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मौसी को टांग उठाकर चोदा

 मौसी को टांग उठाकर चोदा

इस मौसी सेक्स स्टोरी हिंदी में पढ़ें कि कैसे मैंने अपनी चाची की भाभी यानि मेरी मौसी को चोदा। एक दिन फोन पर मौसी से बात हुई। उनकी सेक्सी आवाज सुनकर मेरा लंड खड़ा हो गया।

मेरे प्यारे दोस्तो, आप सभी को मेरा नमस्ते, मेरा नाम जिकेत है। मेरी उम्र 22 वर्ष है और मेरी लंबाई 5 फीट 10 इंच है। ऊपर वाले की कृपा से मैं एक अच्छी पर्सनेलिटी का मालिक हूँ। मैं केरेला के पूर्वांचल का रहने वाला हूँ और में रहता हूँ।


यह हिंदी मौसी सेक्स स्टोरी आज से दस वर्ष पहले की है तब मेरी उम्र 20 वर्ष की थी।


मुझे आंटी व भाभियां ज्यादा पसंद हैं सेक्स के मामले में, क्योंकि इनकी चूत चाहे जितनी चोदो, जैसे चोदो वैसे चुदने को तैयार रहती हैं वो।

मेरी हिंदी कहानी की नायिका मेरी मौसी है (मेरे चाचा के साले की बीवी) जिनकी उम्र उस समय 27 वर्ष की थी और उनका स्किन कलर गेंहुआ, कद मीडियम जो कि रहा होगा 36-34-38 के करीब। पूरी तरह से गदरायी हुई माल थी। मेरी मौसी को एक 4 साल की बेटी थी।


यह बात उन दिनों की है जब मैं पढ़ाई करने के दौरान दशहरे की छुट्टियों में अपने घर गया हुआ था। उस दिन मैं ऐसे ही घर पर टाइम पास कर रहा था कि मेरी चाची आयी और कहने लगी कि दीपू जरा अपने मामा के यहां फोन लगा दे। मेरे फोन में बैलेंस नहीं है।


मैंने फोन लगा दिया और वहां से एक प्यारी सी आवाज में हैल्लो हुई। मैंने भी जवाब में हैल्लो किया।

मैंने कहा- मैं दीपू बात कर रहा हूं, मामा जी घर पर हैं क्या?


उधर से जवाब आया- क्यों, अपने मामा से ही बात करेंगे क्या, हमसे बात नहीं करेंगे?

मैंने कहा- जी मैंने आपको पहचाना नहीं, आप कौन बात कर रही हो?

वो बोली- मैं तुम्हारी मौसी बात कर रही हूं।


मैंने कहा- नमस्ते मौसी जी। आप चाची से बात कर लीजिये, मैं आपसे थोड़ी देर के बाद बात कर लूंगा।

इतना कह कर मैंने चाची को फोन पकड़ा दिया।

चाची मेरी मौसी से बात करने लगी।


सात या आठ मिनट तक चाची और मौसी आपस में एक दूसरे से बातें करती रहीं। उसके बाद फोन कट हो गया। मैंने फोन उठा कर एक तरफ रख दिया। उसके बाद मैं अपने कुछ काम में लग गया।


लगभग 20 मिनट के बाद फिर से मेरा फोन बजने लगा। मैंने फोन उठा कर देखा तो कोई अन्जान नम्बर से कॉल आ रही थी। उस नम्बर से पहले कभी कॉल नहीं आयी थी। मैंने फोन रिसीव करके हैलो किया। वहां से वही प्यारी सी आवाज आई। मैंने पहली बार में पहचान लिया कि यह तो वही पहले वाली आवाज है जिससे मेरी बात अभी कुछ देर पहले ही हुई थी।


मैंने कहा- मौसी जी!

वो बोली- अरे वाह, तुमने तो पहचान लिया मुझे।

मैं बोला- कहिये क्या बात है।

वो बोली- मैं तो बस ऐसे ही तुमको परेशान करने के लिए फोन कर रही थी। मुझे लगा कि तुम मेरी आवाज को नहीं पहचान सकोगे।


उनको छेड़ते हुए मैंने कहा- अरे मौसी जी, कहीं मुझे परेशान करने के चक्कर में आप खुद परेशान न हो जाओ।

वो बोली- अरे मैं तो चाहती हूं कि तुम मुझे परेशान करो। वैसे भी भान्जे का मौसी पर आधा हक होता है। मैं तो तुम्हें पूरा हक दे रही हूं। तुम जितना चाहे मुझे परेशान कर सकते हो।


मैंने कहा- सोच लो मौसी जी। अगर मैं परेशान करने लगा तो फिर कहीं आपको पीछे न हटना पड़े।

वो बोली- अरे तुम परेशान तो करो, मैं तो 2 इंच आगे खिसक आऊंगी लेकिन पीछे नहीं जाऊंगी इंच भर भी। चाहे तुम कितना भी परेशान करके देख लो। कितना भी जोर (धक्का) लगा कर देख लो।


मौसी की आवाज से पता लग रहा था कि वो लेटी हुई थी और अंगड़ाई ले रही थी। वो मुझे उकसाने की बातें कर रही थीं। डबल मीनिंग बातें करते हुए मुझे भी कुछ कुछ होने लगा था। एक तो मौसी की आवाज बहुत मधुर थी और दूसरी तरफ वो मीठी मीठी बातें करके जैसे मुझे उत्तेजित करना चाह रही थी।


फिर उन्होंने बात को घुमाते हुए कहा- अच्छा, ये नम्बर किसका है?

मैंने कहा- मेरा ही है। क्यूं क्या हुआ? आप ऐसे क्यों पूछ रही हो?

वो बोली- कुछ नहीं, बस ऐसे ही पूछ रही हूं। आप ये बताओ कि आप मेरे यहां पर क्यों नहीं आते हैं? कभी मुझसे बात भी नहीं करते हैं। मैं आपकी सगी मौसी नहीं हूं इसलिए नहीं आते हो क्या मुझसे मिलने?


मैंने कहा- नहीं मौसी जी, ऐसी कोई बात नहीं है। मेरे पास आपका नम्बर नहीं था। इसलिए आपसे कभी बात नहीं हो पाती थी।

वो बोली- ठीक है, अब तो नम्बर भी मिल गया है। अब देखूंगी कि कितनी बार फोन करोगे मेरे पास!

मैं बोला- जब तक आप करने दोगी, तब तक करता रहूंगा।


इस बार मैंने भी डबल मीनिंग से मौसी को उत्तेजित करने की कोशिश की। मैं तो जानता था कि मौसी फोन के बारे में बात कर रही है लेकिन मेरा मकसद उसकी ठुकाई करने से था क्योंकि मौसी की बातों से मुझे पूरा यकीन हो चला था कि मौसी की चूत की प्यास बार-बार उनको मुझे उनके पास बुलाने के लिए कह रही है।


मेरी इस बात पर मौसी ने कहा- देख लो भान्जे, तुम थक जाओगे करते-करते अगर मैंने दे दिया तो।

मौसी ने मुझे और ज्यादा उत्तेजित करते हुए कहा।

मैंने कहा- पहले आप दीजिये तो सही, उसके बाद देखेंगे कि मैं थकूंगा कि नहीं।


यहां पर मेरा मतलब मौसी के फोन नम्बर से नहीं बल्कि मौसी की चूत से था। मुझे पूरी उम्मीद हो चली थी कि मेरी मौसी सेक्स स्टोरी अब तैयार है।

वो बोली- ठीक है तो फिर तय रही। मेरा यही नम्बर है। जब आप को टाइम मिले तब कीजिये। ठीक है बाबू, मैं आपसे बाद में बात करूंगी।


उसके बाद मैं मौसी जी के बारे में सोच-सोच कर उत्तेजित होने लगा कि मौसी की बातों से ऐसा लग रहा है कि पटाऊंगा तो चूत चोदने को मिल जाएगी।


मौसी की चूत ठुकाई के बारे में सोचते हुए दिन निकल गया। बार बार उनकी डबल मीनिंग बातें सोच कर मेरा लंड खड़ा हो रहा था। मन कर रहा था कि एक बार जाकर मुठ मार लूं। फिर नहीं मारी। ऐसे ही सोचते-सोचते रात में डिनर किया। रात का खाना खाने के बाद फिर मैं सोने की तैयारी कर रहा था लेकिन मौसी के साथ हुई कुछ बातों को याद करके उत्तेजित हो गया और मेरा लंड बिल्कुल खड़ा होकर सलामी देने लगा।


मैंने अपने कमरे का दरवाजा बंद कर लिया और वापस आकर अपने बेड पर लेट कर मैं अपने तने हुए लंड पर हाथ फिराने लगा। मौसी की चूत व चूचों की कल्पना करने लगा। मेरा लंड एकदम फटने वाला हो चुका था। मन कर रहा था कि अगर अभी मौसी पास में होती तो उसकी चूत को चोद चोद कर फाड़ देता।


अब मुझसे रुका नहीं जा रहा था। मैंने अपना लोअर निकाल दिया अपने अंडरवियर में हाथ डाल कर आंखें बंद कर लीं और मौसी के बारे में सोचते हुए लंड को मसलने लगा। धीरे-धीरे मेरी हवस और बढ़ने लगी और मैंने लंड पर तेजी से हाथ चलाना शुरू कर दिया। उसके बाद मैंने कल्पना करते हुए मौसी के कपड़े उतारने शुरू कर दिये।


मेरा हाथ तेजी से मेरे लंड पर चल रहा था। मैं अपने लंड की मुट्ठ मारने लगा। फिर सोचा कि ऐसी सूखी कल्पना करने से बेहतर तो मौसी को फोन ही कर लूं और मौसी की आवाज सुनते हुए अपना लंड को हिलाऊं।

फिर मैंने सोचा कि अभी तो मामा ही मेरी मौसी की चूत को चोदने में लगा हुआ होगा। इसलिए मैंने फोन को वापस रख दिया।


मैं ऐसे ही कल्पना करते हुए मौसी को नंगी करने लगा और तेजी के साथ लंड पर हाथ चलाते हुए मुट्ठ मारने लगा। दो-तीन मिनट हो गये थे लंड को हिलाते हुए कि मेरे फोन की रिंग बजने लगी और मैंने देखा तो मौसी के ही नम्बर से फोन आ रहा था।


मैंने हैल्लो किया तो मौसी बोली- अभी तक सोये नहीं हो?

मैं बोला- नहीं, नींद नहीं आ रही थी।

वो बोली- क्यूं, नींद क्यों नहीं आ रही है?

मैंने कहा- किसी की याद आ रही थी।

वो बोली- गर्लफ्रेंड को याद कर रहे हो क्या?


हंसते हुए मैंने कहा- नहीं मौसी, अभी तो मैं सिंगल ही हूं।

वो बोली- फिर इतनी रात को किसकी याद में खोए हुए हो?

मैंने कहा- सच कह दूं।

वो बोली- हां, अब बता भी दो।

मैंने कहा- मौसी, आपकी ही याद आ रही थी।


वो बोली- अच्छा, तो फिर फोन कर लेते?

मैंने कहा- नहीं बस इसलिए नहीं किया कि आप और मामा जी अभी लगे हुए होगे।

वो बोली- क्या?

मैंने कहा- बातों में लगे हुए होगे आप दोनों इसलिए नहीं किया।

वो हंसते हुए बोली- अच्छा, मैं तो कुछ और ही समझ गई थी।


फिर मौसी बोली- वैसे इतनी रात को मुझ बुढ़िया को याद किसलिए कर रहे थे तुम?

मैंने कहा- अरे मौसी, अमरूद जितना पका हुआ हो उसका मिठास उतना ही ज्यादा होता है।

मौसी बोली- अरे वाह, तुम तो कहावतें भी जानते हो। ऐसे होशियार लड़के की एक भी गर्लफ्रेंड नहीं है। मुझे तो सोच कर आश्चर्य हो रहा है।


मैंने कहा- क्या करूं मौसी, कोई ऐसी मिली ही नहीं जो मेरे मन की बात समझ सके। मगर अब सोच रहा हूं कि एक तो बना ही लूं। कम से कम रात में बात करते हुए उसके साथ टाइम पास तो हो जाया करेगा।

मौसी बोली- तो फिर बना लो। इसमें इतना सोचने की क्या बात है।

मैंने कहा- मौसी बना तो लूं, लेकिन!

वो पूछने लगी- लेकिन क्या?

मैंने कहा- कुछ नहीं, जाने दो।


वो बोली- इतनी आसानी से नहीं जाने दूंगी।

मैं बोला- अगर मैं जबरदस्ती करने लगा तो?

वो बोली- अच्छा जी, सीनाजोरी करोगे अपनी मौसी के साथ?

मैंने कहा- जी बिल्कुल, आपने पूरा हक दिया हुआ है मुझे।

मौसी बोली- हां, ये तो है।


मैं बोला- अच्छा छोड़िये इन बातों को। आप बताइये कि आपने इस टाइम कैसे फोन किया। आपको भी नींद नहीं आ रही है क्या?

वो बोली- हां भान्जे, मैं भी ऐेसे ही तनहा लेटी हुई हूं।

मौसी की बात सुनकर मेरा लंड फिर से झटके देने लगा और मैं लंड को सहलाने लगा।

मैंने कहा- तो मुझे ही बुला लेती अपने पास, या मामा के डर से नहीं बुलाओगे?


मौसी बोली- अरे नहीं, तुम्हारे मामा तो अलग बेड पर सोते हैं।

मैं बोला- तो फिर मुझे कहां पर सुलाओगी?

वो बोली- जहां तुम्हारा मन करे वहां सो जाना।

मैंने कहा- अपने ऊपर सुला लोगी क्या?


ये कहते हुए मेरे मुंह से सिसकारी सी निकल गई। मैं तेजी से अपने लंड की मुठ मार रहा था।

वो बोली- सुला तो लूं लेकिन वो जगह तो तुम्हारे मामा की जगह है सोने के लिए।


मैंने कहा- तो थोड़ी सी जगह मुझे भी दे देना वहीं साथ में?

मौसी भी अब हंसते हुए बोली- तुम्हारी बातों से तो लग रहा है कि तुम्हें कुछ और ही चाहिए। लगता है कि भान्जा अब जवान हो गया है।

मैं बोला- तो जो आप समझी हो वही दे दो।

मौसी बोली- क्या चाहिए मेरे राजा को!

अब मौसी भी उत्तेजित होकर बातें करने लगी थी और मौसी के स्वर में एक कसक सी महसूस हो रही थी।


उसकी बात का जवाब देते हुए मैंने कहा- जो मामा जी को देती हो वही …

वो बोली- अगर वो दूंगी तो कितना करोगे?

मैंने कहा- जितना आप साथ दोगी, उतना ही करूंगा।

अब मुझे भी पूरा जोश चढ़ गया था और दोनों ही सेक्स चैट पर उतर आये थे।


अब मौसी ने और खुल कर पूछते हुए कहा- सच बताओ अब, कितनी देर तक कर लेते हो?

मैंने कहा- सच कहूं तो मौसी कभी मैंने इसका अनुभव नहीं किया है क्योंकि मैंने अभी तक किसी के साथ नहीं किया है। मुझे इसका अंदाजा और तजुरबा नहीं है।


मौसी बोली- अनुभव तो मैं दे दूंगी। तुम आगे तो बढ़ो।

मैंने कहा- मैं तो कर रहा हूं।

वो तपाक से बोली- क्या कर रहे हो?

मैंने बात पलटते हुए कहा- मतलब मैं तो आगे बढ़ रहा हूं।


मेरा हाथ तेजी से मेरे लंड की मुठ मार रहा था। बहुत मजा आ रहा था।

मेरी उत्तेजना में मेरे मुंह से सिसकारियां निकल रही थीं। उधर मौसी के स्वर भी भारी से लग रहे थे। कुछ देर तक ऐसे ही मौसी के साथ सेक्स की बातें करते रहने के कारण मेरा वीर्य निकलने वाला था।


मैंने तेजी से अपने लंड की मुठ मारते हुए मौसी से बातें करना जारी रखा। जोश में आकर मैंने मौसी को आई लव यू बोल दिया। उधर से मौसी ने भी लव यू टू कह दिया। इतना सुनकर एकदम से मेरे लंड से वीर्य की पिचकारी निकलने लगी।


मेरे लंड से वीर्य निकल कर मेरी जांघों पर टिकी मेरी गोलियों तक बहने लगा। मैंने शांत होकर ऐसे ही अंडरवियर को ऊपर कर दिया और फिर मौसी को गुड नाइट बोल कर सो गया।


मौसी से बातें करते हुए मेरे लंड की प्यास तो कुछ समय के लिए शांत हो गई थी लेकिन उस रात मैंने मौसी की चूत की प्यास को बहुत तेज कर दिया था। मौसी की चूत प्यासी हो चुकी थी। जिसकी प्यास बुझाने के लिए मौसी ने फिर क्या किया वो मैं मौसी सेक्स स्टोरी के अगले भाग में बताऊंगा।


मेरी सेक्स स्टोरी हिंदी में आपको मजा आ रहा है ना? तो अपने कमेंट करें और मुझे मेल करें।

मौसी सेक्स स्टोरी अगले भाग में जारी रहेगी।

मौसी को टांग उठाकर चोदा पार्ट 2


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