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मोनिका अपने भाई से चुदाई

मोनिका की चूत चोदा 

हैलो दोस्तो, मेरा नाम मोनिका है। मैं पंजाब की रहने वाली हूँ। मेरे घर में मेरे पापा-मम्मी।। मेरे दो बड़े भइया और मैं हूँ। मेरे सबसे बड़े भइया की उम्र 27 साल है।। उनका नाम कमलेश है। उनकी पत्नी की उम्र 25 साल है। बीच वाले भइया की उम्र 24 साल है।। जो अभी कुँवारे हैं। मेरी उम्र 21 साल की है।।


मैं सेक्स स्टोरीज की नियमित पाठक हूँ। इधर की सच्ची कहानियां पढ़कर मुझे भी लगा कि क्यों ना मैं भी अपनी गर्म स्टोरी इस पर भेजूँ।


बात अब से एक साल पहले की है जब भाभी घर में आई थीं। मैंने कभी-कभी भाभी और भइया के कमरे से जब कुछ सिसकारियाँ सुनी।। तो मेरे भी मन में कुछ-कुछ होने लगा।

तब मैं 19 साल की थी।। मैं और मेरा बीच वाला भइया।। हम दोनों साथ ही कॉलेज में जाते थे। मैं गर्ल्स कॉलेज में थी।। वो अलग कॉलेज में था।


मैं सभी तरह के ड्रेस यूज करती हूँ।। जैसे सूट-सलवार।। जीन्स-टॉप।। स्कर्ट आदि।। मेरा फिगर का साइज़ 34-32-36 है।। भइया भी जवान था।। और मैं भी पक गई थी।


जब मैं उसके साथ कॉलेज जाती तो मोटरसाइकिल पर काफ़ी बार मेरे मम्मे उससे लगते थे।। जिससे मैं कुछ उत्तेजित हो जाती थी।


मैं आपको बता दूँ कि मैं थोड़े डीप नेक के टॉप इस्तेमाल करती हूँ। मेरे सूट्स के गले काफी खुले हुए होते हैं।। जिसके कारण भइया भी मुझे कुछ अजीब से नज़रों से देखता था।


एक दिन जब वो घर पर नहीं था।। तो मैंने उसका लैपटॉप यूज किया।। मैंने उसके सिस्टम की वेब हिस्टरी में देखा तो सेक्स कहानी का पेज भी था। मतलब वो भी सेक्स कहानी की कहानियाँ पढ़ता था।। मैंने एक लिंक पर क्लिक किया तो मालूम हुआ कि वो भइया-बहन में ठुकाई की कहानियाँ पढ़ता था।


मेरा भी मन किसी से सेक्स करने का होता था।। लेकिन उसके लिए मैंने कभी यह नहीं सोचा था कि मैं अपने ही भइया से सेक्स करूँ। मेरा कोई बॉयफ्रेंड भी नहीं था।


एक दिन मैंने अपने भइया को देखा कि वो ब्लू-फिल्म देख रहा है और अपने लौड़े को हिला रहा है।

मैं रात को जब सोने गई।। तो मुझे वो ही सब याद आ रहा था। मैंने भी अपनी चूत में उंगली करके अपनी प्यास बुझा ली।


मैंने काफ़ी बार नोटिस किया कि मेरा भइया मुझे जिसका नाम वरुण छुप-छुप कर मुझे देखता था।। जैसे जब मैं घर पर झुक कर पोंछा लगाती या झुक कर कोई काम करती तो मेरे झूलते चूचों को निहारा करता था।


एक बार घर में दो शादियों के निमंत्रण पत्र आए।। एक था मेरे बड़े भइया के साले की शादी का।। और दूसरा मेरी फ्रेंड की शादी का था।


घर में पापा ने बताया कि पापा-मम्मी और बड़े भइया और भाभी सभी लोग शादी में चलेंगे।। लेकिन मैंने जाने से इन्कार कर दिया।। क्योंकि मेरी सहेली की शादी भी थी।


सो पापा ने कहा- ठीक है।। हम सभी जाएंगे।। लेकिन मोनिका और वरुण घर पर ही रहेंगे।

उन्होंने वरुण को मेरे साथ शादी में जाने के लिए बोल दिया।


मैंने अपनी सहेली की शादी के लिए एक बैकलैस ब्लाउज लिया।


अब कुछ दिन बाद वो दिन भी आ गया।। घर के सभी लोग शादी में जा चुके थे और उन्हें अगले दिन वापस आना था। घर पर केवल हम दोनों ही थे।। मतलब मैं और वरुण।


रात को हमें भी शादी में जाना था। उस टाइम हल्की सर्दी भी थी।। ये बात नवंबर के आखिर की है।

मैंने ब्लू कलर का बैकलैस ब्लाउज के साथ नैट वाली साड़ी पहनी थी।। जिसमें मेरी पूरी कमर और मेरे गोरे-गोरे हाथ दिख रहे थे।


जब मैं तैयार होकर अपने कमरे से बाहर निकली।। तो वरुण तो मुझे देखता ही रह गया, उसने अपनी नज़रों से मेरे पूरे जिस्म को देखा।। मेरे डीप नेक और बैकलैस ब्लाउज से मेरा गोरा बदन भी काफ़ी अधिक दिख रहा था।


मैंने अपने बालों को भी बाँध लिया था ताकि लोगों को मेरी कमर और पिछवाड़ा साफ़-साफ़ दिख सके। मैंने अपनी साड़ी को कमर पर मेरी नाभि से भी काफ़ी नीचे से बांधा हुआ था।


मैं और वरुण बाइक पर शादी में पहुँचे सभी मुझे घूर-घूर कर देख रहे थे।

मेरी सहेली ने मुझसे मजाक में कहा- कहीं कोई मर न जाए।। तुझे देखकर।।


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इसी तरह पूरी शादी में मुझे सभी की कामुक निगाहों से खुद को देखना बड़ा मजेदार लग रहा था।


कुछ अधिक रात होने पर सर्दी कुछ ज्यादा ही बढ़ गई। मैं तो ठंड से काँपने सी लगी। रात को 11।30 पर मैंने भइया को घर चलने को कहा।। क्योंकि हम बाइक पर थे।। तो सर्दी और तेज लगने लगी।। मैं ठण्ड से काँप रही थी।


घर जाने में करीब 30 मिनट का रास्ता था। मैंने भइया से कहा- वरुण यार, बहुत ठण्ड लग रही है।


भइया ने मुझसे कहा- तुम मुझे अच्छे से पकड़ लो।। मैं थोड़ा तेज़ बाइक चलाता हूँ ताकि जल्दी घर पहुँच जाएं।

मैंने वरुण को जोर से पकड़ लिया।


मेरे मम्मे भइया की पीठ पर लग रहे थे।। जिससे मैं कुछ देर बाद गर्म होकर उत्तेजित हो गई। मेरा लेफ्ट हैण्ड उसके लेफ्ट कंधे पर था और मेरा राइट हैण्ड उसके पेट पर था। मुझे पता था कि वो भी उत्तेजित हो रहा है।


कुछ देर बाद हम घर पहुँच गए।। मैंने ड्रेस चेंज की और सूट और सलवार पहन लिया, मैं अपने कमरे में सोने चली गई।


भइया और मेरे कमरे के बीच में एक दरवाजा था।। जिसमें से एक-दूसरे के कमरे में आया जा सकता था। मैंने वो दरवाज़ा खोल दिया था।। भइया मेन गेट लॉक करके अपने कमरे में चले गए।


मुझे नींद नहीं आ रही थी।। बस मैं आँखें बंद करके लेटी हुई थी और शादी की बातें याद कर रही थी।। किस तरह सभी मुझे खाने को हो रहे थे।


कुछ देर बाद मेरा दरवाजा जो भइया के कमरे में खुलता है।। उसके हल्के से खुलने की आवाज़ आई।

भइया ने मुझे एक आवाज़ दी- मोनिका सो गई क्या?

मैं जाग रही थी।। लेकिन बोली नहीं।


भइया ने फिर बोला।। मैं फिर भी नहीं बोली। उसे लगा कि मैं सो गई हूँ।

उसे पता था कि शादी में मुझे काफ़ी सर्दी लग रही थी। फिर भी उसने पंखा चला दिया और मेरे बिस्तर पर मेरे कंबल में आ कर लेट गया।

मैं जाग रही थी लेकिन सोने का नाटक कर रही थी।


उसने अपने पैर से हल्के से मेरे पैर को टच किया।। फिर थोड़ी देर में उसने मेरे पेट पर हाथ रख दिया। मेरे पूरे बदन में बिजली सी दौड़ गई।


उसने अपना हाथ मेरे ऊपर मेरे मम्मों पर रख दिया, मेरी साँसें तेज हो गईं।। क्यों मैं भी अभी तक वर्जिन अनचुदी थी।

मैं एकदम से खड़ी हो गई और नाटक करके बोली- वरुण ये तुम क्या कर रहे हो?


वो एकदम से चौंक गया और अगले ही पल उसने मुझे अपनी बाँहों में भर लिया।

मैं जान बूझ कर उससे छूटने का झूठा नाटक कर रही थी। उसने अपनी टी-शर्ट निकाल दी और मुझे लिटा कर मेरे ऊपर आ गया।


मैं अभी भी उसका विरोध कर रही थी लेकिन दिल कह रहा था कि आज तो भइया से ही सील तुड़वा ही लूँ।


उसने ज़ोर ज़बरदस्ती में मेरा सूट भी फाड़ दिया और मेरी रेड कलर की ब्रा जो मेरे मम्मों को छुपाए हुए थी।। उसे भी फाड़ दिया।


मैंने उससे कहा- वरुण किसी को पता चल गया।। तो हम दोनों की बदनामी होगी।

उसने कहा- हम दोनों ही घर पर हैं।। और किसी को कैसे पता चलेगा?


वो मुझे होंठ पर चुम्बन कर रहा था, मैं भी उसके बालों को सहला रही थी।

उसने अपना लोवर निकाल दिया और मेरी भी सलवार का नाड़ा खोल दिया।


मैं अब केवल फटी हुई ब्रा और पैन्टी में थी।। वो भी उसने निकाल दिए।

वो मेरे मम्मों को दबाने लगा और मेरे बदन पर हर जगह चुम्बन करने लगा और नाखून गड़ाने लगा।


कुछ ही पलों में वो नीचे को होकर मेरी चूत को चाटना शुरु कर दिया।

मेरी चूत से पानी निकल रहा था।। वो उसे पीने लगा।


थोड़ी देर बाद उसने अपना अंडरवियर निकाल दिया। उसका लण्ड काफ़ी बड़ा था, उसने अपना लण्ड मुझे मुँह में लेने को कहा।। लेकिन मैंने मना कर दिया।


अब हम दोनों से सहन नहीं हो रहा था, वो मेरी दोनों टाँगों के बीच में बैठ गया और अपना लण्ड मेरी चूत पर रख दिया।

अब उसने अपने लौड़े को मेरी चूत के छेद में फंसा कर पुश किया।। लेकिन उसका लौड़ा मेरी चूत में नहीं गया और फिसल गया।


उसने फिर से अपना लौड़ा मेरी चूत पर रखा और ज़ोर से धक्का मारा, इस बार उसका लण्ड अन्दर घुस गया, मेरी तो जान ही निकल गई।। मुझे लग रहा था कि मैं मार जाऊँगी।

उसने एक और धक्का मार कर अपना पूरा लण्ड अन्दर डाल दिया।। मैं दर्द से चिल्ला पड़ी।


वो कुछ देर तक शांत लेटा रहा।। फिर जब मेरा दर्द कम हो गया।। तो उसने धक्के मारने शुरु किए। उसके हर धक्के से मैं मज़े से ऊपर उछलती और ठुकाई का मजा लेना चालू कर थोड़ी देर बाद हम दोनों ने अपना पानी छोड़ दिया।


बाद में देखा तो बेडशीट खून से लाल हो गई थी, हमने वो चेंज की और सुबह जब मैं उठी।। तो मेरा पूरा बदन टूटने को हो रहा था।। मुझसे चला भी नहीं जा रहा था।


मैंने देखा तो भइया मेरी तरफ देख कर हँस रहा था। उसने सारे कपड़े धो दिए थे।

भइया ने मुझे गले से लगाया और कहा- आई लव यू जान।। तुमने मुझे खुश कर दिया।


दोस्तो, यह मेरी पहली ठुकाई की कहानी है।। मुझे बताएँ कि आपको ये कैसे लगी।


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