रिंजू मौसी को नहाते हुए देखा
मेरी मौसी की अभी शादी नहीं हुई है। मौसी का भरा बदन देख मैं मौसी की ठुकाई करना चाहता था। मैंने कैसे अपनी मौसी की चूत को चोदा … पढ़ें मेरी हिन्दी सेक्स कहानी में!
नमस्कार दोस्तो, मेरा नाम शिखर है और मेरी उम्र 23 साल है। मेरे लंड का साइज 6 इंच है और मैं 160 सेमी का हट्टा कट्टा मर्द हूँ। मैं उत्तर प्रदेश के मैनपुरी का रहने वाला हूँ। मैं 2023 से सेक्स कहानी का पाठक हूँ। और अब तक कई लड़कियों और भाभियों को चोद चुका हूँ। कई मैनपुरी की लड़कियों और भाभियों ने मुझे काल करके चोदने के लिए बुलया है।
आज मैं आपको अपने जीवन की सच्ची घटना हिन्दी सेक्स कहानी सुनाने जा रहा हूँ।
यह घटना मेरी और मेरे पापा की बहन यानि मेरी मौसी के बीच की ठुकाई की है जो मुझसे 4 साल बड़ी है। मेरी मौसी का नाम रिंजू है उनकी लंबाई 145 सेमी है और उनका साइज 36-30-38 है यानी एकदम गद्देदार।
मौसी की माँ यानि मेरी दादी का निधन जब मौसी थी, तभी हो गया था। परिवार में खाना बनाने वाला और कोई नहीं था तो परिवार की सारी जिम्मेदारी मौसी पर आ गयी और उनकी पढ़ाई नहीं हो सकी। परिवार में उनके अलावा उनके 3 भाई और पापा थे।
आपका ज्यादा समय ना लेते हुए मैं सीधा कहानी पर आता हूँ। मैं छात्रावास में रहा कर पढ़ता था, मेरी बीच में छुट्टी हुई तो मैं घर आया। फिर मैंने सोचा कि क्यों ना मौसी से मिल आया जाए। तो मौसी का घर आ गया मैंने दरवाजा खटखटाया तो मौसी बाथरूम से बोली- कौन है?
मैं नहीं बोला … मैं उनको सरप्राइज देना चाहता था।
फिर कुछ देर बाद मैंने कहा- मैं हूँ शिखर!
तो बोली- तुम रुको, मैं नहा लूं।
मैं वहीं खड़ा रहा।
मौसी के शायद कुछ कपड़े बाहर रह गये थे, वो लेने आयी थी। मैं दरवाजे के छेद से आंगन में देख रहा था। जैसे ही मैंने मौसी को केवल पैंटी में देखा, मैं तो पागल हो गया। उनका साँवला बदन, और उन पर मोटे मोटे उनके थन मुझे ललचा रहे थे।
जैसे तैसे मैंने कंट्रोल किया और उनको चोदने की ठान ली।
ऐसे ही समय बीत गया जुगत लगाते लगाते … पर ना मौका मिल पा रहा था, ना मैं उनसे अपने दिल की बात उनसे कह पा रहा था। हालांकि हम लोग शुरू से साथ रहने के कारण आपस में पूरे खुले हुए थे, सेक्स के मामले में भी काफी कुछ कर चुके थे। पर अब हिम्मत नई हो रही थी।
मैं आई आई टी की कोचिंग करने के लिए कोटा गया। पहली बार बाहर का माहौल देखा … साथ के दोस्तों की गर्लफ्रेंड थी तो मेरा भी मन करता था कि मेरी भी गर्लफ्रेंड हो, मैं भी उसे चोदूँ।
एक दिन ऐसे ही मौसी का ख्याल आ गया। मैंने काल की और मौसी से बात करते करते बोल दिया- मौसी, आप हमें बहुत अच्छी लगती हो, मैं आपको बहुत पसंद करता हूँ।
मौसी हल्की सी मुस्कुराई और बोली- घर आओ, फिर आपसे मिलते हैं।
फिर हम लोगों की बात स्टार्ट हो गयी और एक दिन मैंने मौसी से बोल दिया- मौसी मुझे आपको चोदना है।
उन्होंने भी बोला- पहले घर आ … फिर सोचते हैं।
मैंने घर फोन किया- मैं घर आ रहा हूँ, थोड़ा काम है।
शाम को मैं घर पहुंचा। जैसे तैसे रात काटी, सुबह होते ही मौसी के घर पहुंच गया।
मौसी उस समय खाना बना रही थी। मैंने चुपके से जाकर उनको पीछे से जकड़ लिया। वो डर गयी और पीछे देखा तो मैं खड़ा था।
तो मौसी शर्मा गयी और बोली- बहुत बिगड़ गए हो तुम?
मैंने कहा- मौसी आपके चूचे देख के बुड्ढा भी बिगड़ जाए … हम तो आपके भतीजे हैं।
और मैंने मौसी के दोनों बूब्स कस के दबा दिए।
वो चिल्ला पड़ी- अभी नहीं।
मैं भी पीछे हट गया और उनके फ्री होने का इंतजार करने लगा। जैसे ही वो फ्री हुई, मेरे पास आयी, बोली- यार अभी नहीं।
मैंने थोड़ा उनको इमोशन ब्लैकमेल किया और कहा- मैं ऊपर रूम में इंतजार कर रहा हूँ। आप हमसे प्यार करती हैं तो आ जाना।
वो कुछ नहीं बोली।
मैं ऊपर इंतजार करने लगा। थोड़ी देर में उनके ऊपर आने की आवाज आयी। मैं खुश हो गया और मेरा लंड उफान लेने लगा कि आज तो मौसी की चूत मिलेगी।
मौसी जैसे ही ऊपर आयी और आते ही मुस्कराई। मैंने एकदम से उनको पकड़ कर चारपाई पर डाल लिया और उनको चूमने लगा।
वो भी मेरा साथ दे रही थी।
मैं अब एक हाथ से उनके मोटे मोटे बूब्स दबा रहा था। वो दोनों हाथों से मेरा सर पकड़ कर बहुत तेजी से मेरे होंठों को चूस रही थी।
मैंने उनके कान के पीछे चूमा तो वो और गर्म हो गयी और मेरे बालों में हाथ डाल कर सहलाने लगी।
फिर मैं नीचे आया और उनके कुर्ते को ऊपर करने लगा। वो उठी और कुर्ते को उतारने में मेरी सहायता करने लगी।
जैसे ही कुर्ता उतारा … वैसे ही गुलाबी ब्रा में कसे उनके मोटे मोटे थन मुझे पागल करने लगे। मैं ब्रा के ऊपर से ही उन पर टूट पड़ा।
मौसी ने कहा- आराम से करो … ये तुम्हारे ही हैं अब!
मैंने कहा- इनकी वजह से ही आज मैं आपको चोदने वाला हूँ।
वो बोली- ठीक है, जो भी करो … अब ये तुम्हारे हैं।
मैं अब नीचे आया और मौसी की सलवार का नाड़ा खोल दिया और सलवार उतार दी। मौसी काली पेंटी पहने थी।
अब मुझे मौसी की चूत देखने की जल्दी थी। मैंने झट से मौसी की पैंटी उतार दी। अब मौसी की चूत मेरे सामने थी। मैं चूत देखते ही उस पर टूट पड़ा और उसे चाटने लगा।
मौसी अब दोनों हाथों से मेरे सर को अपनी चूत पर दबा रही थी और सी सी सी … की आवाज कर रही थी।
और कुछ ही देर में मौसी एकदम से अकड़ी और अपना सारा पानी मेरे मुँह पर छोड़ दिया।
अब मैं ऊपर आया और मौसी की ब्रा को उतारा और उनके नंगे बूब्स को पीने लगा।
मौसी बोली- अब और ना तड़पाओ … तुम मुझे चोदना चाहते थे तो अब चोदो ना!
मैंने उनकी ना सुनी और झट से अपना लंड उनके मुँह में डाल दिया।
वो इसके लिए तैयार नहीं थी और वो एकदम से सकपका गयी लेकिन फिर बाद में मेरे लंड को आराम से मुँह में लेकर चूसने लगी। थोड़ी देर में मैं उनके मुँह में ही झड़ गया।
अब मैं मौसी के होठों को चूमने लगा। उन्होंने एक हाथ से मेरे लंड को सहलाना चालू किया। थोड़ी देर में वो फिर से अपने रूप में आ गया।
मौसी बोली- वाह, अब तो मेरा भतीजा अपनी मौसी की ठुकाई करेगा।
मैं नीचे आया और मौसी की कमर के नीचे तकिया रख कर उनकी गांड को ऊपर किया। मैंने मौसी के दोनों पैरों को अपने कंधे पर रखा और लंड को मौसी की चूत की तरफ बढ़ाया।
मैं लंड को मौसी की चूत में डालता, उससे पहले मौसी ने लंड को पकड़ के चूत का छेद पर रखा और नीचे की तरफ सरक गयी।
मैं अवाक रह गया।
मौसी बोली- देखते क्या हो? पूरा अंदर डालो!
मैंने धक्का दिया और मेरा लंड आराम से मौसी की चूत के अंदर चला गया। मैं समझ गया कि ये पहले चुद चुकी है।
खैर मैंने कुछ नहीं पूछा कि मौसी किस से चुदी है। मुझे तो बस मौसी की ठुकाई करनी थी, मेरी ये भी हसरत पूरी हो रही थी।
मैंने झटके लगाने शुरू किए। मौसी भी नीचे से चूतड़ उठा उठा के मेरा साथ दे रही थी।
फिर मैंने मौसी को नीचे खड़ी करके चारपाई पर हाथ रखवा कर घोड़ी बना लिया और पीछे से लंड मौसी की चूत में घुसेड़ दिया।
अब मैं जोर जोर से मौसी की चूत की ठुकाई करने लगा। मौसी इतनी देर में 2 बार झड़ चुकी थी।
मेरा भी निकलने वाला था। मैंने लंड को मौसी की चूत से बाहर निकाल के उनके मुँह में डाल दिया। मौसी मेरा सारा माल पी गयी।
तबसे अब तक मैं कई बार मौसी की ठुकाई कर चुका हूँ।
अब मौसी की शादी हो गयी है।
दोस्तो, आपको मेरी मौसी की ठुकाई की हिन्दी सेक्स कहानी कैसी लगी मुझे बताना।