देसी लड़की की देसी चुदाई

देसी लड़की के साथ सेक्स की देसी कहानी

मेरे सेक्स की देसी कहानी को पढ़ कर मजा लें कि कैसे मैंने गाँव की एक जवान चुलबुली लड़की को पता कर खुले आसमान के नीच उसकी चूत की चुदाई उसकी सहेली के सामने की।

डर क्या होता है दोस्तो, ये तो सभी जानते हैं। मगर अपने डर को दरकिनार करते हुए भी चुदाई को अंजाम देना भी हर किसी के बस की बात नहीं होती।

देसी गांव की कुंवारी चूत की छुड़ाई

देसी कहानी गांव की कुंवारी चुत चुदाई

यह देसी कहानी गांव की कुंवारी चुत चोदन की है मेरे गांव में एक नदी है गर्मियों में मैं नहाने नदी पे जाता था एक दिन ऐसे ही नहाने के दौरान मुझे एक कुंवारी लड़की मिली

 

दोस्तो, मेरा नाम अमितहै। मैं राजस्थान के हनुमानगढ़ का रहने वाला हूं अभी मैं जयपुर में रहकर रेलवे के पेपर की तैयारी कर रहा हूं मेरे परिवार में हम दो भाई और माँ-पापा है। माँ हॉउस वाइफ है जबकि पापा किसान हैं। हमारे पास 30 बीघा जमीन है जो कि बिल्कुल नदी के पास है

मामा के बेटे ने घोड़ी बनाकर चुदाई की | Hindi kuvari ladki sex stories

  मामा के बेटे ने घोड़ी बनाकर चुदाई की

हाई फ्रेंड्स, मैं हूँ सैक्सी चांदनी। आज में आपको अपनी लाइफ की सच्ची घटना बताने जा रही हूँ। मुझे उम्मीद है कि आपको ये कहानी बहुत पसंद आएगी।


हमारा परिवार मेरे मामा के परिवार के साथ ही रहता था लेकिन बाद में दोनों परिवारों में झगड़ा होना शुरू हो गया। उसके बाद हमारा परिवार मामा के परिवार से अलग हो गया। लड़ाई की वजह भी ज्यादा बड़ी नहीं थी। चूंकि परिवार काफी बड़ा था इसलिए खाना बनाने को लेकर अक्सर हमारे बीच में झगड़ा रहने लगा था। फिर अलग होने के बाद मामा और मेरे परिवार में खाना अलग ही बनने लगा था।

चाची को घोड़ीबानकर चुदाई | aunty sex stories

 चाची को घोड़ीबानकर चुदाई

मेरा नाम मिथिलेश है। मैं अभी बंगलौर में रहता हूँ, रंग गोरा, 5’6′, 23 साल, ग्रेजुएट।


यह मेरा पहला संदेश है आप लोगो के लिए। इसका मतलब यह नहीं कि यह मेरा पहला सेक्स अनुभव है। इससे पहले मैंने बहुत सेक्स किया है लड़कियों और आंटियों से।


जो लड़कियाँ मेरे साथ सेक्स में रात गुजारती, वो मेरे साथ शहर में घूमने के लिये भी ख्वाहिश रखती थी

अंकिता अपनी मौसी के बेटे से चुदाई | Hindi sex stories


अंकिता अपनी मौसी के बेटे से चुदाई 

हाई फ्रेंड, मेरा परिचय तो आप जानते ही हैं। मैं आपकी अंकिता हूँ। SEX STORIES  पर मेरी पिछली दो कहानियाँ

आप सबने पसंद की, धन्यवाद।


आज मैं हाजिर हूँ एक नई कहानी लेकर … बहुत समय से मैंने कोई कहानी नहीं लिखी क्यूंकि मैं काफी टाइम से चुदी नहीं हूँ न इसलिए!

अब तो मन करने लगा है कि एक बार और चुद ही लिए जाये!


मगर चुदने के लिए एक अदद लंड तो चाहिए ही … और उसी की कमी थी। और अभी तो मैं कॉलेज में ही पढ़ती हूँ तो ज़ाहिर सी बात है कि इतनी परिपक्व नहीं हुई हूँ कि किसी मर्द को पटा सकूँ, और उससे अपनी प्यासी जवानी की प्यास बुझा सकूँ!

पड़ोसन आंटी के साथ देसी चुदाई

 पड़ोसन आंटी के साथ देसी चुदाई 

मैं शिव आप लोगों को अपनी पहली कहानी सुनाने जा रहा हूं।


एक दिन मैं अपने घर की तरफ़ जा रहा था कि मैंने देखा कि कोई मुझे बुला रहा है। मैं उनके पास गया तो देखा कि वो मेरे पड़ोसी हैं और बहुत ज्यादा पीने की वजह से वो चल नहीं पा रहे हैं। मैंने अंकल की मदद की और उन्हें उनके घर तक छोड़ने गया। डोरबेल बजाई तो एक औरत ने दरवाजा खोला जिन्हें मैं आंटी बुलाता था और जब उन्होंने मुझे अपने पति के साथ देखा तो चिड़चिड़ाना शुरू कर दिया।


छोटे भाई आयुष के साथ देसी चुदाई

 छोटे भाई आयुष के साथ देसी चुदाई

नमस्ते दोस्तो, मैं आपकी सेक्सी दोस्त स्नेहा हूँ। मैं इस शहर के बढ़े में रहने वाली मस्त बिंदास लड़की हूँ। मेरा परिवार काफी बड़ा है और सबके लिए अलग अलग कमरे बनाये गये हैं। मेरे घर में किसी चीज की कोई कमी नहीं है। मैं अपने सारे शौक पूरे करती हूं।

वैसे तो मैं जॉब भी करती हूं लेकिन वो सब मैं पैसे के लिए नहीं बल्कि घूमने फिरने के मकसद से करती हूं। जब मैं ऑफिस की सहेलियों के साथ होती हूं तो हम लोग खूब मजा करते हैं। मेरी सहेलियां ऑफिस के पास ही रूम लेकर रहती हैं। मैं उनके वहां जाकर मस्ती करती हूं। जिन्दगी को फुल एन्जॉय करते हैं हम लोग

पड़ोसन आंटी को घोड़ी बनाकर गांड चुदाई

 पड़ोसन आंटी को घोड़ी बनाकर गांड चुदाई 

हेलो फ्रेंड्स, मैं सुधीर यूपी वाला फिर हाज़िर हूं दूसरी कहानी लेकर!


यह बात आज से 1 साल पुरानी है जब हमारे मकान में एक किरायदार रहने के लिए आए थे। में उन्हें अंकल और आंटी कहता था। धीरे धीरे उनसे अच्छे सम्बंध बनते गये और मैं उनके करीब पहुंचता गया।


आंटी का पति तो ज़्यादातर तौर पर बाहर ही रहता था। एक दिन यूँ हुआ कि आंटी के पति गये हुए थे और मेरे घर वाले भी आउट ऑफ मुंबई गये थे और कमरे की चाबी आंटी को दे गये, मुझे घरवालो ने फोन कर के बता दिया था की चाबी आंटी के पास है।

मौसी की बेटी आसी की चुदाई

 मौसी की बेटी आसी की चुदाई 

हेलो दोस्तों, मैं मुंबई का रहने वाला हूँ। प्यार से लोग मुझे राजीव कहते हैं। जब ये घटना हुई थी तब में 20 साल का था। मेरे पिताजी एक बिजनेसमैन हैं। ये मौसेरी बहन की ठुकाई कहानी पूरी तरह से काल्पनिक सोच पर आधारित है।

मैं गर्मियों की छुट्टियां बिताने के लिए कुछ दिन अपने मौसी के घर जाने वाला था। मेरे मौसी पुणे में रहते हैं। मैंने अपने मौसी के घर पुणे जाने के लिए मुंबई से फ्लाईट ली थी। मेरे मौसी के घर में सिर्फ तीन लोग ही रहते थे। मेरे मौसा, मौसी और उनकी बेटी आसी।

छोटे भाई की पत्नी गीतमाला की चुदाई

 छोटे भाई की पत्नी गीतमाला की चुदाई 

मेरा नाम मंगलू है। मैं SEX KAHANI का नियमित पाठक हूँ। आज मैं एक कहानी लिखने का साहस कर रहा हूँ। यह कहानी मेरे घर की है। मेरे घर में मैं, मेरी पत्नी, एक छोटा भाई, उसकी पत्नी और हमारे छोटे बच्चे एक संयुक्त परिवार की तरह रहते हैं।

सविता चाची की कामवासना

  सविता चाची की कामवासना पूरा किया

दोस्तो, मैं राज एक बार फिर आपकी सेवा में हाज़िर हूँ। मुझे बहुत खुशी हुई कि आप सबने मेरी पहली कहानी किराएदार और उसकी बेटी की काफी सराहना की और इसी के कारण मैं आप के सामने एक बार हाज़िर हूँ एक नई कहानी लेकर। आशा करता हूँ कि आप सब इसे काफी पसन्द करेंगे।

आलिया की गांड चोदा

आलिया आंटी की गांड मारा

मेरी आंटी बहुत ही ख़ूबसूरत व सेक्सी है। उसका नाम आलिया है। वह एक पंजाबी है और उसकी उम्र 27 साल है। उसकी फ़िगर तो मस्त है ही साथ में गांड भी लाजबाव है। उसके मम्मे बिल्कुल बड़े-बड़े और भरे-भरे हैं और वे पहाड़ की तरह कसे और खड़े रहते हैं। एक तरह से अब वह मेरी पत्नी है। यह घटना सात महीने पहले घटी थी।

मेरे चाचा काम पर हमेशा लम्बे समय के लिए जाते थे, क्योंकि वह एक बड़ी कम्पनी के सेल्स मैनेजर थे, जिसकी वजह से उन्हें काफी यात्रा करनी पड़ती थी। मैं आंटी के साथ बहुत सारा समय अकेले बिताता था। पहले तो मैंने उसे कभी भी सेक्स के नज़रिये से नहीं देखा।

एक बार मेरे दोस्त रोहित, हमारे एक अन्य दोस्त मनीष से कह रहा था- आलिया ज़बरदस्त माल है यार। क्या गांड है उसकी। उसका पति साला छक्का है।
मनीष ने कहा- उसे तो देखते ही मेरा लंड खड़ा हो जाता है। समझ में नहीं आता सुनील ख़ुद को कैसे रोक पाता है। ऐसी गांड के लिए तो मैं उसकी पाद भी सूँघने को तैयार हूँ।

उनकी ये अश्लील बातें सुनकर मैं थोड़ा बौखला भी गया, और थोड़ा उत्तेजित भी हो गया। हाँलाकि मैं इस बात से सहमत था कि आलिया काफी सेक्सी औरत है। उस दिन के बाद से मैं उसे चोदने के नज़रिये से देखना लगा।

जब भी वह झाड़ू लगा रही होती तो मैं साड़ी के अन्दर उसकी मस्त गांड देखता रहता और उसके साथ चुम्बन करते हुए नहाने की कल्पना कर रहा होता। जब वह नीचे झुकती तो, मुझे उसकी चूचियों और उसके बीच की घाटी को भी देखने का मौक़ा मिलता था। वे शानदार थे, और जब वह झाड़ू लगाती, या फर्श पर से कुछ चीजें जमा कर रही होती तो वे हिलते और उछलते थे। ऐसा करते हुए जब वह मुझे देखती तो मैं झेंप जाता…

धीरे-धीरे हम एक दूसरे से खुलने लगे। वह मेरी गर्लफ्रेण्ड वगैरह के बारे में पूछती। फिर मैं उसे सेक्सी चुटकुलों वाले एस. एम. एस. सुनाता तो वह दिल खोल कर हँसती। मैंने भी उससे कहा कि मुझे कुछ अश्लील चुटकुले सुनाओ, तो उसने भी थोड़े चुटकुले सुनाए।

मैं अपनी आंटी के प्रति आकर्षित होता जा रहा था, उसके प्रति मेरी दीवानगी बढ़ती जा रही थी और मैं उसके नाम से रात को मुट्ठ भी मारता था। पर वह अलग कमरे में सोती थी।

एक दिन ऐसा हुआ कि मैं एक दोपहर उसके साथ लिविंग-रूम में बैठकर टीवी देख रहा था। चाचा शहर से बाहर गए हुए थे। अचानक एक सेक्सी और ज़ोरदार पादने की आवाज़ ने शांति भंग कर दी। इसमें एक धमाके जैसी आवाज थी और गैस खत्म होने के साथ ही आवाज़ भी धीरे-धीरे बन्द होती गई।

जैसे ही मैंने उसकी ओर देखा, वह शरमा गई। उसके बाद एक अजीब सी बू आई। पर मैं उत्तेजित हो रहा था क्योंकि किसी ख़ूबसूरत औरत के हवा छोड़ने का अनुभव असामान्य बात थी।

मैंने मज़ाक में कहा- आपकी तो पाद भी सेक्सी है!

उसने मुँह बनाकर कहा- तो फिर सूँघो।

वह मुझसे नज़रें नहीं मिला पा रही थी, फिर मैंने बात को सँभालने के लिए उससे कहा- कोई बात नहीं। क्यों तुम चाचा के सामने कभी नहीं पादती?
उसने कहा- वह घर पर रहते ही कब हैं!

मैंने मुँह बनाते हुए कहा- आंटी, जब भी आपको चाचा की ज़रूरत होती है, वह घर पर ही नहीं होते हैं, क्या आपको बुरा नहीं लगता?
वह मुस्कुराई और कहा- तुम हो ना यहाँ पर, फिर मुझे क्या समस्या है?

मैंने उत्तर दिया- या तो अशोक चाचा चूतिया है, या फिर उसके पास लण्ड ही नहीं हैं!

वह ज़ोरों से हँस पड़ी फिर गम्भीर चेहरा बना लिया- उसके पास वो चीज़ तो ज़रूर है, पर उनके पास इसे इस्तेमाल करने का समय नहीं है।

मुझे उसके मज़ाक का तरीका पसन्द आया, मैंने उससे कहा- तुम्हारे जैसी सुन्दर बीवी अगर किसी की हो तो वह तो घर छोड़कर ही न निकले। उसकी जगह अगर मैं होता तो फिर तो मैं तुम्हें छोड़कर कहीं नहीं जाता। मेरा मतलब काम तो महत्वपूर्ण है, पर फिर भी मैं तु्म्हारे साथ समय बिताता।

उसने प्यार भरी नज़रों से मेरी ओर देखा और कहा- काश! तुम्हारे चाचा भी तुम्हारी तरह होते।

मैं उसके पास गया, उसके बालों और चेहरे को सहलाया और पूछा- सप्ताह में कितनी बार चाचा तुम्हारे साथ सेक्स करते हैं?

उसने उत्तर दिया- पता नहीं। कभी एक बार तो कभी वह भी नहीं।

मैंने अपना हाथ उसकी गर्दन से लेकर कंधे तक फिराया। मैंने कहा- मैं तो तुम्हे बेइन्तहा प्यार करता।

फिर मैंने उसकी जाँघ को प्यार से सहलाया। उसकी जाँघें काफी बड़ी और मुलायम थी, मेरा लंड खड़ा होने लगा था। मुझे पता था कि मैं इसे चोदना चाहता हूँ, और वह भी सेक्सी मूड में थी। उसने मुझे नहीं रोका। मुझे पता था कि उसकी शादीशुदा फुद्दी में किसी बड़े लंड के लिए खुजली थी।

मैंने साड़ी के ऊपर से ही उसकी दाहिनी चूची को प्यार से दबाया, जैसे ही मैंने दबाया, उसकी आँखें चौड़ी हो गईं। उसके साड़ी की पल्लू गिर गई और मैंने देखा कि उसकी बड़ी-बड़ी चूचियाँ उसकी कसी हुई ब्लाऊज़ से बाहर आने के लिए बेताब़ हो रहीं हैं। मेरी आँखों की तृप्ति मिल रही थी, और मैं उसकी चूचियों को भूखी नज़रों से देख रहा था।

मैंने अपनी पैन्ट की ज़िप खोल दी, और उसने मेरे अन्डरवियर के अन्दर ही मेरा फन खड़ा किया हुआ नाग देखा जिसका सिर मेरी नीली अन्डरिवयर से बाहर आ रहा था। उसने देखते हुए कहा- तेरा तो बहुत बड़ा लग रहा है।

उसके कहते ही मैंने अपनी शर्ट, पैंट, और अन्डरवियार उतार दी और मैंने उसे अपना हथियार दिखाया। वह उसे ऐसे देख रही थी जैसे कुछ मुआयना कर रही हो। उसने मेरे लंड पर मुट्ठ मारी और प्यार से बोली- यह वाकई में बहुत बड़ा है- तेरा केला तो बहुत मोटा है रे।

मैंने पूछा- तेरी चूचियाँ भी बहुत स्वादिष्ट लग रहीं हैं, आलिया!

मैं उसके पास गया और उसके होठों पर चुम्बन लेना शुरू कर दिया। मैं उसकी चूचियाँ ब्लाऊज़ के ऊपर से ही दबा रहा था और हम साथ ही चुम्बन में भी लिप्त थे।

तभी वह थोड़ा किनारे हटी, और अपनी ब्लाऊज उतार दी, और मैंने उसकी सफेद ब्रा देखी। उसकी चूचियों के बीच की घाटी मानो ज़न्नत थी, और ब्रा को फाड़े दे रही थी। मैंने उसकी ब्रा की हुक भी खोल दी, और उसकी चूचियाँ उछल कर बाहर आ गई, जैसे उन्हें मेरा ही इन्तज़ार हो। उसकी चूचियाँ वाकई में बहुत सुन्दर थी, जैसे दो शानदार आम हों।

मैंने उन नरम चूचियों को दबाना शुरू किया, और साथ ही मैं अपनी जीभ उसकी गर्दन पर फिरा रहा था। उसने अपनी आँखें बन्द कर लीं और हल्की आहें भरने लगी। फिर मैंने उसे बिस्तर पर लिटा दिया और उसकी दाईं चूची को दबाने लगा, और बाईं चूची को चूसने लगा। फिर मैंने बारी-बारी से बाईं और दाईं चूचियाँ बदल-बदल कर दबाईं और चूसीं।

आलिया आहें भर रही थी- हम्म्म्म्म… ऊम्म्म्म्म!
फिर मैंने उसकी बाईं चूची दबाई और दाहिनी को हल्के से टटोलते हुए दबाया। वह अपना हाथ मेरे लंड पर रखकर उसकी कठोरता का आभास कर रही थी। जैसे ही उसने यह हरक़त की, मैंने उसकी दाईं चूची को पूरे ज़ोरों से चूसना शुरू कर दिया, मानों उसमें से दूध निकाल कर ही छोड़ूँगा। मेरे उत्तेजित होकर चूसने से वह चिल्ला पड़ी।
मैं उसकी चूचियाँ करीब 15 मिनटों तक दबाता और चूसता रहा। जब मैंने चूचियों को छोड़ा तो वह मेरे थूक से चमक रहीं थीं। उनकी घुँडियाँ मेरे मुख-प्रहार से सूज गईं थीं।

वह मुस्कुरा कर बोली- ये मेरी चूचियाँ हैं, आटा नहीं… जो गूँथते जा रहे हो।

मेरा चेहरा लटक गया। वह उठी, और मेरा चेहरा अपने हाथों में लिया और कहा- अरे क्या हुआ?
मैंने कहा- हो सकता है, मुझे नहीं पता कि तुम्हें कैसे खुश करूँ।
उसने उत्तर दिया- अभी तक किसी ने मेरी चूचियों को इस तरह चूसा और दबाया नहीं… ले और मजा ले इनके साथ!
उसने फिर से अपनी चूचियाँ मुझे पेश कीं।

मैंने उन्हें फिर से सहलाना शुरू कर दिया और बारी-बारी से चूसने लगा।

वह उत्तेजना में सिसकारियाँ लेते हुए बोली- उईईईईईई, माँ… और दबा ना।
मैं अभी तक अपना लंड उसके क़रीब नहीं ले गया था, ताकि उसे मैं सारा मजा दे सकूँ। फिर मैंने उसके हाथों को ऊपर उठा दिया, और उसकी काँख की गंध लेने लगा। मैंने उसकी चूचियों को दबाते हुए उसकी काँखों को चाटना शुरू कर दिया। उस वक्त उसकी चूचियाँ ऊपर उठी हुईं थीं। मैं औरतों के शरीर के हर भाग से उनको मजा देना जानता हूँ।




फिर मैं उसके ऊपर आ गया और उसके चेहरे और गर्दन को चाटने लगा। वह मेरे होंठ चबाने के प्रयास में दिखी। जैसे ही मैंने उसकी चूचियों को बड़े ही मादक अंदाज में सहलाया, उसने मेरे होठों को एक लम्बे चुम्बन में कैद कर लिया। हम एक दूसरे को होंठों को चबाते हुए अपने लार का आदान-प्रदान भी कर रहे थे…

उसके बाद मैं थोड़ा नीचे जाते हुए, उसके पेट पर चूमने लगा, फिर उसकी नाभि में अपनी जीभ डाल दी। उसकी नाभि भी बहुत सुन्दर थी, उसकी गोलाई अच्छी थी, और सेक्सी लग रही थी। मैंने उसकी नाभि को जी भरकर चाटा।

फिर मैंने उसकी पेटीकोट का नाड़ा खोल दिया। आलिया ने अपनी गांड थोड़ी ऊपर उठाई और पेटकोट सरका दिया। उसकी जाँघें किसी को भी मदहोश बनाने के लिए काफी थीं, गोरी-गोरी और चमकदार.. आलिया ने अपने बालों से क्लिप निकाल दी थी, और वह और भी काफी सेक्सी लग रही थी खुले बालों में।

मैंने उसकी ब्लैक पेंटी भी नीचे खींच दी और उसकी फुद्दी के दर्शन किए।

आलिया ने मुझे उसकी फुद्दी को ध्यान से देखते हुए पाया तो पूछा- बहुत बाल हैं ना।

मैंने हल्के से उसकी फुद्दी को सहलाया और अपनी ऊँगलियाँ उसकी झाँटों में फिराईं, और उत्तर दिया- आंटी, फुद्दी में तो बाल रहना ही चाहिए… वरना वो औरत की फुद्दी थोड़ी ही लगती है।’

उसने मेरा कान पकड़ कर खींचा- मुझे नंगी करके आंटी बुलाता है।
मैंने कहा- अभी आप आंटी हो… चोदने के बाद तुम मेरी आलिया बन जाओगी।

वह कामोत्तेजक तरीके से मुस्कुराई- ठीक है देवरजी।

मैंने अपनी उंगली उसकी उलझी हुई झाँटों में फिरानी शुरू की। मैं ज्यों ही ऐसा कर रहा था, वह अपनी फुद्दीड़ सेक्सी तरीके से ऊपर ऊठाकर मुझे और भी बढ़ावा दे रही थी। मैंने उसकी जाँघें फैलाईं और उसकी शानदार फुद्दी में अपना मुँह लगा दिया। मैंने उसकी झाँटों को परे हटाया ताकि उसकी फुद्दी देख सकूँ।

ओह! बड़ी आलिया फुद्दी थी आलिया की। मुझे लगा कि मैं उसे पलटकर ज़रा उसकी गांड भी देखूँ, पर मैंने सोचा पहले फुद्दी तो मार लूँ, बाद में गांड भी मार लूँगा।

आलिया शरमा रही थी, क्योंकि कोई उसके गुप्तांगों का मुआयना जो कर रहा था वो भी उसका देवर, सो उसने अपना चेहरा एक ओर घुमा लिया। मैंने उसकी फुद्दी को सूँघा। उसके काफी मादक खुशबू आ रही थी। उसकी फुद्दी और वहाँ से निकले द्रव और पसीने को मिलाकर एक ऐसी खुशबू आ रही थी कि मेरा लंड और भी कड़क होता जा रहा था, और मैं उसे सूँघने ही लग गया, उसकी फुद्दी की सौगंध।

मैंने उसकी फुद्दी को चाटना शुरू किया। उसकी फुद्दी टाईट तरीके से बन्द थी। सामान्यतः एक नियमित रूप से चुदने वाली फुद्दी के फ़लक खुले रहते हैं और ये थोड़ा बाहर की ओर निकले होते हैं। पर आलिया के साथ ऐसा नहीं था, शादीशुदा होने के बावजूद उसकी फुद्दी एक अनछुई लड़की की तरह थी… उसकी फुद्दी की पंखुड़ियाँ गीले होने के बाद भी पतली दिख रही थीं।

मैंने अपनी एक उंगली उसकी फुद्दी में घुसा दीं… उसने सिसकारी ली… उसकी फुद्दी टाईट थी। मुझे पता था कि अपना लंड अन्दर डालने के लिए पहले मुझे इसकी फुद्दी खानी होगी, और उसके छेद को बड़ा करना होगा। मेरे चूतिये भाई ने उसकी फुद्दी कभी चूसी ही नहीं थी, ऐसा लग रहा था। मैंने उसकी फुद्दी के होंठ फैलाए और उसकी गुलाबी झलक ली।

फिर मैंने अपनी जीभ अन्दर घुसेड़ दी और अच्छी तरह चलाते हुए चाटने लगा, मैं उससे निकले द्रव को भी चाटता जा रहा था। वह मादक आहें भर रही थी… हमम्म्म्म्मम… मैंने उसकी फुद्दी के होठों को थपथपाना शुरू किया, और फिर चूसना शुरू कर दिया। मैंने उसकी फुद्दी को चूमा। मैंने उसकी फुद्दी को फैलाया और छेद में जीभ घुसेड़ कर चूसने लगा।

मैंने इधर अपनी जीभ उसकी फुद्दी में घुसाई, और साथ ही उधर अपनी एक उंगली उसकी गांड में घुसेड़ दी… मैंने देखा उसकी फुद्दी की झिल्ली सूज गईं थीं।

मैंने उसकी फुद्दी की झिल्ली को हटाकर अन्दर तक, और उसकी भग्नासा को भी चूसना शुरू किया। इसी के साथ मैंने ज़बर्दस्ती अपनी दो उँगलियाँ उसकी गांड में डाल दीं। मैं उसे अपनी उंगली से चोदता रहा और फुद्दी को बीच-बीच में थपथपता रहा। आलिया ने मेरा सिर उसकी फुद्दी में दबा दिया, और मैं उसकी फुद्दी में डूब गया।

मैं उसकी फुद्दी को तबतक चूसता-चाटता रहा, जबतक कि वह अपनी गांड उचकाते हुए मेरे चेहरे पर झड़ न गई। झड़ते हुए वह आवाजें कर रही थी- ओहह्ह्ह! हम्म्म्म! आआआआ!

मैंने तुरन्त अपना चेहरा वहाँ से हटा लिया और उसकी ओर देखा। मैंने उसकी फुद्दी को चाट-चाट कर सुजा दिया था। उसने मेरे चेहरे की और देखा और अपने रस को मेरे चेहरे से चाटने लगी।

वह पूर्णतः सन्तुष्ट लग रही थी। मैंने उसके चेहरे को सहलाया तो उसने कहा- आज तक उन्होंने कभी ऐसा नहीं किया।
मैं नंगा ही चलता हुआ किचन में गया और अपनी प्यारी सी आंटी के लिए पानी लेकर आया।

मुझे पता था कि पानी लाते वक्त वह मेरे लंड पर नज़रे गड़ा कर देख रही थी… आलिया ने कहा- ऐसा लग रहा है… लंड नहीं, कोई काला नाग है।
उसने कहा- रूक जा… आज मैं तुझे बताती हूँ… तेरी आंटी कैसी औरत है।
उसने मेरा कड़ा लंड पकड़ा और ऊपर-नीचे करने लगी, वह मेरे लंड की पूजा कर रही थी- बहुत मोटा है तेरा काला केला। तू चलता कैसे है इसे लेकर?

‘आपके नाम पर हिला-हिलाकर सूज गया है।’

उसने प्यार से इसे सहलाया और कहा- बेचारा! ये अब मेरा हो गया… अब इसको जब भी भूख लगेगी, प्यास लगेगी मेरे पास लाना। वह मेरे लंड से बातें कर रही थी- आज से इसे परेशान मत करना। मैं हूँ ना।

आलिया ने फिर से मेरे लंड को सहलाया और बड़े प्यार से चूसने लगी। जैसे ही उसने चूसना शुरू किया, मुझे तो लगा कि मैं ज़न्नत में आ गया हूँ। फिर उसने धीरे से मेरे लंड के आगे की चमड़ी हटाकर गुलाबी टोप देखी। फिर उसने प्यार से टोप को हल्के-हल्के थपथपाने लगी। मेरी आहें निकलने लगीं।

‘ओह यस…’ उसके नर्म-नर्म हाथों का गर्म-गर्म थपथपाने का अहसास मेरे लंड के सुपाड़े पर बड़ा आनन्ददायक प्रतीत हो रहा था। मेरे लंड से हल्का सा वीर्य निकला, जिसे उसने चाट लिया। फिर उसने मेरे लंड को चाटना शुरू कर दिया, और साथ में वह मेरे अंडकोषों को भी सहला रही थी।

इधर मैं उसकी अद्भुत चूचियों को सहला-दबा रहा था। उसने पूरे जोश से मेरे लंड को चूसा, मैं झड़ने ही वाला था। उसे भी यह पता चल गया था और उसने मेरा लंड अपने मुँह से निकाल दिया। मेरा लंड उसकी थूक में नहाया हुआ था… मैंने एक मादक आह भरी…

तभी फोन बजा और उसने फोन उठाया। फोन पर उसकी सहेली रूपाली थी। उसने बिस्तर पर से ही फोन उठाया और बात करनी शुरू की। जब वह फोन पर बात कर रही थी तो उसकी गांड मेरे सामने थी।

मैं उत्तेजना से भर उठा। मैं घुटनों पर बैठ गया और उसके फुद्दीड़ों को चूमने लगा। मैंने हौले से उस पर चपत लगाई, और उसने फोन पर ही मादक आवाज़ निकाली… फिर मैंने उसकी फुद्दीड़ों को फैलाया और अपनी जीभ को उसकी गांड की छेद में घुसा कर मुआयना करने लगा…

वह स्वयं पर नियंत्रण न रख सकी और उसने अपनी सहेली से कहा कि उसे फोन रखना होगा और उसे फोन रख दिया, इधर मैं उसकी गांड को अच्छी तरह से चाट रहा था। उसने मेरी ओर देखा और कहा- गन्दे लड़के हो तुम।’ फिर उसने मेरी ओर देखकर मुस्कुराते हुए अपने फुद्दीड़ किसी रण्डी की तरह फैला दिए ताकि मैं उसकी गांड और ठीक तरीके से चाट सकूँ।

मेरे द्वारा उसकी गांड चाटने से मेरी आंटी आलिया उत्तेजना की चरमसीमा पर थी। मैं 15 मिनट तक उसकी गांड चाट रहा था, उसी दौरान वह अपने फुद्दी से खिलवाड़ कर रही थी, और हस्तमैथुन कर रही थी।

फिर मैंने आलिया से कुतिया की तरह होने को कहा।
उसने पूछा- क्यों..?
‘मैं तुम्हें पीछे से चोदना चाहता हूँ… मुझे तुम्हारी गांड पसन्द है।’

पर उसने कहा- पर कृपा करके मेरी गांड मत मारना!

मैं राजी हो गया। जैसे ही वह आगे झुकी, मैं उसकी गांड देखकर दीवाना हो गया। मैंने उसकी फुद्दी में पीछे से अपना लंड घुसाया। जैसे ही मैंने अपना मोटा लंड उसकी फुद्दी में डाला, वह चिल्लाई- आआआ आजजज्ज आहहह हहहह…
मैंने उसकी चूचियाँ दबानी शुरू कर दीं और उसके निप्पलों से खेलने लगा ताकि उसे मजा आए।
उसने सिसकारी भरते हुए कहा- और घुसा!
मैं गन्दी बातें करने लगा- ले राँड.. मेरा केला कैसा लग रहा है?

उसने उत्तर दिया- हम्म्… हम्म्म्म!
मैंने अपने झटके लगाने जारी रखे और कई कोणों से चोदा। उसकी फुद्दी वाक़ई में टाईट थी पर गीली थी। मुझे ऐसा महसूस हो रहा था जैसे उसने अपनी फुद्दी से मेरे लण्ड को जकड़ रखा हो। जल्दी ही मैं चीत्कार करता हुआ उसकी फुद्दी में ही झड़ गया।

हमने दो घंटे आराम किया, और कुछ समय के लिए सो भी गए। आलिया ने मुझे उठाया और मेरे मुरझाए हुए लंड को देखा। उसने मुझे चूमा और कहा- उठ राजा, चाय पीओगे?
मैंने उसे अपनी बाँहों में भरते हुए कहा- हाँ मेरी जान।

वह नंगी ही उठकर किचन में चली गई। वह ब्रेड, मक्खन, और दो कप चाय के साथ आई। हमने साथ बैठकर चाय पी। मैं चाय पीने के दौरान भी उसकी फुद्दी में उंगली कर रहा था, और वह मेरे लंड को हाथ में लेकर मुट्ठ मार रही थी, हम दोनों ही सिसकारियाँ ले रहे थे।

मैंने कहा- आलिया तेरी गांड इतनी सेक्सी है, मुझे चोदने दे ना।

वह मुस्कुराई और कहा- लेकिन तू मेरी कसम खा कि हमने जो किया, तुम किसी को बताओगे नहीं।

मैंने उससे वादा कि यह हमारे बीच का राज़ रहेगा। पर मैं सबको बताऊँगा कि तुमने आज पादा।

वह शरमा गई और कहा- शटअप, प्लीज़।

मैंने कहा- ठीक है, तो फिर मेरा मुँह तुम्हारे होठों से सिल दो।
हमने एक दूसरे के होठों को चूसना शुरू कर दिया जो पाँच मिनट तक चला। फिर उसने मेरी बेताबी को समझते हुए कुतिया की तरह झुक गई, और अपनी गांड मुझे प्रस्तुत कर दी।

जब उसकी गांड मेरी ओर थी, मैंने उसकी गोलाई का अच्छे से मुआयना किया… फिर अपने हाथों से उसकी फुद्दीड़ों को फैला कर उसके छेद की जाँच भी की। उसकी गांड की छेद एक खुलती-बन्द होती आँख की तरह लग रही थी। मैंने अपनी जीभ अन्दर डाल दी और अपनी आलिया की गांड का स्वाद चखा।… आलिया मुझे अचरज भरी नज़रों से देख रही थी कि मैं उसकी गांड के साथ क्या-क्या कर रहा हूँ।

मैंने उससे कहा- आलिया, मैं तुम्हें आज ऐसा मजा दूँगा, जैसे तुम्हें कभी नहीं मिला होगा।
मैंने थोड़ा सा मक्खन लिया और उसकी गांड की छेद पर लगाया, फिर थोड़ा सा फुद्दीड़ों पर भी लगाया। उसकी गांड काफी चिकनी और चमकदार हो गई।

मैंने अधिक से अधिक मक्खन उसके गांड की छेद में घुसाया। अब मैं आलिया का ‘गांड मसका’ खा रहा था जो एक विशेष व्यंजन था। उसकी फुद्दीड़ों पर पिघला हुआ मक्खन मैंने चाट लिया, फिर मक्खन भरे गांड की छेद को भी चूसने लगा…

मैंने उसके गांड के छेद में उंगली की और काफी चाटा, जिससे उसकी छेद थोड़ी बड़ी और गहरी दिखने लगी थी। उसकी छेद छोटी थी, पर मक्खन लगाने से मेरे लंड लेने के लिए तैयार दिख रही थी।

उसे भी इशारा मिल चुका था, तो उसने अपनी गांड थोड़ी और फैलाई, ताकि वह मेरे लंड के लिए जगह बना सके… मैंने उसके गांड में अपना लंड पेलते हुए कहा- इसको कहते हैं, मसका मारना।
वह मेरी तरफ मुड़ी, मुझे चूमा और कहा- ऐसे नहीं, तेरा लंड तो सूखा है, मुझे थोड़ा मक्खन इस पर भी लगाने दो।
मैं खड़ा हो गया और उनसे मेरे खड़े लंड को देखा। उसने थोड़ा मक्खन लिया और मेरे लंड पर लगाया। मैं खुशी से काँप उठा जब वह अपने हाथों से उस पर मक्खन लगा रही थी। अब मेरा लंड मक्खन से वाकई में चिकना हो गया था। मैंने उससे पूछा- हॉट-डॉग खाएगी, मसका मार के?’

उसने मेरे लंड को चूसा और कहा- आज मैं तेरे हॉट-डॉग को गांड से खाऊँगी।

जिस तरीके से उसने ये बात कही वह काफी उत्तेजित करने वाली थी। आप ही कल्पना कीजिए कि कोई स्त्री आपसे बिल्कुल अकेले में ऐसी बात करे तो कैसा हो!

अब मैं उसके पीछे आ गया और अपना लंड उसकी गांड की ओर दबाया। उसकी छेद में लगाया फिर दबाया। मेरे लंड का सुपाड़ा थोड़ा अन्दर जाते ही वह थोड़ा सा सिसकी। जैसे ही मेरा लौड़ा थोड़ा और अन्दर गया, उसने तकिये को दबोच कर पकड़ लिया। उसकी गांड बहुत गरम और बहुत टाईट थी… क्या बताऊँ कितना मजा आया। वह आहें भर रही थी- धीरे से आआआहहहहह!

मैंने उसकी चूचियाँ दबाईं और फिर से एक धक्का मारा। आलिया ने अपनी गांड पीछे करके मेरा लंड और भी अन्दर लेने की कोशिश की। यह मेरे लिए भी थोड़ा दर्द भरा था, पर अब हम मज़े कर रहे थे…

चिकनाई होने के कारण मेरा लंड कभी-कभी उसकी गांड से फिसल भी जाता था। मैं फिर से प्रयास करता और गांड में दुबारा धकेल देता। जब मैं फिर से लंड उसकी गांड में पेलता तो आलिया आहें भरती और हँसती। इस तरह मेरा लौड़ा पूरा का पूरा उसकी गांड की छेद में समा चुका था।
हम धीरे-धीरे आराम से मज़े ले रहे थे। मैं भी धक्का मारता, तो वो भी मेरे लंड की जड़ तक पहुँचने के लिए पीछे की ओर धक्का मारती। मैंने धक्कों की रफ़्तार में तेज़ी लाई और वह हर धक्के के साथ ठुकाई का भरपूर आनन्द ले रही थी, आलिया आंटी साथ में कराहती भी जा रही थी.. हम्म्म् आआआहह्ह्ह ह्हह ओह्ह्ह!

उसके फुद्दीड़ भी मेरे लौड़े पर संवेदना भरे कसाव डाल रहे थे, तो ऐसा लगता था जैसे वह मेरे लंड का दूध निचोड़ लेना चाहते हैं। कमरे में हमारी मक्खन भरी गांड-ठुकाई के कारण फच्च-फच्च की आवाजें गूँज रहीं थीं।

मैंने उसकी गांड करीब 20 मिनट तक मारनी जारी रखी, फिर मुझे महसूस हुआ कि मैं झड़ने के नज़दीक पहुँच चुका हूँ… मैंने उसे धीरे से कहा- मैं झड़ने वाला हूँ।

उसने अपना हाथ बढ़ा कर मेरे अंडकोषों को दबाया। मैं चिल्लाया- ओह आलियाल’ और फिर मेरी वीर्य की बौछार उसकी गांड में होने लगी जो करीब 20 सेकेण्ड तक चली जब तक कि मेरा सारा उबलता हुआ लावा मेरी पसन्दीदा गांड में जा गिरा।

मैंने सपने में भी नहीं सोचा था कि मेरी कल्पना एक दिन वास्तविकता में बदल जाएगी और मुझे आलिया की गांड-ठुकाई का अवसर प्राप्त होगा। आपको बता दूँ कि उसकी गांड वास्तव में कैसी दिखती है। यह चर्चित अभिनेत्री रानी मुखर्जी या माधुरी की गांड की तरह है बिल्कुल, मोटी, गोल-मटोल और सेक्सी।

फिर हम एक-दूसरे की बाँहों में समा गए और अपनी उखड़ी हुई साँसों पर काबू पाने का प्रयास करने लगे। हम पसीने से तर हो चुके थे… उसकी गांड और मेरा लंड मक्खन व वीर्य से लथपथ थे।
आलिया ने मेरे लंड की ओर देखकर कहा- ला मैं इसे साफ कर देती हूँ।
उसने फिर चाट-चाटकर उसे साफ किया, अन्त में रूमाल से पोंछ दिया।

फिर हमारे बीच बातें होने लगीं।

मैं: कल बाज़ार से मक्खन नया लाना पड़ेगा। चाचा कहेंगे कि कल वाला मक्खन जो लाया था वह कहाँ गया?

आलिया: मैं कह दूँगी कि मैंने गांड में डाल ली, और अनिल के लंड पर मल दिया (खिलखिलाती है, फिर मेरी ओर देखती हुई कहती है:) नहीं रे, मैं कह दूँगी कि तुम्हारे दोस्तों की पार्टी थी, तो सैंडविच में खत्म हो गया। तू टेन्शन मत ले।

मैं: आई लव यू आलिया, क्या तू मेरी गुप्त-पत्नी बनेगी?
आलिया: मैं तेरी सब कुछ बनूँगी… मैं तेरी रख़ैल हूँ, और तेरी सेक्स-टीचर… वैसे तू चेला काफी अच्छा है… तुमने मुझे संतुष्ट कर दिया… और एक औरत को क्या चाहिए?

हम अब इतने थके हुए थे कि और ठुकाई नहीं कर सकते थे, अतः हमने साथ में नहाया और एक-दूसरे को भली-भाँति स्वच्छ किया। मैंने उसकी फुद्दी के बालों पर सनसिल्क लगा कर सफाई की। तो मित्रों, इस तरह हमने सारा दिन सम्भोग व आनन्द में बिताया। अन्त में हम सो गए।

अगले दिन उसने मेरा लंड चूसते हुए मुझे जगाया, पर बात यहीं समाप्त न हुई। हमने उस दिन भी पूरा आनन्द उठाया।

जब भी चाचा जाते तो हम सारा काम साथ-साथ करते थे जैसे खाना, नहाना, टीवी देखना यहाँ तक कि शौच भी। जब चाचा होते, तो भी हम एक दूसरे के अंगों को दबा देते, मैं उसकी चूचियाँ और गांड दबाता और मज़े लेता। चाचा जब दूसरी ओर देख रहे होते तो वह मेरे लंड को मसल देती… जब वह नहीं होते फिर तो पूरी तरह से मज़े ही मज़े होते। मैं कॉलेज भी न जाकर उसे चोदता रहता।

हर स्त्री उस आदमी से खुल जाती है और उसके सामने बेशर्म हो जाती है जो आदमी उसे संतुष्ट करता है… आपको पता है, मैं तो उसकी फुद्दी में मक्खन, पनीर, क्रीम, दही, आईसक्रीम, दाल या साँभर कुछ भी डालकर उसे खाता या पीता हूँ। उसके फुद्दी से निकलने वाली रस से स्वाद और भी अच्छा हो जाता है।

उसी प्रकार वह मेरे लंड पर लिपस्टिक लगाती, या टमाटर की चटनी, खीरा, या डबल सैंडविच में लंड डालकर उसे खाती। और मैं उसके इन व्यंजनों पर अपने सफ़ेद क्रीम इनाम के तौर पर डालता जिसे वह चटखारे लेकर खाती। उसे यह बहुत अच्छा लगता कि मैं उसकी इन छोटी-छोटी बातों पर भी ध्यान देता हूँ।

सिम्मी को शादी घर में चोदा

सिम्मी को शादी घर में चोदा

   बहन सिम्मी को शादी घर में चोदा

नमस्कार दोस्तों, मेरा और SEX KAHANI का रिश्ता बहुत पुराना है। मैं भी अपने सेक्स अनुभव यहाँ पर शेयर करने के लिए बेताब था। लेकिन मुझे सेक्स कहानी शेयर करना नहीं आता था।

फिर मैंने SEX KAHANI पर कॉलम ‘अपनी कहानी भेजें‘ देखा। मैंने लिंक के माध्यम से कहानी शेयर करना चाही मगर कुछ दिक्कत हो रही थी। फिर मैंने गुरूजी की मदद ली और उन्होंने बताया कि SEX KAHANI पर कहानी कैसे शेयर की जा सकती है। उसके लिए मैं गुरूजी का आभारी हूं।

आंटी और उनकी छोटी बहन की चुदाई

आंटी और उनकी छोटी बहन की चुदाई

हेलो फ्रेंड्स आपने मेरी कहानी सेक्स कहानी  पर पढ़ीअब मैं आप लोगों को उसके बाद क्या हुआ उसका हाल सुनाउँगा।

जब मैं आंटी की गांड में ऊँगली कर रहा था तभी उसकी छोटी बहन कॉलेज से वहाँ  गई और उसने हमको देख लिया और वो बेडरूम के बाहर चली गई।

अंजली दीदी को घोड़ी बनाकर चोदा

 अंजली दीदी को घोड़ी बनाकर चोदा 

 पिछली कहानी थी
मॉडलिंग की लालच में मेरी बहन चुद गई
मुझे मेरे किसी दोस्त ने ई-मेल से एक कहानी भेजी है। मुझे यह कहानी काफी रोचक लगी इसलिए मैं उसकी तरफ से ये कहानी आपके लिये पेश कर रही हूं। अब आगे की कहानी आप मेरे दोस्त अशोक की जुबानी ही सुनिये।

छोटे भाई की पत्नी गीतमाला की चुदाई

  छोटे भाई की पत्नी गीतमाला की चुदाई 

मेरा नाम मंगलू है। मैं SEX KAHANI का नियमित पाठक हूँ। आज मैं एक कहानी लिखने का साहस कर रहा हूँ। यह कहानी मेरे घर की है। मेरे घर में मैं, मेरी पत्नी, एक छोटा भाई, उसकी पत्नी और हमारे छोटे बच्चे एक संयुक्त परिवार की तरह रहते हैं।

मैंने शादी से पहले और शादी के बाद भी किसी को बुरी नज़रों से नहीं देखा। हमारी शादी को १५ साल हो गए हैं और मेरे भाई की शादी को दस साल। मेरे भाई की बीवी देखने में बहुत खूबसूरत है। वो मुझे कभी कभी अज़ीब निगाहों से देखती है।

बड़ी मां की सहेली की चुदाई

  बड़ी मां की सहेली की चुदाई 

मेरे दोस्त राजेंद्र ने अपनी कहानी मुझे लिख कर भेजी है… उसका अनुवाद करके मैं पाठकों के समक्ष रख रही हूँ।

बड़ी मां की कोई सहेली कुछ दिनों के लिए घर पर आई हुई थी। बड़ी मां की वो हम उम्र थी। कोई 32-33 साल की रही होगी। बड़ी मां और मेरे सम्बन्ध वैसे भी मधुर थे। जब भी बड़ी मां की इच्छा होती थी वो, ज्यादातर दिन को, बड़े पापा के जाने के बाद मुझसे चुदवा लेती थी। ये सिलसिला चार महीनों से चल रहा था।

एक दिन शाम को बड़ी मां मेरे पास आई और बोली- प्रतीक… मेरी सहेली रजनी बहुत ही गरम हो रही है… क्या उसे ठंडी कर सकते हो…?’ बड़ी मां ने बडे ही सेक्सी अन्दाज में पूछा।

पड़ोसन आंटी को घोड़ी बनाकर गांड चुदाई

पड़ोसन आंटी को घोड़ी बनाकर गांड चुदाई 

हेलो फ्रेंड्स, मैं सुधीर यूपी वाला फिर हाज़िर हूं दूसरी कहानी लेकर!

यह बात आज से 1 साल पुरानी है जब हमारे मकान में एक किरायदार रहने के लिए आए थे। में उन्हें अंकल और आंटी कहता था। धीरे धीरे उनसे अच्छे सम्बंध बनते गये और मैं उनके करीब पहुंचता गया।

आंटी का पति तो ज़्यादातर तौर पर बाहर ही रहता था। एक दिन यूँ हुआ कि आंटी के पति गये हुए थे और मेरे घर वाले भी आउट ऑफ मुंबई गये थे और कमरे की चाबी आंटी को दे गये, मुझे घरवालो ने फोन कर के बता दिया था की चाबी आंटी के पास है।

पड़ोसन आंटी के साथ देसी चुदाई

  पड़ोसन आंटी के साथ देसी चुदाई 

मैं शिव आप लोगों को अपनी पहली कहानी सुनाने जा रहा हूं।

एक दिन मैं अपने घर की तरफ़ जा रहा था कि मैंने देखा कि कोई मुझे बुला रहा है। मैं उनके पास गया तो देखा कि वो मेरे पड़ोसी हैं और बहुत ज्यादा पीने की वजह से वो चल नहीं पा रहे हैं। मैंने अंकल की मदद की और उन्हें उनके घर तक छोड़ने गया। डोरबेल बजाई तो एक औरत ने दरवाजा खोला जिन्हें मैं आंटी बुलाता था और जब उन्होंने मुझे अपने पति के साथ देखा तो चिड़चिड़ाना शुरू कर दिया।

चाची को घोड़ीबानकर चुदाई

 चाची को घोड़ीबानकर चुदाई


मेरा नाम मिथिलेश है। मैं अभी बंगलौर में रहता हूँ, रंग गोरा, 5’6′, 23 साल, ग्रेजुएट।

यह मेरा पहला संदेश है आप लोगो के लिए। इसका मतलब यह नहीं कि यह मेरा पहला सेक्स अनुभव है। इससे पहले मैंने बहुत सेक्स किया है लड़कियों और आंटियों से।

जो लड़कियाँ मेरे साथ सेक्स में रात गुजारती, वो मेरे साथ शहर में घूमने के लिये भी ख्वाहिश रखती थी।

मामा के बेटे ने घोड़ी बनाकर चुदाई किया

मामा के बेटे ने घोड़ी बनाकर चुदाई की

हाई फ्रेंड्स, मैं हूँ सैक्सी चांदनी। आज में आपको अपनी लाइफ की सच्ची घटना बताने जा रही हूँ। मुझे उम्मीद है कि आपको ये कहानी बहुत पसंद आएगी।

हमारा परिवार मेरे मामा के परिवार के साथ ही रहता था लेकिन बाद में दोनों परिवारों में झगड़ा होना शुरू हो गया। उसके बाद हमारा परिवार मामा के परिवार से अलग हो गया। लड़ाई की वजह भी ज्यादा बड़ी नहीं थी। चूंकि परिवार काफी बड़ा था इसलिए खाना बनाने को लेकर अक्सर हमारे बीच में झगड़ा रहने लगा था। फिर अलग होने के बाद मामा और मेरे परिवार में खाना अलग ही बनने लगा था।

रीता मौसी को घोड़ीबानकार चोदा

  रीता मौसी को घोड़ीबानकार प्रेगनेंट किया

कई बार सपने में मैं अपनी रीता मौसी को उनकी तारीफ में कहता था ..” मौसी आप बहुत खूबसूरत हो आपके रसीले होंठों का रस पीने के लिए कोई भी मर्द चाहेगा गोल गोल बड़ी आँखों में अजीब सी उलझन है आपकी पतली कमर देख कर कोई भी छूने को चाहेगा काजोल की जैसे बड़ी बड़ी चुचियां है आपकी दो मोटे कूल्हों को देखकर हर कोई दीवाना हो जाएगा सच कहूं मौसी आप एक हसींन हिरोइन जैसे दिखती हो.” वो मुस्कुरा कर कहती हैं-“बस बस बहुत तारीफ करते हो वो भी झूठी ” ये क्या कहा आपने मैं भी कुर्बान जाऊँ आप पर अगर झूठा निकला तो।


मौसा को अक्सर शहर से बाहर जाना पड़ता है। एक बार मौसी ने काले रंग की साड़ी और ब्लाऊज पहना। मौसी गोरी हैं इसिलिए मैंने उसकी खूब तारीफ की और कहा- मौसी आप तो काले कपड़ो में बहुत ही खूबसूरत दिखाती हो वो मुस्कुरा के बोली झूठे कहीं के।

फिर कई दिनों तक मन में एक सपना सजाता रहा कि कब मौसी को पा लूं और कस के उनकी गरम नरम योनि में अपना मोटा लन्ड डाल के उन्हें चीखने पर मज़बूर कर दूं।

एक दिन मौसा ने सुबह जल्दी बाहर जाना था और मैंने उन्हें स्टेशन तक छोड़ने जाना था। मैं केवल अंडरवीयर पहने कसरत कर रहा था कि अचानक मौसी आ गई। मुझे एक झटका सा लगा और मैंने एकदम अपनी कमर पर एक तौलिया लपेट लिया। मौसी मेरे पास आईं और बोली- देवर जी ! आपकी बोडी तो बहुत जानदार है। मेरी बाजू पकड़ कर कहा- क्या सख्त बाजू है। मेर लन्ड मौसी के नर्म हाथों का स्पर्श पाते ही मचलने लगा। मौसी ने तौलिये में मेरे लन्ड को फ़ूलते हुए देख लिया। फ़िर वो जल्दी से बोली- जल्दी तैयार हो जाओ, चलो तुम्हारे मौसा राह देख रहे हैं, उनकी गाड़ी का वक्त हो रहा है। वो चली गई पर मेरा लन्ड गर्म हो चुका था। मैं मौसा को स्टेशन छोड़ आया और फ़िर कालेज चला गया।

शाम को जब घर आया तो मौसी पड़ोस में गप्पें हान्क रही थी। मुझे देख कर वो अन्दर आ गई। आज उन्होंने गहरे नीले रंग का गाऊन पहन रखा था और अन्दर आ कर दरवाजा बंद करते ही उन्होंने कहा- क्यों देवर जी मैं काले कपडों में सुंदर लगती हूँ ना !

मैंने कहा- हाँ. तो उन्होंने मैं कैसी दिखती हू इन काले कपड़ो में ?

मैंने हँसते हुए कहा- मौसी तुमने तो नीले रंग का गाऊन पहना है.

उन्होंने शरारत से कहा उस दिन तो कहते थे मौसी तुम काली साड़ी और काले ब्लाऊज में अप्सरा लगती हो. आज क्या हुआ ? मैंने कहा- लेकिन मौसी आपने नीला गाऊन पहना हुआ है काला नहीं.

तभी मेरा ध्यान मौसी के कंधे पर दिख रहे ब्रा स्ट्रैप पर गया। मैंने आगे बढ़ कर ब्रा स्ट्रैप के नीचे उंगली डाल कर ऊपर को उठाया और कहा- अच्छा तो ये है काले रंग की ब्रा। लेकिन दिख तो नहीं रही, मौसी जरा दिखाओ ना।

” कुछ नहीं ! कुछ नहीं ! मैं तो मज़ाक कर रही थी “मौसी बोली।

मैंने कहा- मौसी प्लीज! दिखाओ ना ! प्लीज मौसी प्लीज ! बस एक झलक एक बार !

इतना सुनते ही मौसी ने अपना गाऊन निकल दिया मैं उसे देखते ही दंग रह गया सच मौसी काले रंग की चोटी सी ब्रा और काले रंग की बिल्कुल छोटी सी पैन्टी में थी। उसकी दोनों चूचियां आधी से ज्यादा नंगी थी जब पैन्टी उसकी आधी योनि को ही ढक पा रही थी दोनों ओर से योनि नंगी दिखाई दे रही थी ये नजारा देख कर मेरा लंड अंडरवियर में खड़ा होने लगा.

मौसी ने कहा ” उस दिन तो बड़ी तारीफ करते थे आज क्या हो गया ”. मैंने कहा “मौसी तुम्हारी चूचियां और योनि का कोई जवाब मेरे पास नहीं पहली बार किसी औरत का आधा बदन नंगा देखा है सच कह रहा हूँ तुम्हारी कसम मौसी इतनी खूबसूरत गदराई हुई जवानी पहली बार देख कर मैं बाग बाग हो गया हूँ ”

ये कहते हुए मैंने आगे कदम बढाया तो मौसी हिली नहीं अपनी जगह से. मैंने मौसी को कंधो से पकड़ कर अपने से चिपटा लिया।
उन्होंने मुझसे कहा- क्या कर रहे हो, पहले अन्दर चलो !

मैं समझ गया कि आज मौसी दावत दे रही हैं। अन्दर जाते ही मैंने अपनी शर्ट निकल दी ,ऊपर का बदन नंगा हो गया फिर बिना सोचे अपनी पैंट उतार दी सिर्फ़ अंडरवियर में आ गया मेरी नजर मौसी की चुचियों पर गई छोटी सी ब्रा और बड़े कद की चूचियां कब तक छुपाती. मैंने पीछे जा के हूक खोल दी। दो नंगे फल मौसी के बदन पर झूलने लगे .वो कसमसाई मैंने उनकी बिना परवाह किए पैंटी को एक ही झटके में उतार दी और अपना अंडरवियर को निकाल दिया.

उन्होंने नकली गुस्से से कहा- यह क्या कर रहे हो?

मैंने कुछ सुना नहीं मैंने अपनी बाहों में नंगी मौसी के जिस्म को दबोच लिया वो कराहने लगी की मैंने दोनों होंठों को उसके रसीले होंठों पर रख दिए और जी भर के उसका रस पान करने लगा एक हाथ से चुचियों को दबाता मसलता रहा दूसरे हाथ से उसका जिस्म पूरा कस के मेरे जिस्म से चिपकाया ये सब अचानक हो जाने से वो हाथ पाँव मारने लगी लेकिन उसका कुछ न चला ओर मैं मौसी के जिस्म को बुरी तरह रौंदने लगा होंठों के बीच जीभ डाल के मैंने उसे बुरी तरह चूमा उसके मुह में .. आह्ह्ह उफ़. .मोनू .. मैं तुम्हारी मौसी हूँ .. ये ग़लत है .. छोड़ दो मुझे ..जग गगग ..की आवाज निकलने लगी पर मैं पूरी तरह से उनकी भरी भरी चूचियों को दबाता रहा उसकी कड़ी निप्पल को दो उंगली के बीच ले के मसलने लगा मौसी अब सिस्कारियां भरने लगी ..नही .. प्लिज्ज़ ..उईई ईई… धीरे ..मोनू ऊउऊ ..लेकिन अब उसका विरोध ख़तम हो गया था.

हम दोनों की सांसे तेज होने लगी मैंने जम कर मौसी के पूरे बदन को बेतहाशा चूमा .. .. मेरे होंठ उसके बदन पर फिसलने लगे .. एकदम गोरा और चिकना बदन था .अभी तक मैंने उसकी योनि पर हाथ नहीं लगाया था .. वो दोनों जांघो को सिकोड़े हुए थी .. मेरे हाथ और होंठो के स्पर्श से वो… ऐसी आवाजे निकलने लगी थी. रीता मौसी अब मीठी मीठी आहें भरने लगी मेरी ध्यान अब उसके पेट से होते हुए गहरी नाभि पर गया मैंने वहाँ सहलाया तो उन्होंने सिहर कर अपनी जांघे खोल दी और अब मेरी नजर उन की योनि पर पड़ी मैं झूम उठा एक भी बाल नहीं था गुलाबी रंग की योनि के बीच में एक लाल रंग का होल दिखाई दिया ये देख कर मुह में पानी आ गया.

मौसी के जिस्म को चारो ओर से चूमने सहलाने और दबाने के बाद चूचियों को प्यार से मुंह में लेकर कई बार चूसा मौसी का अंग अंग महक ने लगा उसकी दोनों चूचियां कड़ी ओर बड़ी हो गई उसके लाल लाल निप्प्ल उठ कर खड़े हो गए तीर की तरह नुकीले लग रहे थे. तब मेरी मौसी मुझसे जोर से लिपट गई। दो बदन एक दूसरे से रगड़ने लगे मेरी सांसे फूलने लगी हम दोनों तेजी से अपने मकसद की ओर आगे बढ़ने लग॥ 10 मिनट तक हम दोनों ने एक दूसरे को पूरा चूमा सहलाया। मौसी ने पहली बार शरमाते शरमाते लंड को पकड़ा तो बदन में बिजली सी दौड़ गई पहली बार मैंने कहा “मेरी जान उसके साथ खेलो शरमाओ मत अब हम दोनों में शर्म कैसी .”

मेरा बदन बहुत ही गरमा चुका था तब मैंने मौसी को फर्श पर लिटा दिया ओर उसके ऊपर आके जोर से चुचियों को फिर से दबाया पर बाद में मैंने योनि की तरफ़ देखा. योनि तो पूरी गीली थी. उसमे से जूस ऐसे निकल रहा था जैसे नल से पानी बह रहा हो. अब मैंने मौसी के पावों को चौडा किया तो उनकी फूली हुयी गुलाबी योनि पूरी तरह दिखने लगी .मौसी की गुलाबी योनि को देख कर मैंने कहा “मौसी सच बहुत ही चिकनी है तेरी ये योनि बिना बाल की गोरी उभरी हुई। दिल कर रहा है इसे खा जाऊँ ” इतना कह कर मैं उसकी योनि पर झुका और योनि के होठों को अपने होठों से चूमने लगा।

मौसी तो जैसे उछल पड़ी। ओह आ मोनू…॥अऽऽऽ ये क्या कर रहे हो…ऐसा तो तुम्हारे मौसा भी नहीं करते कभी.. ओह मुझे अजीब सा लग रहा है। मौसी की सिस्कारियों से पूरा कमरा गूंजने लगा। मैं बड़े प्यार से मौसी की योनि को चूसता, चूमता चाटता रहा। वो अपने होठों पर जीभ फ़ेर रही थी और मचल रही थी कि अचानक चिल्लाई- मोनू छोड़ मुझे… आहऽऽमेरा हो रहा है…जोर से…कहते हुए मेरा सिर अपनी जान्घों में दबा लिया और मेरे बाल खींचने लगी।…मौसी ने आह ऽऽ भरते हुए जल्दी जल्दी तीन चार झटके पूरे जोरों से अपने योनिड़ उठा कर मारे। मैंने फ़िर भी उनको नहीं छोड़ा और अपनी जीभ से उनकी योनि से बहने वाले रस को चाट गया।

वो कह रही थी- अब हट जाओ मोनू, अब सहन नहीं हो रहा। अब अपनी प्यारी मौसी को चोदो। फ़ाड़ दो मेरी योनि को अपनी मौसी की योनि में घुस जाओ। मैं पहले से जानती थी कि तुम मुझे चोदना चाह्ते हो, मैं भी तुम से चुदना चाहती थीअब मैं भी मौसी की योनि का स्वाद अपने लौड़े को चखाना चाहता था। मैं मौसी के ऊपर आया तो मौसी ने सिर उठा कर मेरे लौड़े कि तरफ़ देखा। उन्होने कहा- देवरजी ! मैं तो मर जाऊँगी इतने मोटे और लम्बे से।

मैंने पूछा किस मोटे और लम्बे से?

वो शरमाते हुए बोली तुम्हारे लो ऽऽऽ लौड़े से !

मैंने कहा-कुछ नहीं होगा… और मौसी की टांगें चौड़ी की तो उनकी योनि के होंट ऐसे खुल गये जैसे किसी फ़ाइव स्टार होटल के दरवाजे अपने आप खुल जाते हैं किसी के आने पर। मैंने अपनी दो अंगुलियों से योनि को थोड़ा और खोला और अपना लन्ड का सिर उस पूरे खिले गुलाब के फ़ूल में रख दिया। मौसी ने कहा- थोड़ा अन्दर तो करो !

मैंने कहा- अभी करता हूं। यह कह कर मैं अपना लौड़ा धीरे धीरे बाहर ही रगड़ने लगा। मौसी बेचैन हो उठी। वो अपने योनिड़ ऊपर को उठा उठा कर लौड़े को अपनी योनि में डलवाने की कोशिश कर रही थी। मैं उनको तड़फ़ाते हुए उनकी सारी कोशिशें नाकाम कर दिए जा रहा था।

“अब डालो ना !” मौसी बोली।

“क्या डालूं… और कहाँ…” मैंने मौसी से पूछा।

“अच्छा बताऊँ तुझे? बहनचोद ! अपनी मौसी की योनि में अपना लौड़ा डाल और चोद साले ! मौसी तड़फ़ते हुए बोली।

मौसी के मुंह से ऐसी गालियां सुन कर मैं हैरान रह गया।

तभी मौसी ने एक ऐसा झटका दिया ऊपर की तरफ़ अपने योनिड़ों को कि एक बार में ही मेरा पूरा का पूरा लौड़ा मौसी की योनि की गहराई में उतर गया। मौसी के मुख से निकला- आह हय-मार दिया ! एक दर्द मिश्रित आनन्द भरी चीख !

अब मैं मौसी के ऊपर गिर सा गया और उनको हिलने का मौका ना देकर उनके होंट अपने होंटों से बंद कर दिये और अपने योनिड़ ऊपर उठा कर एक जोर का धक्का मारा तो मौसी फ़िर तड़प गई।

इसके बाद तो बस आऽऽह्…आऽऽह्…आऽऽह्…आऽऽह्…आऽऽह्… आऽऽह्…आऽऽह्…आऽऽह्…आऽऽह्…धीरे…आऽऽह्…आऽऽह्…आऽऽह्…आऽऽह्… आऽऽह्…आऽऽह्…आऽऽह्…आऽऽह्…आऽऽह्…आऽऽह्…रुक जरा… हाँ… आऽऽह्…आऽऽह्…आऽऽह्…जोर से… आऽऽह्…आऽऽह्…आऽऽह्…हाँऽऽअः…हाँऽऽअः…हाँऽऽअः…ह्म्म… हाँऽऽअः

हम दोनों की एक जैसी आवाजें निकल रही थी। काफ़ी देर ऐसे ही चलता रहा। बीच बीच में मौसी बड़बड़ाती रही- मज़ा आ रहा है ! करते रहो ! चूसो !

मौसी की योनि लगातार पानी छोड़ रही थी और मेरा लौड़ा बड़े आराम से अन्दर बाहर आ जा रहा था। मौसी भी अपने योनिड़ उठा उठा कर सहयोग कर रही थी। वो मदहोश हुई जा रही थी। उनके आनन्द का कोई पारावार ना था। ऐसा मज़ा शायद उन्हें पहले नहीं मिला था।

अब मैं चरमोत्कर्ष तक पहुंचने वाला था। मैंने मौसी को कहा- ले रीता ! ले ले मेरा सारा रस ! पिला दे अपनी योनि को !

“हाँ ! भर दे मेरी योनि अपने रस से मेरे मोनू मौसा ! ” मौसी बोली।

और मैंने पूरे जोर से आखिरी धक्का दिया तो मेर लन्ड मौसी के गर्भाशय तक पहुंच गया शायद और वो चीख पड़ी- मार डालेगा क्या?

मेरे मुंह से निकला- बस हो गया ! मेरा लन्ड मौसी की योनि में पिचकारियां मार रहा था। मौसी भी चरम सीमा प्राप्त कर चुकी थी। फ़िर कुछ रुक रुक कर हल्के हल्के झटके मार कर मैं मौसी के ऊपर ही लेटा रहा। हम दोनों अर्धमूर्छित से पड़े रहे काफ़ी देर। पता नहीं कब नींद भी आ गई।

जब मेरी नींद खुली तो देखा कि मौसी उसी तरह नंगी मेरी बगल में बेसुध हो कर सो रही थी। उनके मुख पर असीम तृप्ति का आभास हो रहा था। उनके लबों पर बहुत हल्की सी मुस्कान भी दिख रही थी। मैं धीरे से उठा और रसोई में जाकर दो कप चाय बना कर लाया तो देखा मौसी वैसे ही सो रही थी। मैं उनके पास गया और उनके लबों को हल्के से चूम लिया। जैसे ही मेरे होंठ ने उनके होंठों को स्पर्श किया, मौसी ने आंखें खोल दी और मुस्कुरा कर मेरी आंखों में झांकने लगी।

मैंने मौसी से कहा- “तो सोने का बहाना कर रही थी आप?”

मौसी बोली- मैं तो तभी जाग गई थी जब तुम यहाँ से उठ कर गए थे, लाओ अब चाय तो पिला दो जो प्यार से बना के लाए हो।

हमने चाय पी। तब तक रात के आठ बज चुके थे। मैंने मौसी से पूछा- कैसा लगा?

मौसी ने शरमा कर नज़रें झुका ली, कुछ बोली नहीं।

मैंने उनकी ठोडी पकड़ कर उनका चेहरा ऊपर को उठाया और फ़िर पूछा कि कैसा लगा आज मेरे साथ।

मौसी शर्मिली मुस्कान के साथ बोली- बहुत मज़ा आया, मज़ा तो तुम्हारे मौसा के साथ भी बहुत आता है, पर तुम्हारे अन्दर नया जोश है

“पहले ऐसा ही मज़ा आता था मौसा के साथ?” मैंने पूछा।

” सच कहूं तो ऐसा मज़ा मुझे कभी नहीं आया, मुझे तो पता भी नहीं था कि इतना मज़ा भी आता होगा ठुकाई में” मौसी ने कहा।
मौसी के मुंह से ठुकाई शब्द सुन कर मैं अवाक रह गया। फ़िर मैंने मौसी से कहा- मौसी ! मैंने आपको इतना आनन्द दिया है, मुझे ईनाम मिलना चाहिए

” हाँ ! ईनाम के हकदार तो तुम हो। बोलो क्या चाहिए तुम्हें ईनाम में?” मौसी ने पूछा।

“मैं तो ऐसे ही कह रहा हूं, आप मिल गई, मुझे तो मेरा ईनाम मिल गया” मैंने कहा।

” नहीं, फ़िर भी मैं तुम्हें कुछ ना कुछ ईनाम जरूर दूंगी” मौसी ने कहा।

” जैसी आपकी मरजी ! अगर मैंने अपनी तरफ़ से कुछ मांग लिया तो देना पड़ेगा मौसी ! ” मैंने कहा।

” हाँ हाँ जरूर ! मेरे बस में हुआ तो जरूर दूंगी” मौसी ने आश्वासन दिया।

” अच्छा अब बताओ रात के खाने में क्या बनाऊँ? ” रीता मौसी ने पूछा।

“अब क्या बनाओगी, मैं बाज़ार से ले आता हूं कुछ, वैसे भी मैं अभी सारी रात बाकी है। आप मुझे खाना, मैं आपको खाऊँगा” मैंने मौसी को छेड़ा।

मैंने बाज़ार जाने के लिए उठते हुए कहा- मौसी ! मैं बाज़ार से खाना ले कर आता हूं। आप बस ऐसे ही नंगी रहना, कपड़े नहीं पहनना।
मौसी भी मेरे साथ खड़ी हो गई यह कहते हुए कि दरवाजा भी तो बंद करना होगा। मौसी मेरे पीछे पीछे आईं और मुझे कहा देखो बाहर कोई है तो नहीं, मैं दरवाजा बंद कर लूं


जब मैंने बाज़ार से आकर दरवाजे की घण्टी बजाई और मौसी ने दरवाजा खोला तो वो वही नीला गाऊन पहने थी।

अन्दर आते आते मैंने पूछा कि गाऊन क्यों पहना?

तो कमरे में पहुंच कर मौसी बोली- आज तो बस बच गई। अभी अभी थोड़ी देर पहले दरवाजे की घण्टी बजी थी और मैंने समझा तुम ही होगे और मैं बिना गाऊन पहने दरवाजा खोलने ही वाली थी कि मुझे पड़ोस वाली रितु की आवाज सुनाई दी। वो मुझे ही पुकार रही थी। मैंने दौड़ कर गाऊन पहना और फ़िर दरवाजा खोला।

क्या करने आई थी रितु? रितु वही जो चार पांच घर छोड़ कर रहती है, नमिता आन्टी की बेटी?

हाँ वही, तू तो सबको जानता है?

बड़ी मस्त चीज है वो, एक बार मिल जाए तो साली को चोद चोद कर चार छः बच्चों की माँ बना दूं।

“तेरा बस चले तो तू सारी दुनिया की लड़कियों को चोद चोद कर माँ बना दे” मौसी बोली।

“सारी दुनिया को नहीं तो मौसी आपको तो अब जरूर माँ बना दूंगा” मैंने कहा।

यह सुन कर मौसी भावुक हो उठी, उनकी आंखें गीली हो गई, वो बोली- तीन साल हो गए शादी को ! अब तक तो कोई आस बंधी नहीं, पता नहीं कब मैं माँ का शब्द सुनूंगी अपने लिए। और तुम क्या सोचते हो कि मैंने ये सारी रासलीला तुम्हारे साथ शारीरिक आनन्द के लिए रचाई है? यह सब मैंने औलाद का सुख पाने के लिए किया है। मौसी रोती जा रही थी और बोलती जा रही थी-” वैसे तो तुम्हारे मौसा में कोई कमी नहीं है, वो मुझे सहवास का पूरा पूरा मज़ा देते हैं, पर पता नहीं क्यों मैं गर्भवती क्यों नहीं हो रही। अब देखो तुम क्या गुल खिलाते हो? इतना कह कर मौसी के चेहरे पर कुछ मुस्कुराहट आई।

मैंने आगे बढ़ कर मौसी को अपनी बाहों में भर लिया और कहा- भगवान ने चाहा तो अगले साल तक मैं चाचाऽऽ… नहीं आपके बच्चे का पापाऽऽ… नहीं बस चाचा… हाँ… चाचा ही ठीक है, बन जाऊँगा।

अगर ऐसा हो गया तो मैं तुम्हें मुंह मांगा ईनाम दूंगी- मौसी ने भरे गले से कहा।

तो अब दो ईनाम हो गये- एक तो आपने चाय पीते हुए वायदा किया था आज ही और दूसरा अब जो अगले साल या उससे भी पहले मिल सकता है।

फुफेरी बहन अरुणा की चुदाई

  फुफेरी बहन अरुणा की चुदाई

नमस्ते दोस्तों, मैं छतीशगढ़ के बलरामपुर से देवेश हूँ। मैं अभी बी ए फर्स्ट इयर का छात्र हूँ। जब से जवानी की झलक मेरे जीवन में आई, उसी समय से मुझे सेक्स को लेकर बड़ा मजा आता रहा है।

दूर की बुआ को घोड़ी बनकर चोदा

  दूर की बुआ को घोड़ी बनकर चोदा 

हेलो फ्रेंड्स, मेरी उम्र 22 साल है, मेरा नाम आकाश है। मैं कोरबा का रहने वाला हूं।

बुआ की ठुकाई की यह कहानी तब की है ज़ब मैं 12 में पढ़ता था, यही कोई 18 साल का। मेरी दादा जी के लड़के की नई शादी हुई तो मम्मी ने उन्हें कुछ दिनों के लिए घर पर बुला लिया। हम बहुत खुश हुए क्योंकि नई बुआ जो आई है। वो बहुत सेक्सी थी 28-24-38

दूर की मामी की गांड की चुदाई

  दूर की मामी की गांड की चुदाई

मेरा नाम सितेश है। मैं अभी रायपुर में रहता हूँ, रंग गोरा, 5’6′, 25 साल, ग्रेजुएट।यह मेरा पहला संदेश है आप लोगो के लिए। इसका मतलब यह नहीं कि यह मेरा पहला सेक्स अनुभव है। इससे पहले मैंने बहुत सेक्स किया है लड़कियों और आंटियों से।

जो लड़कियाँ मेरे साथ सेक्स में रात गुजारती, वो मेरे साथ शहर में घूमने के लिये भी ख्वाहिश रखती थी।

सुनिता अपने भाई से चुदी

  सुनिता अपने भाई से चुदी 

हेलो फ्रेंड्स! इस वेबसाइट पर पहली बार में कहानी लिख रही हूँ। मैं रोज़ ही इस साइट पर आती हूँ और कहानियों का मजा लेती हूँ। अपनी कहानी को लिख कर मैं आप लोगों को मस्ती से भर देना चाहती हूँ। अगर कहानी लिखने में मुझसे कोई गलती हो जाये तो उसे नजरअंदाज कर दीजियेगा।

मौसी को घोड़ीबानकर चुदाई

  मौसी को घोड़ीबानकर चुदाई 

मेरे एक रिश्ते के मौसा, जो काफ़ी दिनों तक हमारे घर पर रहे थे, की शादी में मैं सपरिवार शामिल हुआ लेकिन मैं अपनी मौसी को देख नहीं पाया। मेरे पेपर थे, इसलिए मैं उसी रात को अकेला वापिस आ गया। लेकिन पेपर खत्म होने के बाद एक महीने की छुट्टी में मैं अपने उस मौसा के घर गया तो मैंने पहली बार मौसी को देखा तो देखता ही रह गया। मौसी की लम्बाई करीब साढे पांच फ़ीट होगी और उनका रंग मानो दूध। मौसी के बाल तो उनके चूतड़ से भी नीचे थे। उमर भी बीस-इक्कीस से ज्यादा नहीं लगती थी।

अदिती अपने भाई से चुदी

 अदिती अपने भाई से चुदी 


दोस्तो, मेरा नाम अदिती है, मेरी उम्र 23 साल है, रंग गोरा है। मैं आज आपको अपनी लाइफ की रियल सेक्स स्टोरी कुंवारी लड़की की ठुकाई की बताने जा रही हूँ।

मेरा एक छोटा भाई है आहिल, जिसकी उम्र 19 साल से कुछ माह ज्यादा है।

चाची की गांड मारी

चाची की गांड मारी 

जैसे कि मैंने आपको बताया मेरा नाम विशाल हैमैं बिहार में रहता हूं। मेरी उम्र 18 साल की है। मेरा 6.5 इंच लम्बा लंड किसी भी योनि की गर्मी बुझाने के लिए काफी है।
यह कहानी मेरी ममेरी चाची के साथ हुई ठुकाई पर आधारित है। तो अब सब लौंडे अपने अपने लवडे को पकड़ कर बैठ जाएं और सब लड़कियां एक एक खीरा अपने पास रख लें।

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