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रोशनी का सिल थोड़ा

 रोशनी का सिल थोड़ा

मेरी गर्लफ्रेंड सेक्स कहानी में पढ़ें कि कैसे मेरी दोस्ती अपने मोहल्ले की एक हॉट सेक्सी लड़की से हुई और एक रात उसने मुझे अपने घर बुला कर सेक्स किया।

दोस्तों और सेक्स कहानी के सभी पाठकों को नमस्कार। मेरा नाम युवराज है मैं उत्तर प्रदेश के बरेली से हूँ। सेक्स कहानी पर यह मेरी पहली सेक्स कहानी है। अपनी इस गर्लफ्रेंड सेक्स कहानी को शुरू करने से पहले ही मैं इसमें होने वाली गलतियों के लिए क्षमा प्रार्थी हूँ।


पहले मैं आप सभी को अपनी हॉट गर्लफ्रेंड के बारे में बता रहा हूँ। मेरी गर्लफ्रेंड का नाम रोशनी है। रोशनी बहुत ही सेक्सी, हॉट और मस्त लड़की है, जिसके पीछे मोहल्ले के सब लड़के पड़े थे। रोशनी का फिगर 30-28-32 का है। उसकी गांड एकदम गोल है और नुकीली चूचियां मस्त मुलायम हैं। उसकी चूचियों को दबाने में बहुत मज़ा आता है। रोशनी का रंग बिल्कुल दूध सा सफेद है।


ये बात तब की है, जब मैं ग्रेजुएशन कर रहा था और वो भी ग्रेजुएशन कर रही थी। हम लोग शुरू से साथ में ही पढ़े हैं। जबसे हम दोनों जवान हुए तब से मेरी उसके प्रति फीलिंग बदल गई थी। उस समय वो मेरे साथ पढ़ती जरूर थी, लेकिन मेरी रोशनी से बात नहीं होती थी।


उन्हीं दिनों की बात है। मुझे एक बार उसकी मदद चाहिए थी, तो मैंने उसको फ़ोन करके बोला। उसने झट से हां कह दिया और हम लोगों की हर रोज़ बात होने लगी। उसकी बातों से मुझे लगने लगा कि ये भी मेरी तरफ आकर्षित थी।


रोशनी के माता पिता नहीं हैं। वो अपने मामा के साथ रहती है। उसको एक हमदर्द की जरूरत थी, जबसे मेरी उससे बात होना शुरू हुई, तो वो मुझे अपने घर की सब बातें बताने लगी थी। उसकी मामी उससे ही घर का सब काम करवाती थीं, जिससे रोशनी बहुत परेशान थी। रोशनी मुझसे इन्हीं सब बातों को करके अपना दुःख मुझसे बांट कर बहुत हल्का महसूस करती थी।


इसी तरह मैसेज के द्वारा भी रोशनी और मैं धीरे धीरे बहुत ही ज़्यादा बात करने लगे थे। फोन से बात कम ही हो पाती थी।


एक दिन मैंने रोशनी से बोला- मैं तुमसे कुछ कहना चाहता हूँ।

उसने भी बोला- हां मैं भी तुमसे कुछ कहना चाहती हूँ।

मैंने उससे कहा- ओके पहले तुम अपनी बात कहो।


मुझे लगा कि मुझे पहले रोशनी की मानसिक स्थिति जान लेनी चाहिए उसी के मुताबिक़ मैं अपनी बात कहता।


उसने कहा- नहीं मैं अपनी बात बाद में कह लूंगी … पहले तुम कहो, क्या कहना चाहते हो।


हम दोनों में ही ‘पहले आप … पहले आप …’ वाली स्थिति बन गई थी।


वो हंसने लगी और बोली- इस तरह से हम दोनों ही अपनी बात नहीं कर पाएंगे।


मैंने उसको हंसते हुए सुना, तो मैं समझ गया कि रोशनी इस वक्त अच्छे मूड में है। मैंने उससे एक बार फिर से कहा कि लेडीज फर्स्ट के अनुसार तुमको पहले कहना चाहिए।


वो बोली- जो बात मैं कहना चाहती हूँ, उसमें लेडीज फर्स्ट का चलन नहीं है। इसलिए तुम बोलो … उसके बाद मैं अपनी बात कहूँगी।


मैंने समझ लिया कि वो भी वही बात कहना चाहती है, जो मैं कहने वाला था। मैंने उससे ‘आई लव यू’ कहा।

तो उसने भरे गले से कहा- न जाने कब से इस लाइन को सुनने के लिए मेरे कान तरस गए थे … राज मैं भी तुमसे बहुत प्यार करती हूँ।


इस तरह हम दोनों ने एक दूसरे के सामने अपनी मुहब्बत का इजहार किया। मैं काफी देर तक उससे अपने दिल की बातें करता रहा और वो भी मेरे साथ मेरी जीवन संगिनी जैसे बातें करने लगी।


हम दोनों के बीच आपस में प्यार स्वीकृति की मुहर लगने के बाद हम दोनों के बीच बहुत ही सेक्सी बातें होने लगीं।


एक दिन वो मुझसे बोली- मैं तुमसे अकेले में मिलना चाहती हूँ।

मैंने भी हां बोल दी क्योंकि चूत की चाहत तो मुझे भी थी।


फिर वो एक रात आ गई, जिस रात हम दोनों एक हो गए, मैंने गर्लफ्रेंड सेक्स किया। उस दिन रोशनी के घर के सभी लोग शादी में गए थे। लेकिन रोशनी ने कोई बहाना बना कर जाने से मना कर दिया था। वो घर पर ही रुकी रही थी। शाम होते ही उसने मुझे फोन कर दिया और मैं उसके घर आ गया।


दरवाजे पर जो बल्ब जल रहा था, वो उसने बन्द कर दिया था, जिससे मुझे कोई अन्दर आता न देख सके।


मैं उसके घर गया, तो उसने दरवाजा खुला हुआ रखा था। उसने मुझसे फोन पर ही कह दिया था कि तुम इस बात का ख्याल रखते हुए घर में आना कि तुमको कोई पड़ोसी देख न सके।

मैंने इस बात का ध्यान रखा और उसके घर के खुले दरवाजे से सीधे अन्दर घुस गया।


मैं घर में घुसा, तो रोशनी ने फट से दरवाजा बंद कर दिया। मैंने पलट कर देखा, तो मैं देखता ही रह गया। आज रोशनी बहुत ही सेक्सी लग रही थी। उसने लैगी और टॉप पहना हुआ था, जो बहुत टाइट था।


मैं उसको प्यार से देखने लगा, तो वो मुस्कुरा कर बोली- अन्दर तो आ जाओ, बाद में देख लेना … अभी पूरी रात बाकी है।

उसने इतना कहकर दरवाज़ा बन्द कर दिया। मैंने उसकी तरफ बांहें पसार दीं। वो कटे हुए पेड़ की तरह मेरी बांहों में समा गई।


हम दोनों एक दूसरे को किस करने लगे क्योंकि हम दोनों ही प्यासे थे। दस मिनट किस करने के बाद मैं उसकी गर्दन को चूमने लगा और टॉप के ऊपर से ही उसके चुचे दबाने लगा।

वो सीत्कार करने लगी- आह आह उससस्स ऊम्म्मह!


उसकी मादक सिसकारियां हॉल में गूंजने लगीं। मैं उसको गोद में उठा कर बेडरूम में ले गया। वहां जाते ही मैंने उसको बेड पर लुड़का दिया। साथ ही मैं खुद उसके ऊपर चढ़ गया और उसको चूमने चूसने लगा। उसके पूरे शरीर को सहलाने लगा। मेरा लंड रोशनी की चूत फाड़ने के लिए रेडी था।


मैंने उसको इशारा किया, तो उसने मेरे कपड़े निकाल दिए। मैंने भी उसके कपड़े निकाल दिए। अब वो सफेद ब्रा और काली पेंटी में रह गई थी। जबकि मैं एकदम मादरजात नंगा खड़ा अपना लंड हिला रहा था।


वो मेरे खड़े लंड को देख कर एक पल के लिए घबरा सी गई। उसके मुँह से कुछ निकल ही नहीं रहा था।

मैंने उससे पूछा- क्या हुआ?

वो मरी सी आवाज में बोली- तुम्हारा ये बहुत बड़ा और मोटा है।

मैंने कहा- हां ये तो तुम्हारा नसीब है कि तुमको बड़ा और मोटा मिला। वरना कुछ तो बड़ी बदनसीब होती हैं … उनको तो जरा जरा से चूहे मिलते हैं।


ये सुनकर उसको अच्छा लगा और वो मेरे लंड को बड़ी लालसा से देखने लगी। मैं उसके करीब आकर लंड को उसके मुँह के सामने हिलाने लगा।


उसने मेरी आंखों में देखा, तो मैंने उसे लंड पकड़ने का इशारा किया। उसने मेरे लंड को हाथ से पकड़ा और छोड़ दिया।

वो बोली- इसको तो बुखार चढ़ गया है।

मैंने हंस कर पूछा- कैसे मालूम हुआ … क्या तुम लंड की डॉक्टर हो?


वो मेरे मुँह से लंड शब्द सुनकर शर्मा गई और फिर से लंड पकड़ कर बोली- इसमें डॉक्टर वाली क्या बात है, ये गर्म है … इसलिए मैंने कहा कि इसको बुखार चढ़ा है।

मैंने अपने लंड पर उसके हाथ का कोमल स्पर्श महसूस किया, तो मुझे बड़ा मजा आया और मेरा लंड भी हिनहिनाने लगा।


मैंने कहा- तुम इसका बुखार उतार दो।

वो लंड सहलाते हुए बोली- कैसे?

मैंने कहा- इसको ठंडा कर दो।


वो समझ तो गई थी, लेकिन मूड में थी इसलिए वो बोली- मैं इसे ठंडा कैसे करूं … क्या इस पर बर्फ घिस दूँ?

मैंने कहा- बर्फ से तो ये और भी गर्म हो जाएगा। इसको अपने शरीर की गर्मी से ठंडा करना पड़ेगा।

वो आंखें नचा कर बोली- शरीर से कैसे?

मैंने झुंझलाते हुए कहा- इसे मुँह में लो। हो सकता है कि तुम्हारे मुँह से ही ये कुछ ठंडा हो जाए।


ये सुनते ही उसने मेरे लंड को अपने मुँह में लिया और लंड चूसने लगी। मुझे लंड चुसाई में बहुत मज़ा आ रहा था। कुछ मिनट तक रोशनी का मुँह चोदने के बाद मैं उसके मुँह में ही झड़ गया। उसने मेरी सारी क्रीम खा ली थी और मेरे मुँह में अपनी जीभ डाल कर मुझे मेरी मलाई का स्वाद चखाने लगी।


मैंने उसके कान में कहा- अब मेरी बारी है।


वो मुझे अलग होकर बिस्तर पर चित लेट गई। मैंने उसकी ब्रा और पेंटी निकाली और उसकी चूत को चाटने लगा। उसकी चूत पहले से ही गीली हो चुकी थी। चुत चटवा कर रोशनी बहुत ही ज़्यादा गर्म हो गई।


जीभ से चुत चूसने के बाद मैंने उसकी चूत में पहले एक उंगली डाली, फिर दो डाल दीं और उंगली से ही उसकी चूत की ठुकाई करने लगा। मैंने उंगलियों से कमसिन चूत को ढीला किया और उसके चुचे अपने मुँह में लेकर चूसता रहा। वो बड़ी मस्त आवाजें निकाल रही थी।


उसके दूध चूसते हुए मैं दांत से उसके निप्पल को काट लेता, तो वो ज़ोर से चीख पड़ती। घर में अकेले होने के कारण हम दोनों को कोई डर नहीं था। इसलिए हम दोनों खुल कर सेक्स के मज़े ले रहे थे।


जब रोशनी ज़्यादा गर्म हो गई, तो वो मुझसे बोली- युवराज अब मुझसे रहा नहीं जा रहा है। अब तुम अपना लंड मेरे अन्दर डाल दो।


मैं उसको तड़पा रहा था, लेकिन जब ज़्यादा देर हो गई … तो फिर मैंने अपना लंड उसकी चूत पर रखा और धक्का दे दिया।


रोशनी की चुत नई थी … वो अनचुदी थी, इसलिए उसकी चूत बहुत टाइट थी।


हम दोनों समझ गए कि बिना चिकनाई के काम नहीं बनेगा।


मैंने रोशनी से तेल या क्रीम लाने का कहा। रोशनी खुद रसोई से तेल लेकर आई और उसने मेरे लंड और अपनी चूत पर लगा दिया। उसको इस समय बड़ी चुदास चढ़ी थी, इसलिए उसने ठुकाई की पोजीशन में लेटते हुए मुझे अपने ऊपर खींच लिया।


मैं जब तक कुछ समझ पाता, उसने खुद ही मेरा लंड पकड़ कर अपनी चूत पर सैट कर लिया। फिर उसने मुझे इशारा किया और मैंने पूरी ताकत से धक्का दे दिया। मेरा लंड एक बार में ही उसकी चूत को फाड़ता हुआ अन्दर घुस गया। मैंने देखा कि मेरा आधा लंड घुस चुका था।


वो दर्द के कारण रोने लगी क्योंकि मेरा लंड 8 इंच लम्बा और 3 इंच मोटा है। वो मुझसे लंड बाहर निकालने को कहने लगी, तो मुझे उस पर तरस आ गया और मैंने लंड बाहर निकाल लिया।


उसने जब चुत से खून निकलता देखा, तो वो घबरा गई। मैंने उसको समझाया कि ये तो सामान्य सी बात है। पहली बार की ठुकाई में सभी के साथ ऐसा होता है।


कुछ देर बाद जब वो नॉर्मल हो गई, तब मैंने दोबारा से लंड उसकी चूत में पेल दिया। इस बार दो प्रयासों में पूरा 8 इंच लंड पेल दिया, जिससे वो फिर से तड़पने लगी थी। लेकिन इस बार मैंने कोई रहम नहीं किया।


पूरा लंड पेल कर मैं कुछ देर के लिए रुक गया। जब उसका दर्द कम हुआ, तो वो अपनी गांड उठाने लगी। उसकी गांड की हलचल से मैं समझ गया कि यह अब चुदने के लिए राजी है। फिर मैंने धक्के देने शुरू कर दिए। मेरा लंड उसकी चूत में अन्दर तक पूरा जा रहा था।


अब वो पूरी मस्ती में ज़ोर ज़ोर से चिल्ला रही थी- फक मी फक मी हार्ड … माय बेबी … और तेज़ से चोदो … उम्म्ह… अहह… हय… याह… फाड़ दो … ये चुत लंड की बहुत प्यासी है … आह … मेरी जान।


उसकी ऐसे कामुक आवाजें मुझे और जोश दे रही थीं। मैं और तेज़ चोदने लगा। मैंने कोई 20 मिनट तक उसकी धुंआधार ठुकाई की। रोशनी इतनी देर में दो बार झड़ चुकी थी।

अब मैं झड़ने वाला था, तो रोशनी से मैंने पूछा- कहां निकालूं?

उसने कहा- चूत में ही निकाल दो।


मैं दस बारह तेज शॉट मार कर उसकी चुत में झड़ गया। कुछ देर हम दोनों ऐसे ही एक दूसरे से चिपके पड़े रहे और कुछ देर के बाद मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया।

मैं रोशनी से बोला- अब क्या ख्याल है मेरी जान।।?


वो मेरे लंड की तरफ देखने लगी।

इस बार वो घोड़ी बन गई और बोली- मुझे ये पोज पसंद है।


मैं भी उसको इस पोजीशन में चोदने के लिए रेडी था। मैं उसकी गांड की तरफ आया और लंड उसकी चुत में पेल दिया। उसकी मीठी आहें और कराहें निकलना शुरू ही गईं। मैंने उसकी चूचियों को पकड़ कर उसकी 20 मिनट तक ठुकाई की।


वो बोली- मुझे ऊपर आना है।


ये सुनकर मैं नीचे लेट गया और वो मेरे लंड पर बैठ कर खूब मज़े से चुदने लगी।


कुछ देर की मस्त ठुकाई के बाद हम दोनों झड़ गए और यूं ही नंगे लेट गए। हमारी थकान ने हम दोनों को बेसुध कर दिया था। चूंकि हम दोनों नंगे ही एक दूसरे से चिपक कर लेटे हुए थे … तो रात के 3 बजे, फिर से शरीर में सुगबुगाहट हुई और हम दोनों जाग गए। हम दोनों एक दूसरे को किस करने लगे। जल्दी ही ठुकाई का मूड बन गया।


मैंने रोशनी से कहा- मुझे इस बार कुछ और भी मारनी है।

वो हंसने लगी और बोली- अब क्या बचा?

मैंने बोला- तुम्हारी गांड बहुत सेक्सी है … उसको भी खोलूंगा।

उसने हां बोल दिया।


मैंने लंड पकड़ कर उसकी गांड पर रखा लेकिन नहीं घुसा। फिर मैंने तेल उसकी गांड पर लगाया और पूरा लंड उसकी गांड में पेल दिया।


वो दर्द के मारे ज़ोर से रोने लगी और मुझसे छूटने की कोशिश करने लगी। लेकिन मैंने उसको कमर से कस कर पकड़े रखा। जब उसका दर्द कम हुआ, तो वो मेरा साथ देने लगी।


फिर हम दोनों ने जम कर ठुकाई की। मैंने उस रात रोशनी की गांड दो बार मारी। चार बार आगे से ठुकाई की, मतलब हम दोनों ने रात में कुल 6 बार ठुकाई की। सुबह 5 बजे के अँधेरे में मैं उसके घर से निकल आया।


इसके बाद हम दोनों ने कई बार ठुकाई की।


दोस्तो, मेरी गर्लफ्रेंड सेक्स कहानी आपको कैसी लगी। ज़रूर बताइएगा।


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