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सिला चाची को मेरा लंड पसंद है

 सिला चाची को मेरा लंड पसंद है

मैं एकदम गोरा और दिखने में क्यूट हूं। लड़कियां मुझे देखती हैं तो देखती ही रहती हैं। मेरी चचेरी चाची भी मेरे ऊपर मर मिटी और अपनी जवानी मेरे लंड के नाम कर दी।

दोस्तो, मेरा नाम बाली है। मैं हरियाणा के कैथल शहर में रहता हूं। मैं सेक्स कहानी का एक नियमित पाठक हूँ और काफी समय से इसकी सेक्स कहानी पढ़ कर अपनी पिपासा शांत करता रहा हूँ। काफी सोचने और संकोच के बाद मैंने सोचा कि मैं भी अपनी कहानी लिखूँ।


ये मेरी पहली सेक्स कहानी है, जो कि सच्ची कहानी है। पहली कहानी होने के कारण गलती होना स्वाभाविक है, तो प्लीज़ नजरअंदाज कर दीजिएगा।


ये बात उस समय की है, जब मैं बीकॉम के पहले साल का छात्र था। कहानी में आगे बढ़ने से पहले मैं आपको अपने बारे में बता देता हूं। मेरा कद साढ़े पांच फिट का है। मेरे लंड का साइज 7 इंच है। मैं अपने परिवार में सबसे छोटा हूँ और सब मुझसे प्यार भी करते हैं। मेरी बॉडी दिखने में ठीक-ठाक है। मैं एकदम गोरा हूँ और दिखने में क्यूट हूं।


अब आप कहोगे कि बंदा अपनी तारीफ खुद कर रहा है, लेकिन ये सच है क्योंकि भाई एक बात आप भी समझते होंगे कि लड़कियां अक्सर लड़कों को देख कर मुँह बिचका देती हैं, पर वे कुछ ही आकर्षक लड़कों की तरफ देखती हैं, मुझे ऐसा सौभाग्य प्राप्त है जो कि मेरा क्यूट होने के कारण है। इसी वजह से ही मैं अपनी चाची को चोद सका।


अब मैं अपनी कहानी की हीरोइन के बारे में मतलब अपनी चाची के बारे में बता देता हूं। चाची का नाम सिला है, सिला चाची देखने में रूप की सुंदरी हैं। उनको देखने के बाद और किसी को देखने का कोई सोच भी नहीं सकता। चाची की हाईट यही कोई 5 फुट 1 इंच की है। लेकिन उनका फिगर 36-32-36 का है। उनकी शादी को 6 साल हो गए हैं। उनको अ तक औलाद का सुख नहीं मिल सका है।


सिला चाची मेरे ताऊ के लड़के की पत्नी हैं। हालांकि उन दोनों की जोड़ी मिलती नहीं है, क्योंकि मेरा चाचा थोड़ा सांवले रंग का है, ज्यादा काला नहीं है, बस थोड़ा ही है। वो पुलिस में है। उसकी ड्यूटी पानीपत में है, जो कि हमारे शहर से 50 किलोमीटर दूर है। वैसे तो चाचा का रोज घर आना होता है, लेकिन कई बार वो घर नहीं आ पाते थे।


एक दिन जब मैं कॉलेज से घर आया, तो घर पर कोई नहीं था सिवाए सिला चाची के … सब पड़ोस के घर में कीर्तन में गए थे।


जब मैं घर पहुंचा, तो मैंने चाची से अपनी माँ और बाकी सभी के बारे में पूछा, तो वो बोलीं कि सब लोग कीर्तन में गए हैं।

मैं चुप रहा।


चाची मुझसे बोलीं- तुम हाथ धो लो, मैं खाना लगा कर तुम्हारे कमरे में ही ले आती हूँ।


मैं अपने रूम में चला गया। थोड़ी देर बाद सिला चाची खाना ले आईं। जब वो थाली मेरे सामने रखने लगीं, तो उनका दुपट्टा नीचे गिर गया … जिससे मुझे उनकी चूचियों के दीदार हो गए। आह क्या गोरे गोरे मम्मे थे उनके … मैं तो देखता ही रह गया। सिला चाची ने भी मुझे दूध देखते हुए ताड़ लिया था।


ये देख कर उन्होंने एक प्यारी सी स्माइल दी और प्यार से मेरे सर में थप्पड़ मारकर बोलीं- खाने खा ले … अभी तू छोटा है, ये सब देखने की तेरी उम्र नहीं है।

मैं भी मुस्कुरा दिया।


चाची गांड मटकाते हुए चली गईं और काम करने लगीं। लेकिन मेरी आंखों में तो चाची की चूचियों का सीन ही दिख रहा था। इससे पहले मैंने अपनी चाची के बारे में कभी गलत नहीं सोचा था। लेकिन आज मुझे उनको चोदने का मन कर रहा था।


कुछ देर बाद मैं खाना खाकर बाहर आ गया और चाची से बातें करने लगा।


चाची भी अपना काम करके मेरे पास आकर बैठ गईं और मुझसे बातें करने लगीं। मैं अपने फ़ोन में लगा हुआ था।


उसी वक्त चाची ने मेरा मोबाइल ले लिया और देखने लगीं। चाची मेरे मोबाइल को देख ही रही थीं कि तभी मेरी गर्लफ्रेंड का फ़ोन आ गया।


चाची ने फ़ोन उठा लिया, लेकिन उनकी आवाज सुनते ही मेरी फ्रेंड ने फ़ोन काट दिया।


इस पर चाची ने पूछा- जनाब ये कौन थी?

चाची ने मुस्कराते हुए पूछा था, तो मैंने कहा- चाची ये मेरे साथ पढ़ने वाली फ्रेंड थी।

चाची ने हम्म कहते हुए सीधे ही मुझसे पूछ लिया- कुछ किया भी है इसके साथ … या यूं ही हाथों से हिलाते हो?


मैं चाची की बात सुनकर थोड़ा असमंजस में पड़ गया। फिर धीरे से बोला- चाची मैं समझा नहीं … आप क्या हिलाने की बात कर रही हैं?

चाची मेरे पास आकर बोलीं- अभी समझा देती हूं। वो मेरी गोद में सर रख कर लेट गईं और मुझे आंख मारने लगीं।


मुझे तो जैसे जन्नत मिल गई हो … और मैंने कुछ बोले बिना ही चाची को पकड़ कर उनको किस करने लगा। चाची तो तैयार ही थीं … मेरा साथ देने लगीं।


कोई 20 मिनट तक चूमाचाटी करने के बाद मैंने चाची से कहा- मैं आपको चोदना चाहता हूँ।

चाची बोलीं- तो ये सब खेल किस लिए किया था। चुम्मी करने से क्या पूरा मजा आ सकता है … तुमको रोका किसने है। मैं तो खुद तुमसे चुदना चाहती हूँ। आज मेरी प्यास को तू बुझा दे।


बस मैं चाची के साथ शुरू हो गया और मैंने चाची को पकड़ कर अपनी और खींच लिया। मैं उनकी कमर से होते हुए अपने हाथों को उनके चूतड़ों पर ले गया और उनको दबाने लगा।


चाची ने आंखें बंद कर लीं, मैं उन्हें किस भी किए जा रहा था और उनके चूतड़ों को भी दबाता जा रहा था। इसमें मुझे बड़ा मजा आ रहा था।


फिर चाची ने अपने और मेरे सारे कपड़े उतार दिए और मेरा लंड, जो कि अकड़ गया था, उसको पकड़ लिया और लंड पकड़े हुए वो मुझे अपने रूम में ले गईं।


कमरे में आते ही मैंने चाची को बेड पर लिटा दिया और खुद उनकी टांगों को फैला कर उनके ऊपर चढ़ गया। मैं चाची के ऊपर ठुकाई की पोजीशन में लेटा हुआ था और उनको किस कर रहा था। मेरा लंड इस समय उनकी फूली हुई चूत को छू रहा था। मैं चाची के गालों होंठों को चूस रहा था। उसके बाद मैंने उनके मम्मों को चूसना शुरू किया, तो चाची मस्त सिसकारियां लेने लगीं। मैं उनके एक चुचे को चूस रहा था और दूसरे को हाथ से दबा रहा था।


तभी चाची अपने हाथ से मेरा लंड अपनी चूत में लेने लगीं। मैं चाची को अभी कुछ देर और तड़पाना चाहता था, लेकिन ये मेरी पहली ठुकाई थी … इसलिए मैं अपने आपको रोक ना सका।


मैंने चाची की टांगों को पूरा फैलाया और अपना लंड उनकी चूत पर सैट करके धक्का दे मारा। मेरे पहले ही धक्के में आधा लंड चाची की चुत में अन्दर घुसता चला गया।


सिला चाची लंड की पहली चोट से ही एकदम से सिसक गईं और थोड़ा सा चिल्लाकर बोलीं- उम्म्ह… अहह… हय… याह… मर गई!


मैं चाची को चूमते हुए बोला- अभी कहां से मर गईं सिला रानी … अभी तो फीता ही कटा है।

चाची सिसकारियां लेने लगीं- आह ईईए … तुम्हारा बड़ा मोटा है।


ये सुनकर मैंने एक और झटका दे मारा और इस बार मैंने अपना सारा लंड चाची की चूत में पेल दिया। चाची दर्द से चिल्ला उठीं और मुझसे लिपट गईं। मैं उनको किस करते हुए चोदने लगा।


चाची ने मुझे कसके जकड़ रखा था और वो ‘आ आ ईई ऊऊ।।’ की आवाज कर रही थीं। कुछ ही देर में चाची को मजा आने लगा और वो अपनी टांगें हवा में उठाते हुए लंड का मजा लेने लगीं। चाची मेरे बालों में हाथ फेरते हुए मुझे जोश दिला रही थीं। वो कभी मेरी गांड पर हाथ फेरने लगतीं।


लगबग दस मिनट तक धकापेल चोदने के बाद चाची झड़ गईं और उन्होंने अपना सारा पानी छोड़ दिया। उनकी चूत के गरम पानी से मेरा लंड भी रोने को राजी होने वाला था।


मैंने चाची से कहा- मेरा निकलने वाला है … किधर करूं?

चाची गांड उठाते हुए बोलीं- अन्दर ही छोड़ दो।


मैंने बिंदास होते हुए चाची की ठुकाई के आखिरी शॉट देने शुरू कर दिए। लगभग 10-12 झटकों में मैं झड़ गया। मैंने अपना सारा पानी चाची की चूत में छोड़ दिया और उनके ऊपर ही लेट गया।


चाची मुझे किस करने लगीं। वो कभी मेरे बालों को सहलातीं, तो कभी मेरी कमर से होते हुए मेरी गांड पर हाथ फेरतीं। वो मुझे प्यार से चूम रही थीं। चाची बोलीं- तुम कितने क्यूट हो … प्यार से मांगोगे, तो तुम्हें तो कोई भी अपनी चूत दे देगी।


उनके साथ कुछ देर प्यार करते हुए मैं मस्त रहा। कुछ देर बाद मेरा फिर से खड़ा हो चुका था। चाची ने लंड को छुआ तो कहने लगीं- इसमें अभी भूख बाकी दिख रही है।

मैंने कहा- हां एक राउंड और करूंगा।

चाची- आ जाओ, मना किसने किया है। मुझे तो खुद बड़ी आग लगी है।


मैंने चाची को घोड़ी बनने के लिए कहा, तो वो झट से घोड़ी बन गईं। मैं उनके पीछे जाकर अपना लंड उनकी चूत पर सैट करने लगा। उसके बाद मैंने चाची के चूतड़ों पर हाथ रखा और एक धक्का मार दिया। मेरा लंड उनकी चूत में फिसलता चला गया। चाची की हल्की सी आह निकली और वो मस्ती से अपनी गांड हिलाने लगीं।


मैंने धक्के देना शुरू कर दिए। उनके चूतड़ों का आकार बड़ा होने की कारण मेरी जांघों की थाप आवाज करने लगी। पूरे कमरे में हम दोनों की ठुकाई की जोर जोर की आवाजें आने लगीं ‘फच … फच!


मैं चाची के चूतड़ों को मसलने लगा। चाची आह भरने लगीं। मेरे धक्के मारने से चाची के बड़े बड़े चूतड़ उछलने लगे थे। चाची के चूतड़ बहुत ही मुलायम थे, मेरा तो उन पर से हाथ हटाने का मैंने ही नहीं हो रहा था।


थोड़ी देर की दमदार ठुकाई के बाद हम दोनों झड़ गए और इसी पोजीशन में बिस्तर पर मैं चाची के नंगे बदन के ऊपर लेट गया। मेरा लंड अब भी चाची की चूत में ही घुसा था। वो पेट के बल लेटी थीं। मैं उनके ऊपर ही पड़ा था।


उसके बाद मैंने चाची की कमर को किस करना शुरू किया। आधा घंटे के इस चूमाचाटी से मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया था। जब मैं चाची की कमर को किस कर रहा था, तब उनकी गांड के छेद पर मेरा लंड लग रहा था।


मैंने चाची से खड़ा होने के लिए कहा, तो वो खड़ी हो गईं। मैं चाची के पीछे से जाकर चिपक गया और उनके मम्मों को मसलने लगा। साथ ही उनकी गर्दन पर किस करने लगा। मेरा लंड चाची की गांड के छेद में घुसने की फिराक में था।


तभी चाची ने अपने पैर फैलाए और अपने हाथ से मेरा लंड पकड़ कर अपने चूतड़ों के छेद पर सैट करके पीछे को ठोल मार दी। मेरा आधा लंड उनकी गांड में चला गया। मुझे थोड़ा दर्द हुआ, क्योंकि मैंने पहली बार किसी की गांड में लंड घुसेड़ा था।

चाची की गांड भी थोड़ी टाइट थी। उनकी चूत में लंड पेलने से मुझे कुछ दर्द नहीं हुआ था लेकिन गांड मारने से काफी दर्द हुआ। उसके बाद मैंने एक और धक्का मारा और अपना पूरा लंड अन्दर पेल दिया।


इस बार चाची को दर्द हुआ क्योंकि मेरा चाचा चाची की गांड कम ही मारता था। ये बात चाची ने मुझे बाद में बताई थी।


उसके बाद मैंने धक्के देना शुरू किए, तो कमरे में एक बार फिर से मेरी जांघों और चाची के चूतड़ों के टकराने से ठप ठप की आवाजें आने लगीं। मैं चाची के चूतड़ों से कई बार में बीच में चिपक कर रुक जाता, तो चाची मुझे प्यार से सहलाने लगतीं।


लगभग 30 मिनट तक चाची की गांड मारने के बाद हम दोनों झड़ गए और मैं लेट गया। हम दोनों पिछले दो घंटे से चाचा कर रहे थे।

मैंने चाची से पूछा कि मैंने आपको पूरी तरह खुश कर दिया या नहीं?

उन्होंने मुस्कराते हुए हां बोला और बाहर जाकर सोफे से कपड़े ले आईं।


चाची ने मुझसे कपड़े पहनने के लिए बोला। मैंने कपड़े पहने।


मैं जाने के लिए तैयार तो था, लेकिन मेरा मन नहीं भरा था, मैंने चाची से कहा- चाची एक बाद प्लीज़ मेरा लंड चूस दो।

चाची मुस्करा दीं और वो फर्श पर घुटने के बल बैठ कर मेरे लंड को फिर से बाहर निकाल कर चूसने लगीं।


उन्होंने मेरे लंड तो काफी देर तक चूसा इस बीच मेरा माल बाहर निकलने को हो गया। मैंने आवाजें करना शुरू की, तो चाची समझ गईं। चाची ने तुरंत मेरा लंड मुँह से निकाल कर अपनी चूचियों के बीच में रख कर मेरा माल निकलवाया।


मेरा रस चाची के मम्मों पर चमक रहा था। चाची ने हंसते हुए अपने आपको साफ किया और कपड़े ठीक करके सोफे पर बैठ गईं।

मैंने उनकी तरफ देखा, तो उन्होंने मुझे अपनी तरफ खींचा और फिर से मेरे लंड को चूसने लगीं। उनका मन ही शांत ही नहीं हुआ था … मैं समझ गया कि वो बड़ी प्यासी थीं।


चाची मेरे लंड को तब तक चूसती रहीं, जब तक डोरबेल नहीं बजी। मैंने झट से अपने पेंट की जिप बंद की और सोफे पर बैठ गया। चाची की कोई फ्रेंड मिलने आई थी। मैं उठ कर बाहर चला गया।


उस दिन से लेकर आज तक में चाची को 70 बार चोद चुका हूं। मैं चाची को 10 से 15 मिनट तो हर रोज ही चोदता हूँ। इसके अलावा जब भी चाची को मौका मिलता है, वो मेरा लंड चूस लेती हैं। मैं जब भी उनको अकेला देखता हूं, तो उनकी गांड पर हाथ फेर देता हूं। वो बदले में मेरे लंड को सहला कर अपना प्यार जता देती हैं।

हमारी दोस्ती को एक साल से ज्यादा हो गया है। आप सभी को मेरी कहानी कैसी लगी, प्लीज़ मुझे मेल भेजिएगा।


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 चाची को घोड़ीबानकर चुदाई मेरा नाम मिथिलेश है। मैं अभी बंगलौर में रहता हूँ, रंग गोरा, 5’6′, 23 साल, ग्रेजुएट। यह मेरा पहला संदेश है आप लोगो के लिए। इसका मतलब यह नहीं कि यह मेरा पहला सेक्स अनुभव है। इससे पहले मैंने बहुत सेक्स किया है लड़कियों और आंटियों से। जो लड़कियाँ मेरे साथ सेक्स में रात गुजारती, वो मेरे साथ शहर में घूमने के लिये भी ख्वाहिश रखती थी