी किचन से आ सकती थी।

करीना मुझसे बोलीं, यह अख़बार पकड़, अब मुझे ही ब्रा के स्ट्रेप को लगाना पड़ेगा।


“मैंने बगल से हाथ निकल कर करीना के सामने अख़बार पकड़ लिया और करीना अपनी हाथ पीछे करके ब्रा की हुक को लगाने लगीं।


मैं पीछे से ब्रा का हुक लगाना देख रहा था। ब्रा इतनी टाईट थी कि करीना को भी हुक लगाने में दिक्कत हो रहीं थी। आख़िरकार करीना ने अपनी ब्रा की हुक को लगा लिया।


जैसे ही करीना ने ब्रा की हुक लगा कर अपने हाथ सामने किए माँ कमरे में फिर से आ गईं माँ बिस्तर पर बैठ कर करीना से बातें करने लगीं।

मैं उठ कर टॉयलेट की तरफ़ चल दिया, क्योंकि मेरा लंड बहुत गरम हो चुका था और मुझे उसे ठंडा करना था।


दूसरे दिन जब मैं और करीना बालकोनी पर खड़े थें तो करीना मुझसे बोलीं- हम कल रात क़रीब क़रीब पकड़ लिए गए थे। मुझे बहुत शरम आ रही थी।

“मुझे पता है और मैं कल रात की बात से शर्मिंदा हूँ। तुम्हारी ब्रा इतनी टाईट थी कि मुझसे उसकी हुक नहीं लगी।” मैंने करीना से कहा।


करीना तब मुझसे बोलीं- मुझे भी बहुत दिक्कत हो रहीं थी और मुझे अपने हाथ पीछे करके ब्रा की स्ट्रेप लगाने में बहुत शरम आ रही थी।

“करीना तुम अपनी ब्रा रोज़ कैसे लगाती हो?” मैंने करीना से धीरे से पूछा।

करीना बोलीं- हम लोग! फिर करीना समझ गईं की मैं करीना से मजाक कर रहा हूँ तब बोलीं- तू बाद में अपने आप समझ जाएगा।


फिर मैंने करीना से धीरे से कहा- मैं तुमसे एक बात कहूँ?

“हाँ!” करीना तपाक से बोलीं।


“करीना तुम सामने हुक वाली ब्रा क्यों नहीं पहनती, मैंने करीना से पूछा?

करीना तब मुस्कुरा कर बोलीं, सामने हुक वाली ब्रा बहुत महँगी है। मैं तपाक से करीना से कहा- कोई बात नहीं, तुम पैसे के लिए मत घबराओ, मैं तुम्हें पैसे दे दूंगा।


मेरे बातों को सुनकर करीना मुस्कुराते हुए बोलीं- तेरे पास इतने सारे पैसे हैं, चल मुझे एक 100 का नोट दे।

मैं भी अपना पर्स निकाल कर करीना से बोला- तुम मुझसे 100 का नोट ले लो करीना!

मेरे हाथ में 100 का नोट देख कर बोलीं- नहीं, मुझे रुपया नहीं चाहिए। मैं तो यूँही मजाक कर रही थी।


“लेकिन मैं मजाक नहीं कर रहा हूँ। करीना तुम ना मत करो और यह रुपये तुम मुझसे ले लो।” और मैं ज़बरदस्ती करीना के हाथ में वो 100 का नोट थमा दिया।


करीना कुछ देर तक सोचती रहीं और वो नोट ले लिया और बोलीं- मैं तुम्हें उदास नहीं देख सकती, और मैं यह रुपये ले रही हूँ। लेकिन याद रखना सिर्फ़ इस बार ही रुपये ले रही हूँ।


मैं भी करीना से बोला- सिर्फ़ काले रंग की ब्रा ख़रीदना। मुझे काले रंग की ब्रा बहुत पसंद है और एक बात याद रखना, काले रंग के ब्रा के साथ काले रंग की पेंटी भी ख़रीदना करीना।

करीना शर्मा गईं और मुझे मारने के लिए दौड़ीं लेकिन मैं अंदर भाग गया।


अगले दिन शाम को मैं करीना को अपनी किसी सहेली के साथ फ़ोन पर बातें करते हुए सुना। मैंने सुना की करीना अपनी सहेली को मार्केटिंग करने के लिए साथ चलने के लिए बोल रही हैं।


मैं करीना को अकेला पाकर बोला- मैं भी तुम्हारे साथ मार्केटिंग करने के लिए जाना चाहता हूँ। क्या मैं तुम्हारे साथ जा सकता हूँ?

करीना कुछ सोचती रहीं और फिर बोलीं- सोनू, मैं अपनी सहेली से बात कर चुकी हूँ और वो शाम को घर पर आ रहीं है और फिर मैंने माँ से भी अभी नहीं कही है कि मैं शॉपिंग के लिए जा रही हूँ।


मैंने करीना से कहा- तुम जाकर माँ से बोलो कि तुम मेरे साथ मार्केट जा रही हो और देखना, माँ तुम्हें जाने देंगी। फिर हम लोग बाहर से तुम्हारी सहेली को फ़ोन कर देंगे कि मार्केटिंग का प्रोग्राम कैंसिल हो गया है और उसे आने की ज़रूरत नहीं है। ठीक है ना?

“हाँ”, यह बात मुझे भी ठीक लगती है, मैं जा कर माँ से बात करती हूँ

!”

और यह कह कर करीना माँ से बात करने अंदर चली गईं, माँ ने तुरंत करीना को मेरे साथ मार्केट जाने के लिए हाँ कह दीं।

उस दिन कपड़े की मार्केट में बहुत भीड़ थी और मैं ठीक करीना के पीछे ख़ड़ा हुआ था और करीना के चूतड़ मेरे जांघों से टकरा रहे थे।


मैं करीना के पीछे चल रहा था जिससे की करीना को कोई धक्का ना मार दे। हम जब भी कोई फुटपाथ के दुकान में खड़े होकर कपड़े देखते तो करीना मुझसे चिपक कर ख़ड़ी होतीं और उनकी चूची और जांघे मुझसे छू रहा होता।


अगर करीना कोई दुकान पर कपड़े देखतीं तो मैं भी उनसे सट कर ख़ड़ा होता और अपना लंड कपड़ों के ऊपर से उनके चूतड़ से भिड़ा देता और कभी कभी मैं उनके चूतड़ों को अपने हाथों से सहला देता।

हम दोनो ऐसा कर रहे थे और बहाना मार्केट में भीड़ का था। मुझे लगा कि मेरे इन सब हरकतों को करीना कुछ समझ नहीं पा रही थीं क्योंकि मार्केट में बहुत भीड़ थी।

कहानी जारी रहेगा छोटी बहन करीना का सिल तोड़ा पार्ट 2





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