चाची को चरमसुख तक पहुंचाया

मेरा नाम पंकज है। मैं उदयपुरका रहने वाला हूँ। मैं आप को अपनी कहानी बताने जा रहा हूँ। हमारे घर मैं, मम्मी पापा और चाचा,चाची चार लोग ही थे। चाचा का नाम श्यामहै, चाचा बहुत ही गुस्से वाले हैं। वो बात बात पर गुस्सा करते थे इसलिये मैं उनसे बहुत डरता था। मम्मी मुझे बहुत प्यार करती थी। ये उस समय की बात है जब चाचा की शादी हो गयी थी। चाची का नाम मीना था और वो अभी उम्र में छोटी ही थी। चाची मुझे बहुत प्यार करती थी और मेरी देखभाल भी करती थी। 

उनसे मुझे मम्मी और चाची दोनो का प्यार मिलता था। चाची के आ जाने के कुछ दिन बाद मैंने देखा कि चाचा चाची से बहुत डरने लगे। वो उनकी हर बात, चाहे सही हो या गलत, तुरन्त ही मान लेते थे। एक दिन चाची ने मम्मी से कहा- अब आप रहने दो, आज से मैं ही पंकज को तेल लगाऊँगी और नहलाऊँगी भी! मम्मी ने कहा- मैं तो इसकी लंड पर भी तेल लगा कर खूब मालिश करती हूँ। तू कैसे करेगी। चाची ने कहा- तो क्या हुआ, मैं पंकज की देखभाल ठीक वैसे ही करूंगी जैसे कि आप करती हैं। चाची मेरी देखभाल मम्मी की तरह से करने लगी। 

 वो मेरे सारे कपड़े उतार देती और फिर मम्मी की तरह से मेरे सारे बदन पर तेल लगाती थी, उसके बाद मेरी लंड पर भी तेल लगा कर मालिश करती थी। फिर वो मुझे अपने साथ बाथरूम ले जाती और अपने सारे कपड़े भी उतार कर एकदम नंगी हो जाती, उसके बाद वो मुझे अपने साथ ही नहलाती थी। चाचा की शादी के 6 महीने के बाद ही मम्मी का स्वर्गवास हो गया तो मैं उदास रहने लगा। मैं कई दिनों तक स्कूल नहीं गया। चाची ने मुझे प्यार से समझाया- पंकज, तुम घबराओ मत, मैं तुम्हारी देखभाल ठीक उसी तरह से करूंगी जैसे तुम्हारी मम्मी किया करती थी। मैं धीरे धीरे चाची से एकदम घुलमिल गया और मम्मी को भूल गया। अब मुझे मम्मी कि याद नहीं सताती थी। जब कभी मैं शरारत करता तो चाचा मुझ पर गुस्सा हो जाते थे। जैसे ही चाचा मुझ पर गुस्सा होते तो चाची उन्हें घूर कर देखती और वो तुरन्त ही चुप हो जाते। धीरे धीरे 3 साल गुजर गये। मेरी लंड भी अब थोड़ी बड़ी हो चुकी थी। 

चाची जब तेल लगने के लिये मुझे एकदम नंगा कर देती तो मुझे शरम आती थी। फिर जब वो मेरे सारे बदन पर तेल लगने के बाद मेरी लंड पर तेल लगा कर मालिश करती तो मेरा लण्ड खड़ा हो जाता था, तब मैं और ज्यादा शरमा जाता था। वो कभी कभी मेरी लंड को चूम भी लेती थी। चाची मुझसे अकसर मजाक में कहा करती थी- तेरी लंड तो जवान आदमियों की तरह हो गई है। मुझे अब तेरी शादी करनी पड़ेगी। मुझे तेरी लंड बहुत अच्छी लगती है।

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 उनकी बात सुनकर मैं शरमा जाता था। मैंने चाची से कहा- अब मैं बड़ा हो गया हूँ मैं खुद ही नहा लूंगा। वो बोली- क्यों अब तुझे शरम आती है। मैंने कहा- हाँ। वो बोली- बदमाश कही का, आज तक मैं तेरी लंड पर तेल लगा कर मालिश करती रही और तुझे अपने साथ नहलाती रही। मुझे आज तक शरम नहीं आयी और तू अब शरमा रहा है। मैं तेरी शादी होने तक खुद ही तेरी लंड कि तेल लगा कर मालिश करूंगी और नहलाऊँगी भी। अगर बदमाशी करेगा तो मैं तुझे मारूंगी भी और तेरे चाचा से कह दूंगी, फिर तुझे बहुत डांट पड़ेगी। 

 मैं चाचा से बहुत डरता था इस लिये मैं चुप हो जाता था। चाची अभी भी मेरे लण्ड को लंड ही कहती थी। धीरे धीरे मेरी लंड पूरी तरह से लण्ड बन गयी। चाची अभी भी मुझे चाचा का डर दिखा कर मेरी लंड पर तेल लगाती और मुझे नहलाती भी थी। चाची के हाथ लगाने पर मेरा लण्ड बहुत सख्त हो जाता था। चाची को तेल लगाने पर और भी मस्ती आने लगी थी।


एक दिन मैंने चाची से कहा- अब तो मैं जवान हो गया हूँ। मेरी लंड भी अब लण्ड बन गयी है। जब तुम मेरे लण्ड पर तेल लगाती हो तो मुझे कुछ कुछ होने लगता है, सख्त भी हो जाता है। अब मैं खुद ही नहा लिया करुंगा।

वो मुसकुराते हुये बोली- ठीक है, अब मैं तुझे नहीं नहलाऊँगी और ना ही तेल लगाऊँगी। अब तो खुश है ना।

मैंने कहा- हाँ, अब मैं बहुत खुश हूँ।

उसके बाद मैं खुद ही अपने सारे बदन पर तेल लगने लगा और नहाने भी लगा।

धीरे धीरे 2 साल और गुजर गये। अब मेरा लण्ड पूरे शवाब पर आ चुका था और 8″ लम्बा और खूब मोटा हो गया था।

मैं अब भी एकदम नंगा ही नहाता था। मैं चाची से ज्यादा शरमाता भी नहीं था इस लिये मैं बाथरूम का दरवज़ा खुला छोड़ कर ही नहाता था।

चाची भी मुझसे जरा सा भी नहीं शरमाती थी। वो पहले कि तरह ही एकदम नंगी ही नहाती थी और नहाने के बाद बाथरूम से नंगी ही बाहर आ जाती थी।




एक दिन मैं नहा रहा था और चाची बाथरूम के पास से गुजर रही थी तो उनकी निगाह मेरे लण्ड पर पड़ी।
उन्होंने मेरे लण्ड की तरफ़ इशारा करते हुये मजाक किया और कहा- बाप रे, तेरी लंड तो अब एकदम खतरनाक हो गयी है। इतनी बड़ी लंड मैंने आज तक नहीं देखी है। तू जवान भी हो गया है। अब तो तेरी शादी करनी ही पड़ेगी।

मैं शरमा गया और मैं टावेल लपेटने लगा।

चाची बोली- पहले तो खूब मज़े से अपनी लंड पर तेल लगवाता था। अब शरम आ रही है।
मैंने शरमाते हुये कहा- चाची, जाओ ना।

वो बोली- अब बाथरूम का दरवाज़ा बन्द कर के नहाया कर, नहीं तो तेरी लंड को मेरी नज़र लग जायेगी।

मैंने मजाक किया और कहा- तुम हमेशा इसे लंड ही कहती रहोगी। ये तो अब लंड से इतना बड़ा और मोटा लण्ड बन गया है। अब इसे लण्ड ही कहा करो।

वो बोली- अच्छा बाबा, अब मैं इसे लण्ड ही कहूँगी। मैं जाती हूँ, तू नहा ले।

चाची चली गयी।
मैं नहाने लगा।
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एक दिन चाची उदास बैठी थी, मैंने पूछा- क्या हुआ?
वो बोली- कुछ नहीं।
मैंने ज़िद करते हुये कहा- बताओ ना?

वो बोली- 6 साल गुजर गये और आज तक मैं माँ नहीं बन पाई। सारा दोष तेरे चाचा का ही है।
मैंने कहा- क्या किया चाचा ने?
वो बोली- वो मुझे मां बनाने के लायक ही नहीं हैं।
मैंने पूछा- क्यों?
वो बोली- मुझे शरम आती है।

मैंने कहा- आज तक तो मुझसे नहीं शरमाती थी, कब से शरम आने लगी?

वो बोली- बात ही कुछ ऐसी है।

मैंने कहा- बताओ ना?

वो कहने लगी- तेरा लण्ड देख कर मैं सोचती हूँ कि काश तेरे चाचा का भी ऐसा होता तो आज मेरी कोख सूनी ना रहती। मुझे उनसे मज़ा भी नहीं मिल पाता।

मैंने कहा- इसमें मैं क्या कर सकता हूँ।

वो बोली- अगर मैं तुझसे एक बात कहूँ तो तू बुरा तो नहीं मानेगा क्योंकि वो बात कुछ ठीक नहीं है और मुझे ऐसा करना भी नहीं चाहिये।

मैंने कहा- तुम मेरे लिये इतना सब कुछ करती हो, क्या मैं तुम्हारे कुछ भी नहीं कर सकता। तुम बताओ तो सही?

वो बोली- इतने साल मैंने केवल तुझे पल-पोस कर कर बड़ा करने में गुजार दिये और कभी मां बनने के बारे में सोचा ही नहीं।

मैंने कहा- तुम बताओ तो सही कि मुझे क्या करना है?
चाची बोली- मुझे शरम आती है।

मैंने कहा- जब मैं शरमाता था तब तो तुम मुझ पर गुस्सा होती थी। अब तुम शरमा रही हो तो मुझे क्या करना चाहिये, बताओ।

मेरी बात सुनकर वो हंस पड़ी और बोली- मैं मां बनना चाहती हूँ और साथ ही साथ मैं ठुकाई का मज़ा भी लेना चाहती हूँ। अगर तेरा कोई दोस्त हो और उसका लण्ड तेरे जैसा हो तो…
इतना कह कर वो चुप हो गई।

मैंने कहा- मैं समझ गया चाची, लेकिन अगर चाचा को पता चल गया तो?

वो बोली- वो क्या कर लेंगे। तू तो जानता ही है कि मैं जब उन्हें घूर कर देखती हूँ तो वो चुप हो जाते हैं। वो मेरी हर सही या गलत बात को मान भी लेते हैं। वो ऐसा क्यों करते हैं मैं आज तुझे बताती हूँ। तेरे चाचा का लण्ड बहुत छोटा है। उनका लण्ड ठीक उतना ही बड़ा है जितना 13 साल के उमर में तेरा था। उनका ठुकाई का काम भी बड़ी मुश्किल से 2 मिनट में ही खत्म हो जाता है। इसीलिये वो मुझसे डरते हैं।

मैंने कहा- अब मैं समझा कि वो तुमसे इतना डरते क्यों हैं।
चाची ने कहा- मुझे तेरे चाचा से कोई डर नहीं है।
मैंने कहा- आस पास के लोग क्या कहेंगे।

वो बोली- मैं यहाँ थोड़े ही चुदवाऊँगी। तेरे दोस्त के पास ही चलूंगी और तू मेरे साथ चलेगा।
मैंने कहा- मेरा एक दोस्त है, शंकर। वो अकेले ही रहता है। मैं उससे बात कर लूँ, फिर तुम्हें उसके पास ले चलूँगा।
चाची ने कहा- मुझे तेरे जैसा लण्ड भी चाहिये।

अब मैं चाची से ज्यादा शरमाता भी नहीं था। मैंने तुरन्त ही अपनी लुंगी उतार दी और कहा- फिर मेरे लण्ड से ही काम चला लो। इधर उधर जाने कि क्या जरूरत है।

चाची ने मेरे लण्ड पर अपने हाथ से हल्की सी चपत लगाते हुये कहा- तू इसे अपने पास ही रख। यह मेरे लिये पुराना हो चुका है। मुझे नया लण्ड चाहिये।

मैंने कहा- मैंने एक बार शंकर का लण्ड देखा था। उसका मुझसे ज्यादा लम्बा और मोटा है।

वो बोली- फिर ठीक है। तू उस से बात कर ले लेकिन वो किसी से कहेगा तो नहीं?

मैंने कहा- नहीं वो किसी से नहीं कहेगा। फिर एक महीने के बाद ही वो अपने घर भी जाने वाला है। उसके बाद वो यहाँ वापस नहीं आयेगा। उसका घर तो यहाँ से 200 किलोमीटर दूर है।

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चाची ने कहा- फिर ठीक है।

मैं शंकर के पास चला गया। मैंने शंकर से बात की तो वो बहुत खुश हो गया।

एक घण्टे में मैं घर वापस आ गया।

चाची बड़ी बेसब्री से मेरा इन्तजार कर रही थी, जैसे ही मैं घर के अन्दर पहुँचा तो वो बोली- काम हो गया?

मैंने कहा- हाँ, वो तैयार है।
चाची ने पूछा- कब चलना है?
मैंने कहा- जब तुम चाहो।

चाची बहुत ज्यादा जोश में आ चुकी थी और बोली- अभी चलूं?
मैंने कहा- चलो।

दोपहर के 11 बज रहे थे। चाची ने चाचा को फोन कर के बता दिया कि वो अपनी एक सहेली के यहाँ जा रही हैं, शाम के 5 बजे तक वापस आयेगी।

मैं चाची को लेकर शंकर के पास आ गया।

शंकर चाची को देख कर मुसकुराने लगा तो चाची भी मुसकुरा दी।

शंकर ने कहा- यहीं या कमरे में?
चाची ने कहा- नहीं कमरे में।

चाची ने मुझसे कहा- तू यहीं बैठ कर टीवी देख।

मैंने कहा- जब मुझे लाईव शूटिंग देखने का मौका मिल रहा है तो फ़िल्म क्यों देखूँ। मैं तुम्हारे साथ ही चलता हूँ।

वो बोली- मारूंगी अभी।
मैंने कहा- अच्छा बाबा जाओ।

मैंने टीवी पर एक फ़िल्म लगा दी और फ़िल्म देखने लगा।

चाची शंकर के साथ कमरे में चली गयी।

5 मिनट बाद ही कमरे से चाची की चीखने और चिल्लाने की आवाजें आने लगी।

मैं समझ गया कि अन्दर क्या हो रहा है। शंकर का लण्ड 10′ लम्बा और बहुत ही मोटा था। बहुत देर तक चाची की चीखने और चिल्लाने की आवाज़ आती रही फिर धीरे धीरे उनकी आवाज़ आनी कम हो गई।

थोड़ी देर बाद ही चाची की आहें और सिसकारियाँ सुनाई देने लगी।
15 मिनट के बाद शंकर लुंगी पहने हुये पसीने से लथपथ कमरे से बाहर आया और बोला- जा, तुझे तेरी चाची बुला रही हैं।

मैं कमरे के अन्दर गया तो चाची बेड पर एकदम नंगी पड़ी हुई थी, केवल एक छोटे से कपड़े से उनकी चूत ढकी हुई थी।
उनके बाल बिखरे हुये थे, वो पसीने से एकदम लथपथ थी और उनकी सांसें बहुत तेज चल रही थी।

उन्होंने अपने पैरों को मोड़ कर फैला रखा था।
मैंने पूछा- क्या है?
वो बोली- मेरे पास आ।

मैं उनके पास जा कर बैठ गया तो उन्होंने मेरा हाथ पकड़ लिया और बोली- तूने तो मुझे फंसा ही दिया।

मैंने पूछा- आखिर हुआ क्या?

वो बोली- मैंने तुझसे कहा था कि मुझे तेरे लण्ड के जैसा लण्ड चाहिये लेकिन तेरे दोस्त का तो बहुत ही ज्यादा लम्बा और मोटा है। मैं तो समझती थी कि थोड़ा सा फरक होगा।

मैंने पूछा, काम हो गया?
वो बोली- अभी आधा ही हुआ है।

मैंने कहा- आधा का क्या मतलब है।

वो बोली- दर्द के मारे मेरी जान निकली जा रही थी। बड़ी मुशकिल से मैं उसका आधा लण्ड ही अन्दर ले पायी हूँ। मैंने मजाक करते हुये कहा- अगर मैं होता तो एक ही बार में पूरा का पूरा अन्दर घुसा देता। वो बोली- तब तो मैं मर ही जाती।

इतना कह कर चाची ने मेरे गालों को चूम लिया और बोली- शंकर का लण्ड बहुत ही अच्छा है।

मैंने पूछा- मज़ा आया।

वो बोली- बहुत थोड़ा सा। जब वो पूरा अन्दर घुसा कर चोदेगा तब मज़ा आयेगा।

मैंने कहा- अबकि बार पूरा अन्दर ले लेना।

वो बोली- दर्द बहुत हो रहा था नहीं तो मैं पूरा अन्दर ले लेती। आज तूने मुझसे पहली बार कुछ कहा है और मैं तेरी बात टालूंगी नहीं। मैं अबकि बार पूरा का पूरा अन्दर ले लूगी भले ही कितना भी दर्द हो।

मैंने कहा- मुझे अपनी चूत तो दिखा दो।

वो बोली- बदमाश कही का, तू मेरी चूत देखेगा।
मैंने कहा- तो क्या हुआ। तुम मेरे सामने एकदम नंगी नहाती हो। तुम्हारा कुछ मुझसे छुपा है क्या।

वो बोली- अच्छा बाबा, बाद में दिखा दूंगी। पहले मुझे पूरा अन्दर तो ले लेने दे।

चाची मुझसे बाते करती रही। अब हम दोनो में ज्यादा शरम नहीं रह गयी थी।

तभी शंकर कमरे में आ गया और बोला- मैं फिर से तैयार हूँ।

चाची ने मुझसे कहा- अब तू जा बाहर। मैंने मजाक किया, नहीं, मैं यही रहूँगा।

चाची बोली- मुझे तेरे सामने शरम आयेगी ना।

मैंने कहा- अब काहे की शरम?

वो बोली- शरम खत्म होने में थोड़ा समय तो लगेगा ही। अब जा ना।

मैं कमरे से बाहर चला आया।

2 मिनट में ही फिर से चाची की चीखने और चिल्लाने कि आवाज़ आने लगी। इस बार वो कुछ ज्यादा ही जोर जोर से चीख और चिल्ला रही थी।
लगभग 10 मिनट तक उनकी चीखने और चिल्लाने कि आवाज़ आती रही, उसके बाद उनकी चीखने और चिल्लाने कि आवाज़ धीरे धीरे शान्त हो गयी।

लगभग 20 मिनट के बाद शंकर बाहर आ गया तो मैं चाची के पास चला गया।
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चाची की हालत बहुत ज्यादा खराब दिख रही थी। उनका सारा बदन पसीने से एकदम लथपथ था और उन्होंने अपने पैरो को मोड़ कर पूरी तरह से फैला रखा था। उनके बाल बिखरे हुये थे। वो एकदम नंगी पड़ी हुयी थी केवल उनकी चूत एक छोटे से कपड़े ढकी हुयी थी।
मैंने पूछा- काम हो गया।

वो बोली- हाँ, लेकिन बहुत दर्द हुअ। तेरे कहने की वजह से मैंने इस बार पूरा अन्दर ले लिया नहीं तो मुझे अभी एक बार और करवाना पड़ता। उसका लम्बा होने के साथ साथ बहुत ज्यादा मोटा भी तो है।

मैंने मजाक किया- मज़ा तो आया ना?
वो बोली- बदमाश कहीं का।

मैंने कहा- बताओ ना?

उन्होंने शरमाते हुये कहा- थोड़ा सा।

मैंने कहा- वो क्यों?
वो बोली- इस बार दर्द बहुत हो रहा था ना।

मैंने कहा- फिर तो तुम्हारी चूत की हालत एकदम खराब हो गयी होगी?
वो बोली- बहुत ही ज्यादा खराब हो गयी है। मैं तो अब शायद 2-3 दिनो तक ठीक से चल भी नहीं पाऊँगी।

मैंने कहा- अब तो दिखा दो।
वो बोली- अभी नहीं।
मैंने कहा- फिर कब?

वो बोली- एक बार और करवा लेने दे तब मेरी चूत का मुँह एकदम खुल जयेगा। उसके बाद देख लेना।

मैंने कहा- ठीक है, मैं थोड़ी देर और सबर कर लेता हूँ।

लगभग 30 मिनट के बाद शंकर फिर आ गया तो मैं बाहर चला आया।

इस बार चाची की चीखने और चिल्लाने कि आवाज़ ज्यादा देर तक नहीं आयी।
थोड़ी ही देर में उनकी सिसकारियाँ सुनाई देने लगी।
लगभग 20 मिनट के बाद ही शंकर फिर से बाहर आ गया तो मैं कमरे में चला गया।

चाची का चेहरा इस बार कुछ खिला हुआ था।
मैंने कहा- लगता है इस बार मज़ा आ गया।

वो बोली- हाँ, लेकिन तेरा दोस्त तो 10-15 मिनट से ज्यादा कर ही नहीं पाता नहीं तो मुझे और मज़ा आता।

मैंने कहा- अब तो दिखा दो।
वो बोली- शरम आती है।
मैंने कहा- अभी तो तुमने कहा था कि अगली बार दिखा दूंगी।

चाची ने शरमाते हुये कहा- अच्छा बाबा, देख ले लेकिन अगर कही तुझे जोश आ गया तो। मैंने कहा- मैं भी चोद दूंगा। वो बोली- ठीक है, चोद देना। मैंने चाची कि चूत पर से कपड़ा हटा दिया। उनकी चूत कि हालत एकदम खराब हो चुकी थी। उनकी चूत का मुँह बहुत ज्यादा चौड़ा हो चुका था और उनकी चूत डबल रोटी कि तरह सूज गयी थी। उनकी चूत से ज्यूस टपक रहा था जिसमें थोड़ा सा खून भी मिला हुआ था। बेड कि चादर भी उन दोनो के ज्यूस से एकदम खराब हो चुकी थी। 

 मैं देर तक चाची कि चूत को देखता रहा तो वो बोली- अब रहने भी दे। कब तक देखेगा। मैंने कहा- मुझे बहुत अच्छा लग रहा है। वो बोली- मेरी जान ही निकल गयी और तुझे अच्छा लग रहा है। मैंने कहा- मज़ा भी तो आया। वो बोली- हाँ, ये तो है। मैंने कहा- फिर देखने दो ना। वो बोली- ठीक है, जी भर कर देख ले। मैंने कहा- मुझे भी जोश आ रहा है। वो बोली- अगर तेरा दिल करता है तो तू भी अपनी प्यास बुझा ले। मैंने कहा- तुम्हारी चूत मेरे लण्ड के लायक नहीं है। वो बोली- क्यों, क्या खराबी है मेरी चूत में। मैंने कहा- ये तो कुछ ज्यादा ही चौड़ी हो गयी है। चाची कुछ नहीं बोली। लगभग 35 मिनट के बाद शंकर फिर आ गया तो मैं बाहर चला आया। इस बार भी चाची के चीखने कि आवाज़ ज्यादा देर तक नहीं आयी। इस बार भी शंकर 20 मिनट में ही कमरे से बहर आ गया तो मैं कमरे में चला गया। 

 इस बार चाची एकदम नंगी पड़ी थी। उन्होंने अपनी चूत को भी नहीं ढका था। मैंने पूछा, अब शरम नहीं आ रही है। वो बोली- अब कहे कि शरम। अब तो तू मेरी चूत को देख ही चुका है। मैंने कहा- वो तो मैं बरसो से देख रहा हूँ। मैंने भी कि चूत को देखते हुये कहा- ये तो पहले से भी ज्यादा सूज गयी है। चाची ने कहा- आ, बैठ जा मेरे पास। मैं उनके पास बैठ गया।

 उन्होंने मेरा हाथ अपने हाथ में ले लिया और कहने लगी, तूने मुझे आज वो मज़ा दिलया है कि मैं सारी जीन्दगी इसे नहीं भुला पाऊँगी। मुझे अब लग रहा है कि मैं भी मा बन जाउँगी। मैंने कहा- अब घर चलोगी या और भी चुदवाना है। वो बोली- अब आज और नहीं। मैंने कहा- फिर घर चलो। वो बोली- चल। चाची उठने की कोशिश करने लगी तो उनके मुँह चीख निकल गयी। मैंने पूछा- क्या हुआ? वो बोली- बहुत दर्द हो रहा है, घर कैसे जाउँगी। मैंने कहा- फिर क्या करोगी। वो बोली- थोड़ा गर्म पानी ले आ, मैं अपनी चूत की सिकाई कर लेती हूँ। इस से दर्द कम हो जयेगा। मैंने कहा- अभी लाता हूँ। मैं थोड़ी ही देर मैं गर्म पानी ले कर चाची के पास आ गया। मैंने कहा- पानी लाया हूँ, सिकाई कर लो। वो सिकाई करने के लिये उठना चाहती थी लेकिन उठ नहीं पा रही थी। मैंने उनकी इतनी बुरी हालत देखी तो मैंने कहा- कहो तो मैं ही सिकाई कर दूं। वो बोली- तू मेरी चूत की सिकाई करेगा। मैंने कहा- तो क्या हुआ। 

चाची ने शरमाते हुये कहा- ठीक है, तू ही सिकाई कर दे। मैंने गर्म पानी से चाची कि चूत कि सिकाई शुरु कर दी। जोश के मारे मेरा लण्ड भी खड़ा हो गया। चाची ने मेरा लण्ड देखा तो बोली- तेरा क्यों खड़ा हो गया। मैंने कहा- चूत पर हाथ लगने से मुझे भी थोड़ा जोश आ गया है। वो मुसकुरते हुये बोली- गड़बड़ मत करना। मैंने कहा- होटल का खाना खाने के बाद घर का खाना थोड़े ही अच्छा लगता है। आखिर में घर का खाना ही खाना पड़ेगा। वो बोली- अगर मेरा मन हुआ तो मैं घर का खाना भी खा लूंगी। लगभग 20-25 मिनट कि सिकई के बाद मैंने कहा- अब उठ कर देखो, उठ पाती हो या नहीं। चाची उठने की कोशिश करने लगी तो उनके मुँह से हल्की सी आह निकल गयी लेकिन वो उठ गयी। मैंने कहा- अब चलो घर। 

वो बोली- थोड़ी सिकई और कर लेने दे। उन्होंने मेरे हाथ से गर्म पानी और कपड़ा ले लिया और अपनी चूत कि सिकई करने लगी। 10-15 मिनट बाद वो बोली- अब घर ले चल मुझे। चाची ठीक से चल नहीं पा रही थी। मैं चाची को सहारा दे कर घर ले आया। अगले 2 दिनो तक चाची शंकर के पास नहीं गयी। तीसरे दिन चाची मुझसे कहने लगी, आज रात तेरे चाचा से बात हो रही थी। मैंने उनसे बता दिया कि मैंने तेरे एक दोस्त से चुदवाया है। पहले तो वो थोड़ा नाराज़ हुये और फिर कहने लगे कि अगर तुझे चुदवाना ही था तो क्या पंकज बुरा था। पंकज का लण्ड भी तो खूब लम्बा और मोटा है। मैंने उनसे कह दिया कि मुझे पंकज से चुदवने में शरम आयेगी तो वो बोले फिर ठीक है तुम्हारी मरजी जीस से भी मन कहे चुदवाओ। फिर मैंने उनसे कहा कि मैं कल से 10 दिनो के लिये शंकर के पास जाउँगी तो वो बोले, चली जाओ। अब तू मुझे शंकर के पास पहुचा दे। 

10 दिनो के बाद मुझे लेने आ जाना। मैंने कहा- ठीक है, चलो पहुचा देता हूँ। मैं चाची को शंकर के घर छोड़ कर आने लगा तो मैंने शंकर से कहा- चाची का ख्याल रखना। वो बोला- तू चिंता मत कर। मैंने चाची से मजाक करते हुये कहा- कम से कम 50 रन जरूर बनाना। उन्होंने मुसकुरते हुये कहा- मैं 51 रन बना दूंगी, तू चिंता मत कर। समय से मुझे लेने आ जाना। मैंने कहा- मैं आ जाऊँगा। 10 दिन के बाद मैं चाची को लेने शंकर के घर गया। चाची मुझे देखकर बहुत खुश हो गयी। मैंने मुसकुराते हुये पूछा, कितने रन बने। वो थोड़ा उदास हो कर बोली- तू मुझे घर ले चल, मैं तुझे बाद में बता दूंगी। 

मैं चाची को लेकर घर चला आया। घर पहुचने पर मैंने चाची से पूछा, अब बताओ कि कितनी बार चुदवाया। वो बोली- केवल 44 बार लेकिन मैं मा नहीं बन पाऊँगी। मैंने पूछा- वो क्यों। वो बोली- शंकर कल घर जा रहा है, अब वो यहाँ नहीं आयेगा। मैंने कहा- इतने दिन तुमने उस से चुदवाया है, अब तो उसका बच्चा भी तुम्हारे पेट में आ भी गया होगा। वो बोली- मुझे आज सुबह ही महीना आ गया। अगर उसका बच्चा मेरे पेट में आ गया होता तो मुझे महीना थोड़े ही आता। मैंने कहा- एक पंडित जी हैं, मैं तुम्हे उनके पास ले चलता हूँ। वो बोली- फिर देर काहे कि, अभी चल। मैं चाची को लेकर पंडित के पास आ गया। पंडित ने चाची कि कुंडली देखी और कहा- कुंडली के हिसाब से तुम्हारी जीन्दगी में 4 मरद आयेंगे। पहले के 3 मरद तुम्हें बच्चा नहीं दे पायेंगे। 

चौथे मरद से ही तुम्हें बच्चा होगा। तुम्हारी कुंडली से ये भी पता चलता है कि तुम अपने देवर के बच्चे कि मां बनोगि और तुम्हें जुड़वा लड़के पैदा होंगे लेकिन सावधान रहना। जब तक तुम्हारी जीन्दगी में 3 मरद नहीं आ जाते तब तक तुम अपने देवर से बच्चा पैदा करने की कोशिश मत करना नहीं तो तुम कभी भी माँ नहीं बन पाओगी। चाची ने मेरी तरफ़ इशारा करते हुये कहा- लेकिन पंडित जी, मेरा तो एक ही देवर है और वो ये है। मैंने ही इसे पालपोस कर बड़ा किया है फिर मैं कैसे इससे मा बनने के बारे में सोच सकती हूँ। 

 पंडित जी ने कहा- बेटी जरा सोचो। अगर तुम्हारी शादी 24 साल की उमर में हुयी होति तब ये 20 साल का होता, तब तो तुम इसके बच्चे कि माँ बनने को कोशिश करती या नहीं। चाची ने कहा- तब तो मैं जरूर कोशिश करती। पंडित जी ने कहा- बात तो आखिर वही हुयि, फरक केवल इतना ही है कि तुम्हारी शादी जल्दी हो गयी और उस समय ये छोटा था। अगर तुम मा बनना चाहती हो तो तुम्हें इसकी मदद ही लेनी पड़ेगी। तुम्हारी कुण्डली देखने से ये भी पता चलता है कि तुम दोनो में बहुत ही ज्यादा प्रेम होगा। अब तुम ही बताओ कि मैं सही कह रहा हूँ या गलत। चाची ने कहा- पंडित जी, आप एकदम सही कह रहे हैं। मैं अपने देवर को बहुत प्यार करती हूँ और वो भी मुझे बहुत प्यार करता है। चाची ने मेरी तरफ़ इशारा करते हुये कहा- पंडित जी, मैं इसकी कुण्डली भी लायी हूँ, देख लीजीये। पंडित जी ने बहुत देर तक मेरी कुण्डली देखी और बोले, बेटी, इसकी कुण्डली तो बहुत ही अच्छी है। 

इस से तो 4 जुड़वा बच्चे पैदा होंगे यानि कि कुल मिला कर 8 बच्चे। चाची हंसने लगी तो पंडित जी बोले- बेटी, हंसो मत, मेरी बात ध्यान से सुनो। एक जुड़वा बच्चा तो इसकी अपनी बीवी से होगा लेकिन एकदम आखिर में। बाकी के 3 जुड़वा बच्चे 3 सगी बहनो से पैदा होगे। एक जुड़वा बच्चा तो तुमसे पैदा होना है। बाकी बचे 2 जुड़वा बच्चे। क्या तुम्हारी कोई सगी बहन भी है। चाची ने कहा- मेरी 2 बहने और भी है।

 एक मुझसे 2 साल बड़ी और एक 2 साल छोति। पंडित जी ने कहा- बेटी मेरी बात का बुरा मत मानना। तुम्हारी दोनो बहनो को भी इस से 2 जुड़वां बच्चे पैदा होगे। अगर तुम अपनी दोनो बहनो कि कुण्डली ले आओ तो मैं एकदम साफ़ साफ़ बता दूंगा। चाची ने कहा- मैं अभी मंगा देती हूँ। चाची ने मुझसे कहा- आलमारी में रीना और टीना कि कुण्डली रखी है, जा कर ले आ। थोड़ी ही देर मैं घर से कुण्डली ले आया। पंडित जी ने दोनो कुण्डली देखी और बोले, अब मेरी समझ में सारी बात आ गयी। 

 चाची ने कहा- बताये पंडित जी। पंडित जी कहने लगे- तुम्हारी बड़ी बहन कि जिन्दगी में 2 मरद आयेंगे। पहला तो उसका पति होगा और दूसरा उसका देवर। उसको भी अपने देवर से ही बच्चा पैदा होगा वो भी जुड़वां। रीना की कुण्डली से ये भी पता चलता है कि उसका कोई सगा देवर नहीं होगा। क्या ये बात सही है। चाची ने कहा- एकदम सही है। पंडित जी ने कहा- फिर तुम्हारे देवर से ही रीना को भी जुड़वां बच्चा पैदा होगा। अब रही टीना कि बात। उसकी कुण्डली से भी ठीक यही बात सामने आती है। उसे भी अपने देवर से ही जुड़वां बच्चे पैदा होगे और उसके भी कोई सगा देवर नहीं होगा। 

क्या मैं सही कह रहा हूँ। चाची ने कहा- एकदम सही कह रहे हैं आप। पंडित जी ने कहा- फिर टीना को भी तुम्हारे देवर से ही जुड़वां बच्चा पैदा होगा। लेकिन एक बात मेरी समझ में नहीं आ रही है। चाची ने कहा- वो क्या पंडित जी? पंडित जी ने कहा- टीना कि जीन्दगी में कुल 21 मरद आयेगे। पहला मरद तो उसका पति होगा और आखिरी मरद तुम्हारा देवर। लेकिन उसकी जिन्दगी में बाकि के 19 मरद कहाँ से आयेगे ये मैं नहीं बता सकता। 

खैर छोड़ो जाने दो। भविष्य में क्या होने वाला है वो तो केवल ईश्वर ही जानता है। मैं चाची के साथ घर आ गया। चाची ने कहा- तेरे चाचा ठीक ही कह रहे थे कि मुझे तुझ से ही चुदवा लेना चाहिये था। मैं तो अब तुझसे ही चुदवा कर बच्चा पैदा करूंगी। मैंने कहा- वो तो ठीक है चाची लेकिन अभी तो तुम्हारी जिन्दगी में केवल 2 मरद ही आये हैं, पहले तीसरा तो आ जाने दो। वो बोली- देखा जायेगा लेकिन अब तो तू खुश हो जा। मैंने कहा- वो किस लिये। चाची ने कहा- तुझे मेरी और मेरी दोनो बहनो कि चुदयी करने का मौका जो मिलने वाला है। मैंने कहा- आने दो सालियों को, उन्हें भी चोद दूंगा। चाची हसने लगी और बोली- तू मेरी बहनो को गाली दे रहा है। मैंने कहा- मेरी ये जुर्रत कि मैं तुम्हारी बहनो को गाली दूंगा। चाची ने कहा- अभी तुमने कहा ना कि आने दो सालियों को उन्हें भी चोद दूंगा। मैंने कहा- मैंने कोई गलत बात थोड़े ही कही है, आखिर वो दोनो मेरी सालियाँ ही तो हैं। मेरी बात सुनकर चाची जोर जोर से हसने लगी। 5 दिन बाद चाची ने नहाया। उसके बाद वो एकदम नंगी ही बेड रूम में आयी और श्रृंगार करने लगी। उन्होंने बहुत प्यारी सी खुशबू भी लगायी। मैंने कहा- तुम्हारा इरादा तो आज खतरनाक लग रहा है। आज किस का कतल करने का इरादा है। वो बोली- तेरा। मैंने कहा- अभी तो 2 ही हुये हैं, तीसरा तो आ जाने दो। इतना सुनते ही वो मुझसे लिपट कर रोने लगी। मैंने पूछा, क्या हुआ, रो क्यों रही हो। वो बोली- मुझे तुझसे बच्चा चाहिये। मैंने कहा- वो तो ठीक है लेकिन पंडित जी कि बात याद है ना। 

 वो रोते हुये कहने लगी- मेरी जीन्दगी में तीसरा मरद पहले ही आ चुका है। जब तू मुझे शंकर के पास छोड़ कर घर चला आया तो दूसरे दिन उसका एक दोस्त महमूद आ गया था। मैं लाख मना करती रही लेकिन महमूद ने भी मुझे जबरदस्ती चोद दिया। मैं चिल्लती रही लेकिन उन दोनो ने मेरी एक ना सुनी। उसके बाद मैंने शंकर से कहा कि मैं घर जा रही हूँ। शंकर ने महमूद को घर भेज दिया। उसके बाद ही मैंने उस से इतने दिनो चुदवया। चाची की बात सुनकर मुझे गुस्सा आ गया। मैंने कहा- जब मैं तुम्हें लेने गया था तब ही बताना चाहिये था।

 मैं शंकर कि अच्छी तरह से खबर लेता। चाची ने कहा- मैं कोई बखेड़ा नहीं खड़ा करना चाहति थी। अब जो होना था वो तो हो ही चुका है। मुझे माफ़ कर दे। इतना कह कर वो मेरे कनधे पर सिर रख कर रोने लगी। मैंने उन्हें समझा बुझा कर चुप कराया। थोड़ी देर बाद वो नोरमल हो गयी। मैंने पूछा- मुझे अपनी चूत नहीं दिखाओगी? वो मुसकुरा कर बोली- सारा का सारा बदन तो तेरे सामने एकदम खुला पड़ा है। आज से मैं खुद को तेरे हवाले कर रही हूँ। अब तू मेरे बदन का जैसे भी चहे इस्तेमाल कर और मुझे मा बना दे। मैंने कहा- मैं एक बात कहना चाहता हूँ। वो बोली- अब क्या है। मैंने कहा- जब तुम्हारे पेट में बच्चा आ जयेगा तब तुम नहीं चुदवाओगि। मैं चहता हूँ कि पहले हम दोनो खूब जी भर के जवानी का मज़ा उठा ले। उसके बाद बच्चा पैदा करेंगे। वो बोली- ये तो बहुत ही अच्छा रहेगा। मैं आज से ही पिल्स लेना शुरु कर दूंगी। मैंने कहा- फिर मैं कहाँ से शुरु करूं। वो बोली- जहाँ से तेरा मन कहे। मैंने कहा- तुमने मेरे लण्ड पर तेल लगा कर बहुत मालिश की है और इसे चूमा भी है। लेकिन आज तक तुमने कभी मेरा लण्ड नहीं चूसा, चूसोगी इसे। वो बोली- क्यों नहीं चूसुन्गी। चाची ने तुरन्त ही मेरा लण्ड अपने मुँह में ले लिया और चूसने लगी। मैंने पूछा- मज़ा आ रहा है? वो बोली- बहुत ज्यादा क्यों कि आज तक मैंने किसी का लण्ड नहीं चूसा है और आज पहली बार लण्ड चूस रही हूँ वो भी अपने प्यारे देवर का। 

 मैंने कहा- मैं तुम्हारी चूत को चाटना चहता हूँ। वो बोली- तो फिर चाट जल्दी से। आज तक किसी ने मेरी चूत भी नहीं चाटी है। मैंने कहा- क्या कह रही हो। वो बोली- एकदम सही कह रही हूँ। आज तक तेरे चाचा कभी मेरी चूत ही नहीं चाटी। मैंने पूछा- और शंकर ने? वो बोली- उसने भी कभी मेरी चूत नहीं चाटी। वो तो लण्ड खड़ा होने के बाद सीधे जुट जाता था और झड़ने के फौरन बाद हट जाता था। उसे केवल मेरी चुदायी करने से मतलब था और वो ज्यादा से ज्यादा 15 मिनट ही चुदायी कर पाता था। मैं चाची के उपर 69 कि पोजीशन में हो गया।

 वो मेरा लण्ड चूसने लगी और मैं उनकी चूत चाटने लगा। मैंने पूछा, ठीक से चाट रहा हूँ ना? वो बोली- तू तो बहुत ही अच्छी तरह से चाट रहा है। और तेजी से चाट, बहुत मज़ा आ रहा है। मैंने चाची कि चूत को और ज्यादा तेजी से चाटना शुरु कर दिया। 2 मिनट में ही चाची कि चूत से ज्यूस निकल आया तो मैंने कहा- लगता है बहुत जोश में हो। वो बोली- आज अपने देवर का लण्ड जो अन्दर लेने वाली हूँ। मैंने कहा- तुम्हारी चूत का ज्यूस चाट लूं। वो बोली- जैसी तेरी मरजी। मैं चाची कि चूत का ज्यूस चाटने लगा तो वो सिसकारी लेने लगी। थोड़ी देर बाद मेरे लण्ड का ज्यूस भी उनके मुँह में निकलने लगा। 

उन्होंने सारा ज्यूस निगल लिया और बोली- जिन्दगी में आज मुझे पहली बार लण्ड के अमृत का स्वाद चखने को मिला है। मैंने पूछा- अच्छा लगा? वो बोली- बहुत ही अच्छा था। मैंने फिर से चाची कि चूत को चाटना शुरु कर दिया और वो मेरा लण्ड चूसने लगी। 5 मिनट के बाद ही चाची फिर से झड़ गयी तो मैंने उनकी चूत का सारा ज्यूस चाट लिया। वो बोली- आज तक मुझे ऐसा मज़ा कभी नहीं मिला, तू तो एकदम पक्का खिलाड़ी लग रहा है। मैंने कहा- तुमने ही तो बनाया है। तभी मुझे बदमाशी सूझी। मैंने अपनी एक अंगुली चाची की गाण्ड के छेद पर रख दी और कहा- मैं इसका मज़ा भी लेना चाहता हूँ। वो बोली- फिर तू यहीं से शुरु कर दे। मुझे भी आज तक इसका मज़ा नहीं मिला है। 

मैंने कहा- इसका मज़ा भी लूंगा लेकिन बाद में। वो बोली- अभी क्यों नहीं। मैंने कहा- पहले तुम्हारी चूत का मज़ा तो ले लूं। हम दोनो ऐसे ही बातें करते रहे। थोड़ी देर बाद मेरा लण्ड फिर से खड़ा हो गया तो चाची ने कहा- अब बरदाश्त नहीं हो रहा है, शुरु हो जा। मैंने कहा- मैं नहीं चोदूंगा। वो बोली- क्यों। मैंने कहा- तुम ही चोदो। वो बोली- मैं ही चोद देती हूँ लेकिन चिल्लाना मत। मैंने कहा- मैं कोई औरत थोड़े ही हूँ कि मुझे दर्द होगा और मैं चिल्लाऊँगा। वो बोली- मैं अपने देवर को चोदूंगी तो पूरि मस्ती से चोदूंगी। ऐसा धक्का लगाऊँगी कि तुझे तेरी नानी याद आ जायेगी। मैंने कहा- कसम से, तब तो बहुत मज़ा आयेगा। इतना कह कर मैं बेड पर लेत गया। चाची मेरे ऊपर आ गयी। 

मैं पूछा, किसी को चोदा है कभी? वो बोली- कभी नहीं लेकिन आज तुझे पहली बार चोदने जा रही हूँ। मैंने कहा- चोदने में बहुत मेहनत करनी पड़ती है। वो बोली- अभी पता चल जायेगा। चाची ने मेरा लण्ड अपनी चूत में डाल लिया और जोर जोर के धक्के लगने लगी। मुझे बहुत मज़ा आ रहा था क्यों कि आज पहली बार मेरे लण्ड ने चूत को टच किया था और कोई औरत मुझे चोद रही थी। थोड़ी देर बाद चाची ने कहा- कैसा चोद रही हूँ? मैंने कहा- बहुत ही अच्छी तरह से। वो बोली- तू जानता नहीं है कि मैं कितनी सेक्सी हूँ। मैंने कहा- तुम कब से सेक्सी बन गयी। वो बोली- जब से मैं तेरे लण्ड की मालिश कर रही हूँ। मैंने कहा- तो फिर पहले क्यों नहीं चुदवाया। वो बोली- शरम आती थी। वो जोर के धक्के लगाती रही और थोड़ी देर बाद ही झड़ गयी। उसके बाद वो मेरे ऊपर लेट गयी और मेरे होठों को चूमते हुये बोली- देखा मैं तेरी नानी याद करा दी। 

 मैंने कहा- मुझे तो कुछ भी नहीं हुआ। वो बोली- मैंने तेरे लण्ड को अपनी चूत के अन्दर डाल के और धक्का लगा लगा के अपनी चूत का पानी निकल दिया। मैंने कहा- मेरा पानी निकलो तब पता चलेगा। वो बोली- वो मेरा काम नहीं है। मुझे मज़ा लेना था मैंने ले लिया। तुझे मज़ा लेना है तो मेहनत तो तुझे ही करनी पड़ेगी। मैंने कहा- वो तो है। अब देखो मैं तुम्हें कैसे तुम्हारी नानी याद दिलाता हूँ। मैं चाची के ऊपर आ गया। मैंने उनके पैरो को मोड़ कर उनके कन्धे के पास सटा दिया और दबा कर जोर से पकड़ लिया। वो एकदम दोहरी हो गयी और उनकी चूत एकदम उपर उठ गयी। 

उसके बाद मैंने उनकी चुदायी शुरु कर दी। मैंने बहुत जोर जोर के धक्के लगने शुरु किये तो चाची बोली- मेरी सारी हड्डियाँ तोड़ दलेगा क्या। मैंने कहा- अभी तो ये शुरुआत है। आगे आगे देखो मैं क्या करता हूँ। मैंने पूरे ताकत से साथ बहुत जोर जोर के धक्के लगते हुये चाची को चोदना शुरु किया तो वो बोली- उयीईई… मां… तू तो बहुत ही बुरी तरह से चोद रहा है। मैंने कहा- अभी तो तुमने मा को ही याद किया है, थोड़ी ही देर में नानी को भी याद करोगी। वो हंसने लगी। मैंने पूछा, मज़ा आ रहा है? वो बोली- बहुत मज़ा आ रहा है। 

तेरे दोस्त का लण्ड भले ही तुझसे ज्यादा लम्बा और मोटा था लेकिन उसने कभी भी उसने मुझे इतनी अच्छी तरह से नहीं चोदा। मैंने कहा- मुझसे चुदवाने के बाद तुम उसे भूल जओगी। वो बोली- मैं तो इतनी देर की चुदायी में ही उसे भूल गयी। मैं चाची को पहली पहली बार में ही इतनी अच्छी तरह से चोद देना चाहता था कि वो उन दोनो को एकदम भूल जाये। तभी चाची के मुँह से जोर जोर कि सिसकरी निकलने लगी, रज्जज्ज… मैं… तो… गयीईईह्ह्ह्ह…… इसके साथ ही चाची कि चूत से ज्यूस निकलने लगा। उनकी चूत से इस बार बहुत ढेर सारा ज्यूस निकला। मैं रुका नहीं, मैंने अपनी स्पीड और तेज कर दी। चाची का सारा बदन पसीने से लथपथ हो गया। 

मेरा सारा बदन भी पसीने से नहा गया। मेरे चेहरे का पसीना चाची के चेहरे पर टपा टप गिरने लगा। मैं जोर जोर के धक्के लगता हुअ चाची को चोदता रहा। 5 मिन्ट भी नहीं बीते थे कि वो फिर से झड़ गयी और बोली- उस दिन तू कह रहा था ना कि अगर मैं होता तो एक ही बार में पूरा अन्दर घुसा देता। मैंने कहा- हाँ, कहा तो था। चाची ने कहा- आज मैं समझ गयी कि तू एकदम सही कह रहा था। मुझे चाची कि चुदायी करते हुये लगभग 10 मिनट और बीते थे कि वो फिर से झड़ गयी। जब उनकी चूत का सारा ज्यूस निकल गया तो मैंने कहा- मैं उस दिन एकदम सही कह रहा था, कहो तो कर के दिखा दूं। चाची ने कहा- वो कैसे, तेरा तो पूरा अन्दर घुस ही चुका है। मैंने कहा- कभी गाण्ड मरवायी है। वो बोली- कभी नहीं। मैंने कहा- गाण्ड मरवाने के लिये तैयार हो। 

 वो बोली- एकदम तैयार हूँ। मैंने कहा- कहो तो एक ही बार में पूरा का पूरा लण्ड तुम्हारी गाण्ड में घुसा कर दिखा दूं। वो बोली- दिखा दे। मैंने कहा- बहुत चिल्लाओगी। वो बोली- चिल्लाने दे ना। मैंने कहा- बहुत दर्द होगा। वो बोली- होने दे ना। मैंने अपना लण्ड उनकी चूत से बाहर निकाला। मेरा लण्ड चाची कि चूत के ज्यूस एकदम भीगा हुअ था। मैंने चाची कि चूत पर से थोड़ा सा ज्यूस उनकी गाण्ड के छेद पर लगा दिया। उसके बाद मैंने अपने लण्ड का सुपाड़ा उनकी गाण्ड के छेद पर रख दिया और कहा- तैयार हो जाओ। वो बोली- मैं तैयार हूँ। मैंने एक धक्का मारा तो वो जोर से चीखी।

 मेरे लण्ड का सुपाड़ा उनकी गाण्ड में घुस गया था। मैंने दूसरा धक्का मारा तो मेरा लण्ड उनकी गाण्ड को चीरता हुआ 3′ तक अन्दर घुस गया। वो जोर जोर से चिल्लाने लगी। मैंने तीसरा धक्का मारा तो उनकी गाण्ड से खून निकल आया और मेरा लण्ड उनकी गाण्ड में 5′ अन्दर घुस गया। मैं रुका नहीं। 

मैंने बहुत जोरदर 2 धक्के और लगा दिये तो पूरा का पूरा लण्ड उनकी गाण्ड में समा गया। वो जोर जोर से चिल्ला रही थी और उनकी आंखो से आंसू निकल आये। दर्द के मारे उनका बुरा हाल हो रहा था। मैंने उनकी गाण्ड मारनी शुरु कर दी। थोड़ी देर तक वो चिल्लाती रही फिर धीरे धीरे शान्त हो गयी। 5 मिनट में ही चाची को मज़ा भी आने लगा। मैंने पूछा, अब क्या ख्याल है। वो बोली- तू तो बहुत ही खराब आदमी है। मैंने कहा- क्यों, मज़ा नहीं आया? वो बोली- मज़ा तो आया लेकिन दर्द भी तो हुआ।

 मैंने कहा- वो तो होना ही था लेकिन जितना होना चाहीये था उतना तो नहीं हुआ होगा। वो बोली- और जोर जोर से धक्के लगा। मैंने कहा- वो तो लगाऊँगा ही। मैंने और ज्यादा जोर जोर के धक्के लगने शुरु कर दिये। थोड़ी ही देर में चाची एकदम मस्त हो गयी। 10 मिनट तक उनकी गाण्ड मारने के बाद मैंने अपना लण्ड उनकी गाण्ड से निकल कर उनकी चूत में डाल दिया और उनकी चुदायी शुरु कर दी। 5 मिनट में ही चाची फिर से झड़ गयी और बोली- कितनी बार मेरी चूत का पानी निकलेगा। मैंने कहा- तुम देखती जाओ। मैंने उनकी चूत से अपना लण्ड निकल कर उनकी गाण्ड में डाल दिया। 5 मिनट गानद मरने के बाद मैंने फिर से उनकी चुदायी शुरु कर दी। 10 मिनट कि चुदायी में ही वो फिर से झड़ गयी तो मैंने उनकी गाण्ड मारनी शुरु कर दी। चाची बोली- लगता है कि तू आज मेरी चूत का भुरता बना देगा। 

मैंने कहा- इसी को तो असली चुदायी कहते हैं। वो बोली- वो तो मैं आज समझ ही गयी क्यों कि तेरा दोस्त ने तो मुझे ज्यादा से ज्यादा 15 मिनट तक ही चोदा था। मैंने कहा- देखती जाओ, अभी तो मैं बहुत देर तक चोदने वाला हूँ। 5 मिनट तक उनकी गाण्ड मारने के बाद मैंने फिर से उनकी चुदायी शुरु कर दी। 10 मिनट में ही चाची फिर से झद गयी और बोली- अब रहने दे, मैं एकदम थक गयी हूँ। मैंने पूछा, नानी याद आयी या नहीं। वो बोली- नानी की बात कर रहा है तू, मुझे तो नानी कि मम्मी भी याद आ गयी, अब रहने दे। मैंने कहा- अभी मेरे लण्ड का पानी कहाँ निकला है। वो बोली- फिर जल्दी से निकाल। मैंने कहा- वो मेरे बस में नहीं है। वो बोली- फिर किस के बस में है। मैंने कहा- तुम्हारे।

 वो बोली- मैं क्या कर सकती हूँ। मैंने कहा- तुम भी नीचे से धक्का लगओ। वो बोली- तूने तो मेरा पैर जोर से पकड़ रखा है। मेरा पैर छोड़ेगा तब ही तो धक्के लगाऊँगी। मैंने चाची के पैर छोड़ दिये तो उन्होंने भी अपना चूतड़ उठा उठा कर चुदवाना शुरु कर दिया। मैंने और ज्यादा जोर जोर के धक्के लगने शुरु कर दिये। 10 मिनट की चुदायी के बाद मैं झड़ गया। वो भी मेरे साथ ही साथ फिर से झड़ गयी। मैंने अपना लण्ड उनकी चूत से बहर निकला और हट गया। वो बोली- तेरा लण्ड तो बहुत ही खतरनाक है। मैंने कहा- तुमने ही तो इसे तेल लगा लगा कर इतना खतरनाक बनया हैं। मैं तुम्हारी दोनो बहनो को भी ऐसे ही चोदुंगा।

 वो बोली- जरूर चोदना लेकिन मुझे आज चुदवाने में जो मज़ा आया है ऐसा मज़ा कभी नहीं आया था। मैं तो आज दोबारा चुदवाने के लायक ही नहीं रही। मैंने कहा- मैं तो आज कम से कम 2 बार और चोदुंगा। वो बोली- अच्छा बाबा, चोद लेना। लेकिन तू ये तो बता कि तुझे झड़ने में इतनी देर क्यों लगती है। मैंने कहा- किसी से कहोगी तो नहीं। वो बोली- बिल्कुल नहीं। मैंने कहा- तुम मेरे लण्ड पर तेल लगा कर कितनी देर मालिश करती थी। वो बोली- 15-20 मिनट। मैंने कहा- जब मैं तुम्हें चोद रहा था तो 15-20 मिन तक तो मुझे यही लग रहा था कि मेरे लण्ड कि मालिश हो रही है। उसके बाद मुझे धीरे धीरे जोश आना शुरु हुआ। लगभग 15 मिन के बाद मैं पूरे जोश में आ गया। 

जोश में आने के बाद मैंने 20-25 मिनट तक ही तो तुम्हारी चुदायी की। वो बोली- अब मैं समझी कि तू इतनी देर तक कैसे चोद पाता है। मैंने उस दिन चाची को 2 बार और चोदा। अगले 3 महीने तक मैं चाची की चुदायी करता रहा और उनकी गाण्ड भी मारता रहा। एक दिन चाची बोली- बच्चा नहीं पैदा करना है। मैंने कहा- करना क्यों नहीं है। वो बोली- अगर तुझे पूरा मज़ा मिल गया हो तो मैं पिल्स लेना बन्द कर दून। मैंने कहा- ठीक है, बन्द कर दो। चाची ने पिल्स लेनी बन्द कर दी। लगभग 40 दिन गुजर गये लेकिन उनको महीना नहीं आया। दोस्तों के पास जाने पर पता चला कि वो मां बनने वाली है। चाची बहुत खुश हो गयी। 

 उन्होंने घर आ कर ये बात चाचा को बतायी तो चाचा बहुत ही खुश हो गये और बोले, मैं कहता था ना कि पंकज से काम चला लो, बाहर जाने की कोई जरूरत नहीं है। चाची ने कहा- सोरी, मुझे माफ़ कर दो। मैंने बहुत बड़ी गलती कर दी। चाचा ने कहा- जब बच्चा पैदा हो जायेगा तब ही मैं तुम्हें माफ़ करुंगा चाची ने घर का काम करने के लिये एक नौकरानी रख ली। उसका नाम मधु था और उसकी उमर लगभग 35 साल की थी। मैंने चाची से कहा- तुमने ये क्या किया। जवान नौकरानी रखती तो मेरा काम भी हो जाता। चाची बोली- अब कुछ दिन आराम कर लो वरना सेहत खराब हो जायेगी। समय पूरा हो जाने के बाद चाची को जुड़वां बच्चे पैदा हुये। उन दोनो कि शकल मेरे जैसी ही थी।

 चाचा बहुत खुश हो गये। चाची ने चाचा के पैर पकड़ लिये और कहा- अब तो मुझे माफ़ कर दो। चाचा ने चाची के माथे को चूम लिया और कहा- मैंने आज तुम्हारी सारी गलती माफ़ कर दी। अब तो खुश हो जाओ। चाची ने कहा- अब तो मैं बहुत खुश हूँ। चाचा ने कहा- एक बात और है। चाची ने कहा- कहिये। चाचा ने कहा- जब घर में ही अच्छा खाना मिल रहा हो तो होटल जाने की क्या जरूरत है। समझ रही हो ना मेरी बात। 

 चाची ने मेरी तरफ़ देखा और मुसकुराने लगी। मैं शरमा गया। चाचा जब कमरे से बाहर जाने लगे तो बड़े प्यार से मेरे गाल पर हलकी सी चपत लगा गये। आज जिन्दगी में पहली बार चाचा मेरे साथ प्यार से पेश आये थे। 1 महीने के बाद बच्चे की खुशी में घर पर दावत थी। चाची की दोनो बहने रीना और टीना भी आयी थी। उस दिन तो मेहमानो कि धूम रही। दूसरे दिन रीना और तीना को छोड़ कर सारे मेहमान चले गये। दोपहर में हम सब आपस में हंसी मजाक कर रहे थे। तभी चाचा बोले, मैं मारकेट जा रहा हूँ, कुछ काम है। शाम तक आ जाऊँगा। चाचा मारकेट चले गये। उनके जाने के बाद मैं चाची के बगल में बैठ गया। 

रीना और टीना मुझसे हंसी मजाक करने लगी। तभी चाची उन दोनो को पंडित जी कि कही हुयी बात बताने लगी। मैं तुरन्त उठ कर खड़ा हो गया और चाची से कहा- तुम लोग बातें करो मैं बाहर जा रहा हूँ। चाची ने शरारत भरे अन्दाज़ मैं कहा- मेरे प्यारे प्यारे बच्चो के पापा जी, चुपचाप बैठ जाओ, वरना…… मैंने कहा- वरना क्या। वो बोली- वरना बहुत मारूंगी। मैंने कहा- एक तरफ़ तो अपने बच्चो का पापा कहती हो और दूसरी तरफ़ मारने की धमकी भी देती हो। ये बहुत गलत बात है। चाची ने कहा- मेरी दोनो बात सही है। तू मेरे बच्चो का पापा भी है और मेरा देवर भी।

 मैं तुझे चाची के हक से मारूंगी भी। चुपचाप बैठ जा। मैं चाची के पास बैठ गया। चाची ने पंडित जी कि सारी बात रीना और टीना को बता दी। उन्होंने शंकर और महमूद के बारे में भी उन दोनो को बता दिया। चाची बोली- लेकिन पंडित जी कि ये बात मेरी समझ में नहीं आयी कि टीना की जिन्दगी में 19 मरद और कहाँ से आयेंगे। मुझे तो पंडित जी कि ये बात सही नहीं लगती। तभी टीना चाची से लिपट कर रोने लगी। चाची ने पूछा, तुझे क्या हुआ। वो रोते हुये कहने लगी कि पंडित जी कि बात एकदम सही है। 6 महीने पहले कि बात है। एक दिन मैं शहर से जा रही थी। रास्ते में अचानक मेरी तबियत खराब हो गयी। 

अन्धेरा होने लगा तो मैं एकदम परेशान हो गयी। तभी मुझे एक बस आती दिखायी दी। मैंने बस वाले को रुकने का इशारा किया तो बस रुक गयी। मैं बस में चढ गयी। उस बस में फ़ुटबॉल के 16 खिलाड़ी थे। उन खिलाड़ियों के साथ उनका कोच भी था। बुस में एक क्लीनर भी था। वो कुल मिलकर 19 लोग थे। लगभग 30 मिनट के बाद एकदम अन्धेरा हो गया तो उन्होंने एक सुनसान जगह पर बस रोक दी। उसके बाद उन सब ने मेरे साथ एक एक कर के…… इतना कह कर टीना जोर जोर से रोने लगी। रीना और चाची ने तीना को समझा बुझा कर चुप कराया। 

 उसके बाद हम इधर उधर कि बातें करने लगे। एक घन्टे में टीना एकदम नोरमल हो गयी। वो फिर से हंसी मजाक करने लगी। टीना और रीना मुझसे पहले से ही एकदम खुल कर बात करती थी और मुझसे छेड़छाड़ करती रहती थी। थोड़ी देर बाद टीना मेरी तरफ़ इशारा करते हुये बोली- मेरी जिन्दगी में 20 मरद तो आ गये, आज इसका नम्बर है। मेरी शादी को भी इतने साल गुजर गये लेकिन मैं मां नहीं बन पायी। दीदी, तुम इस से कह दो कि ये मुझे भी मां बना दे। चाची ने कहा- तू तो कल घर चली जायेगी। 

एक दिन में ही ये तुझे कैसे मा बनायेगा। टीना बोली- फिर मैं एक महीने तक यहीं रुक जाती हूँ। क्यों कि जब मैं यहाँ आयी थी उसके 3 दिन पहले ही मैंने नहाया था और तब से मैं उनके साथ सोयी नहीं। मैंने मजाक करते हुये कहा- तुम तो बहुत ही गन्दी औरत हो। इतने दिन हो गये और तुमने नहाया ही नहीं। टीना ने मेरे गाल जोर से काट लिये और बोली- बुद्धू, मैं रोज रोज नहाने वाली बात थोड़े ही कर रही हूँ। चाची और रीना हसने लगे। चाची ने रीना से पूछा, मां बनने के बारे में तेरा क्या ख्याल है।

 रीना बोली- तेरे पति कि तरह से ही मेरे पति का लण्ड भी एकदम छोटा है और वो भी 2 मिनट में ही झड़ जाते हैं। तूने अभी बताया था कि इसका लण्ड बहुत ही लम्बा और मोटा है। अगर मैंने इस से कराया तो मेरे पति को पता चल जायेगा, फिर मैं उन्हें क्या जवाब दूंगी। मुझे तू ऐसे ही रहने दे। चाची ने कहा- पंडित जी बात गलत नहीं हो सकती। आज ना सही देर सबेर तू भी इसके बच्चे कि ही मा बनेगी। रीना बोली- देखा जायेगा। टीना बोली- दीदी, तुमने बताया था कि ये बहुत ही अच्छी तरह से चोदता है। 


मैं तो पूरे जोश में आ गयी हूँ और मेरी चूत भी गीली हो चुकी है। इसके पहले कि जीजू बाजार से वापस आ जायेन मैं इसे दूसरे कमरे में ले जाती हूँ और कम से कम एक बार तो मज़ा ले ही लेती हूँ। मैंने मजाक किया, क्यों, अपनी दीदी के सामने शरम आती है। वो बोली- भला मुझे क्यों शरम आने लगी। अगर तेरे में हिम्मत है तो मुझे चोद कर दिखा दीदी के सामने। चाची ने कहा- टीना, इसे चैलेन्ज मत कर, ये बहुत ही खराब आदमी है। ये तुझे हमारे सामने भी चोद सकता है। टीना बोली- मैं इसे बरसों से जानती हूँ।

 इसमें इतनी हिम्मत नहीं है। दीदी, तुम्हें याद है ना जब तुम्हारे कहने पर मैंने एक बार इसके लण्ड पर तेल लगाया था ये कितना शरमा रहा था। ये मुझे तुम सब के सामने नहीं चोद सकता। मैंने चाची से कहा- इसे समझा दो, नहीं तो मैं इसे यहीन पर चोद दूनगा। तीना ने मुझे चिधते हुये कहा- रहने दे, रहने दे। मैंने चाची से कहा- समझाओ इसे, नहीं तो गड़बड़ हो जायेगी। टीना बोली- क्या गड़बड़ करेगा तू। मैंने कहा- मैं अभी बताता हूँ.

मैं पहले से ही जोश में आ चुका था और मेरा लण्ड भी खड़ा हो चुका था। मैंने अपनी लुन्गी उतार कर फेक दी और चाची और रीना के सामने ही टीना को पटक दिया। उसके बाद मैंने रीना का पेटीकोट उठा कर एक ही धक्के में अपना पूरा का पूरा लण्ड उसकी चूत में घुसेड़ दिया। रीना शरमा गयी और उसने अपना मुँह दूसरी तरफ़ कर लिया लेकिन चाची मुझे देखती रही। उन्होंने मुझे इशारा कर दिया कि मैं अपना काम जारी रखूं।

मैंने टीना की चुदायी शुरु कर दी। 2 मिनट में ही टीना पूरी मस्ती में आ गयी। उसने मुझसे चूतड़ उठा उठा कर चुदवाना शुरु कर दिया। मैंने भी उसे पूरे जोश और ताकत के साथ खूब जोर जोर के धक्के लगाते हुये चोदना शुरु कर दिया।

20-25 मिनट कि चुदायी के बाद टीना बोली- ओह पंकज, तुमने तो मुझे इतनी देर में ही एकदम पागल कर दिया है। मैं 2 बार झड़ भी चुकी हूँ, अब रहने भी दो। मैंने कहा- टीना रानी, ये तो शुरुआत है, अभी तो बहुत देर लगेगी।

चाची बोली- मैं कह रही थी ना कि इसे चैलेन्ज मत कर लेकिन तू नहीं मानी, अब भुगतो।


सफेद नाइटी वाली टीचर पार्ट 2 | teacher student sex story

सफेद नाइटी वाली टीचर पार्ट 2

विवेक की आंखें खुलीं तो कमरा अंधेरे में डूबा था।

कल रात अनुजा मैडम और रचना मैम के साथ जो कुछ हुआ, उसकी गर्मी अब भी बदन में तैर रही थी।

वो चादर में अकेला था, लेकिन गंध अब भी वही थी —

नाइटी की, पसीने की, और गीले बदन की।


मोबाइल की नोटिफिकेशन जल उठी —

"Club meeting tonight – final deal. Be ready."

नीचे सिर्फ एक नाम था: "Rohit Sir."



कॉलेज लाइब्रेरी का हेड,

शांत, गम्भीर, और आँखों में एक गहराई —

जिसे विवेक ने कभी पढ़ा नहीं था।


शाम को कॉल आया:

“अगर बाहर निकलना है, तो क्लब के नियम पूरे करने होंगे। आज रात मेरी बारी है।”


विवेक ने कांपते हुए पूछा,

“मतलब… मेरे साथ?”


“हाँ, लड़के… तेरे जिस्म में बहुत कुछ है, जो अब तक सिर्फ औरतों ने चखा है। अब मेरी बारी है।”



जब विवेक कमरे में पहुंचा, तो पहले से अनुजा और रचना वाइन पी रही थीं — दोनों अब ब्लैक नाइटी में थीं।

कमरा मोमबत्तियों की रोशनी में था।

एक कोने में रोहित सर बैठकर किताब पढ़ रहे थे — लेकिन उनकी आँखें विवेक पर जमी थीं।


अनुजा बोली:

“आज तू आज़ाद हो सकता है… लेकिन उसके लिए तुझे खुद को सौंपना होगा — पूरी तरह।”


रचना मुस्कराई:

“और हम सब देखेंगे… तुझे झुकते हुए।”


विवेक ने जैसे ही कपड़े उतारे, रोहित सर खड़े हो गए।

वो धीरे-धीरे पास आए, और बोले:

“तू डर रहा है… लेकिन तेरा बदन कुछ और कह रहा है।”


वो पीछे से विवेक के कंधे पर हाथ रखकर उसकी पीठ चूमने लगे।

धीरे-धीरे उनकी ज़ुबान उसकी रीढ़ के नीचे सरकने लगी।


वहीं अनुजा और रचना अब सोफे पर बैठी masturbation कर रही थीं —

एक-दूसरे के ब्रेस्ट सहलाती, किस करती, और विवेक को देखती।


रोहित सर ने विवेक को पलट कर दीवार से टिका दिया।

“अब तुझे पता चलेगा, तेरा पिछला दरवाज़ा कितना कीमती है।”


वो lubricant लगाकर धीरे-धीरे विवेक की गांड के अंदर घुसने लगे।

विवेक की आँखें भीग उठीं — दर्द और कामुकता के बीच।


“आराम से…”

रोहित सर ने धीरे कहा और अपनी लिंग की गति तेज़ कर दी।


अब वो बार-बार थ्रस्ट कर रहे थे,

और विवेक की सांसें तेज़ होती जा रही थीं।


अनुजा और रचना अब भी खुद को चाट रही थीं,

वो एक-दूसरे की योनि पर जीभ फेरतीं, निप्पल चूसतीं और विवेक को उकसातीं।


“देख, तू अकेला नहीं है…

सबका स्वाद एक जैसा होता है — बस नजर अलग होती है।”

अनुजा फुसफुसाईं।


अब सीन कुछ ऐसा था:


रोहित सर पीछे से विवेक को ले रहे थे


विवेक के सामने अनुजा बैठी थी, ब्रेस्ट मुँह में


रचना उसकी जांघों पर बैठी, अपनी योनि उसके पैरों पर रगड़ रही थी



चार जिस्म, एक गर्म शा


अचानक एक मौका मिला —

जब रोहित सर बाथरूम गए और अनुजा और रचना orgasm के बाद बेसुध थीं।


विवेक ने लैपटॉप खोला,

जहाँ सारे सेक्स वीडियो सेव थे।


उसने तुरंत पेन ड्राइव लगाकर कॉपी करना शुरू किया।

ये उसके पास एकमात्र सबूत था क्लब से बाहर निकलने का।


लेकिन…


“क्या कर रहा है तू?”

पीछे से आवाज़ आई — रोहित सर लौट चुके थे।


“अगर तू भागेगा,

तो हम तुझे बर्बाद कर देंगे — तेरे परिवार, कॉलेज, सबके सामने।”


विवेक कांपते हुए बोला,

“मुझे आज़ादी चाहिए… कुछ भी करो, बस खत्म करो ये सब।”


रोहित सर मुस्कराए।

“तो ठीक है… आज रात का आखिरी हिस्सा तेरा टेस्ट होगा — अगर तू हमें संतुष्ट कर सका, तो जा सकता है।”



विवेक को फिर बेड पर लिटाया गया।


अनुजा मैम उसके मुँह पर बैठीं, और ज़ोर से अपनी योनि रगड़ने लगीं


रचना उसके लिंग को मुँह में लेकर गहराई तक चूस रही थी


और रोहित सर पीछे से फिर घुस गए, और इस बार पूरी ताकत से



तीनों ने मिलकर विवेक को चोदना शुरू किया — अलग-अलग ओर से, अलग-अलग ताल से।


शब्द, ध्वनि, पसीना और रस —

सब घुल गया था उस कमरे में।



विवेक की आँखों से आँसू थे,

लेकिन शरीर orgasm में कांप रहा था।


तीनों उसके ऊपर थककर गिर पड़े।


कुछ देर बाद,

रोहित सर बोले:


“तू पास हो गया… ये क्लब अब तुझे जाने देगा।”


वो मुस्कराए, और एक USB ड्राइव विवेक को दी —

“तेरे पास जो कॉपी है, वो फर्जी है। असली सबूत हमारे पास ही रहेगा।”



विवेक बाहर आ गया…

लेकिन अब वो चैन से नहीं सो पाता।


क्लब से तो निकला,

पर अब हर रात उसे वही स्पर्श, वही रस, वही अधूरी ज़रूरतें बुलाती हैं।


क्या वो वापस जाएगा?


या कोई नया शिकार बनाएगा?


सफेद नाइटी वाली टीचर | teacher student sex story

 सफेद नाइटी वाली टीचर

कॉलेज, अफवाहें और अनुजा मैम

कॉलेज के छात्र अनुजा मैडम को लेकर कुछ ज्यादा ही उत्साहित रहते थे।

29 साल की उम्र, गोरा रंग, हल्का सा काजल, और ऐसी चाल कि लड़कों के दिल की धड़कनें रुक जाएँ।

भाभी का वो पीली साड़ी वाला राज़


जून की चिलचिलाती दोपहर थी। पंखे बंद, AC बंद — और बिजली भी नदारद। पसीना पूरे शरीर से ऐसे बह रहा था जैसे किसी ने बर्फ़ पर रखा बदन आग में रख दिया हो।
मैं, राहुल, 25 साल का जवान लड़का, अपने भाई के घर पिछले कुछ महीनों से रह रहा था। नौकरी ढूँढ रहा था, लेकिन घर में एक और चीज़ थी जो मन को ज्यादा उलझा रही थी — मेरी भाभी… नीता भाभी।
भाई ऑफिस में थे और घर में सिर्फ़ मैं और भाभी। गर्मी में नहा कर मैं बस तौलिया लपेटकर अपने कमरे में लेटा हुआ था, जब मेरी नज़र दरवाज़े पर पड़ी — और मेरा दिल ज़ोर से धड़कने लगा।

अदिती अपने भाई से चुदी | bhai bahan sex stories

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 दोस्तो, मेरा नाम अदिती है, मेरी उम्र 23 साल है, रंग गोरा है। मैं आज आपको अपनी लाइफ की रियल सेक्स स्टोरी कुंवारी लड़की की ठुकाई की बताने जा रही हूँ। मेरा एक छोटा भाई है आहिल, जिसकी उम्र 19 साल से कुछ माह ज्यादा है। जिस समय की ये घटना है, उस समय मैं बीए के दूसरे साल में थी और मेरा भाई बारहवीं में था। हम दोनों घर पर एक ही कमरे में रह कर साथ साथ पढ़ते थे। कमरे में बेड बड़ा था, इसलिए उसी पर एक साथ सो जाते थे। 

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 मैं शिवमआप के सामने आज अपनी और चाची के बीच चले दो महीने के रोमांस के बाद की एक ऐसी घटना का वर्णन कर रहा हूँ जो हर किसी इच्छा है। हुआ यों कि मकान के काम चलने के बहाने से मेरी और चाची की ठुकाई की आदत बन गई और हम लोग किसी ना किसी बहाने से ठुकाई करने लगे। लेकिन चाची ने एक दिन मेरे मन की बात कर दी वो थी- सुहागरात! चाची बोली- हम दोनों ने ‘सुहागदिन’ बीसियों बार मनाया है लेकिन कभी एक बार सुहागरात का भी सुख भोग लें! यह सुनते ही मानो मेरी तो लॉटरी ही निकल पड़ी।, और हमारी किस्मत में वो दिन आ ही गया जिसका दो आत्माओं को बड़ी बेसब्री से इंतज़ार था।

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हेलो फ्रेंड्स! इस वेबसाइट पर पहली बार में कहानी लिख रही हूँ। मैं रोज़ ही इस साइट पर आती हूँ और कहानियों का मजा लेती हूँ। अपनी कहानी को लिख कर मैं आप लोगों को मस्ती से भर देना चाहती हूँ। अगर कहानी लिखने में मुझसे कोई गलती हो जाये तो उसे नजरअंदाज कर दीजियेगा।

साली को आधी घरवाली बनाया

साली को आधी घरवाली बनाया

आज मैं SEX STORY  की इस नयी साईट पर मेरी और मेरी साली की कहानी बताने जा रहा हूँ। मेरी शादी 2005 एक साधारण से परिवार में हुई थी, उस समय मेरी उम्र 25 साल थी, मेरी ससुराल में मेरी पत्नी, एक छोटी साली जिसकी उम्र 19 साल की थी और मेरे ससुर रहते थे। मेरी सास का देहांत लगभग 10 साल पहले ही हो गया था।

दूर की मामी की गांड की चुदाई

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मेरा नाम सितेश है। मैं अभी रायपुर में रहता हूँ, रंग गोरा, 5’6′, 25 साल, ग्रेजुएट।यह मेरा पहला संदेश है आप लोगो के लिए। इसका मतलब यह नहीं कि यह मेरा पहला सेक्स अनुभव है। इससे पहले मैंने बहुत सेक्स किया है लड़कियों और आंटियों से।

पडोसी आंटी की मस्त फुददी(चूत) की गर्म चुदाई

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नमस्कार दोस्तो, मेरा नाम राज है और मैं इंदौर के पास के एक गांव से हूं। मुझे भाभियों और आंटियों में बहुत ही ज्यादा दिलचस्पी रहती है। मैं आंटी की फुददी(चूत) या किसी आंटी की फुददी(चूत) चोदने का कोई मौका अपने हाथ से नहीं जाने देता हूं।

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नमस्ते दोस्तो, मैं नवीन यूपी के नोएडा का रहने वाला हूँ। हमारा छोटा सा परिवार है जिसमे मैं मेरे माता पिता एक छोटा भाई और बहन जिसका नाम रोशनी हैं। करीब साल भर पहले रोशनी की शादी पास ही के गाँव में हुई है।

बुआ को घोड़ी बनकर चोदा

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हेलो फ्रेंड्स, मेरी उम्र 22 साल है, मेरा नाम आकाश है। मैं कोरबा का रहने वाला हूं।

बुआ की ठुकाई की यह कहानी तब की है ज़ब मैं 12 में पढ़ता था, यही कोई 18 साल का। मेरी दादा जी के लड़के की नई शादी हुई तो मम्मी ने उन्हें कुछ दिनों के लिए घर पर बुला लिया। हम बहुत खुश हुए क्योंकि नई बुआ जो आई है। वो बहुत सेक्सी थी 28-24-30

टैक्सी ड्राईवर की बीवी की चुदाई

 टैक्सी ड्राईवर की  बीवी की चुदाई

मैं दिल्ली  में अकेला था और किसी लड़की से दोस्ती करके चुदाई चाहता था। एक ऐप से मेरी दोस्ती एक लड़की से हुई। वो टैक्सी  डाइवर की बीवी थी। मैंने उसकी बूरचुदाई कैसे की?

Sex Stories फ्री सेक्स कहानी के सभी पाठकों को मेरा नमस्कार।मेरा नाम आयुष  है, उम्र 23 साल, मैं जिला होशियारपुर पंजाब का रहने वाला हूं। SEX STORY  पर यह मेरी पहली सेक्स कहानी है।

फुफेरी बहन अरुणा की चुदाई

  फुफेरी बहन अरुणा की चुदाई

नमस्ते दोस्तों, मैं छतीशगढ़ के बलरामपुर से देवेश  हूँ। मैं अभी बी ए फर्स्ट इयर का छात्र हूँ। जब से जवानी की झलक मेरे जीवन में आई, उसी समय से मुझे सेक्स को लेकर बड़ा मजा आता रहा है।

इसी के चलते मैंने पोर्न की तरफ देखना शुरू किया तो मुझे SEX STORIES पर प्रकाशित होने वाली ठुकाई की कहानी पढ़ना बहुत अच्छा लगने लगा। अब तक इस पर बहुत सी कहानी पढ़ कर मैं अपना लंड हिला कर मजा ले चुका हूं। मुझे मोबाइल पर इसकी कहानियों को किसी भी वक्त पढ़ लेना बड़ा ही मस्त लगने लगा।

गाँव की देसी आंटी की देसी चुदाई की कहानी

 गाँव की देसी आंटी  की देसी चुदाई की कहानी

इन सर्दियों में मैं अपने गाँव गया तो मैंने हमारे खेतों में काम कर रही गाँव की देसी आंटी  की चुदाई कैसे की? मेरी देसी सेक्स की देसी कहानी पढ़ कर मजा लें।

दोस्तो, मैं प्रभाकरबिहार से आपके सामने एक देसी आंटी  की देसी चुदाई की कहानी लेकर आया हूँ। लेकिन ये एकदम सच्ची और कामुक देसी कहानी है। मैं आशा करता हूँ कि आप लोगों को ये सेक्स कहानी अच्छी लगेगी।

बुआ की बेटी की देसी चुत की सीलतोड़ चुदाई

बुआ की बेटी  की देसी चुत की सीलतोड़ चुदाई

मेरी बुआ की बेटी यानि मेरी मौसेरी बहन गाँव से पढ़ने हमारे घर रहने आई। मैंने उसकी कोरी देसी चुत की चुदाई कैसे की। पढ़ें मेरी इस देसी कहानी में!

नमस्कार दोस्तो, मेरा नाम अनित है। मैं उत्तर प्रदेश के रायपुरशहर से कुछ दूर एक गांव में रहता हूँ। मैं 30 साल का 5 फीट 10 इंच हाइट का हट्टा कट्टा नौजवान हूँ। मेरे लंड का साइज 7 इंच और 3 इंच मोटा है और मैं किसी भी लड़की औरत को संतुष्ट कर सकता हूँ।

रीता मौसी को घोड़ीबानकार प्रेगनेंट किया

  रीता मौसी को घोड़ीबानकार प्रेगनेंट किया

कई बार सपने में मैं अपनी रीता मौसी को उनकी तारीफ में कहता था ..” मौसी आप बहुत खूबसूरत हो आपके रसीले होंठों का रस पीने के लिए कोई भी मर्द चाहेगा गोल गोल बड़ी आँखों में अजीब सी उलझन है आपकी पतली कमर देख कर कोई भी छूने को चाहेगा काजोल की जैसे बड़ी बड़ी चुचियां है आपकी दो मोटे कूल्हों को देखकर हर कोई दीवाना हो जाएगा सच कहूं मौसी आप एक हसींन हिरोइन जैसे दिखती हो.” वो मुस्कुरा कर कहती हैं-“बस बस बहुत तारीफ करते हो वो भी झूठी ” ये क्या कहा आपने मैं भी कुर्बान जाऊँ आप पर अगर झूठा निकला तो।

दीदी की ननद की पूददी की देसी चुदाई

दीदी  की ननद की पूददी की देसी चुदाई 

मेरी देसी सेक्स स्टोरी में पढ़ें कि कैसे मैंने अपनी दीदी  की ससुराल में उसकी ननद की कुंवारी पूददी की सील तोड़ी। मुझे अपनी पहली चुदाई में सील बंद पूददी मिली थी।

नमस्कार दोस्तो, मैं SEX STORY  पर आपका एक नया दोस्त महेद्र  देव! मैं 21 साल का हूँ। मैं राजस्थान राज्य के एक छोटे से गाँव से हूं।

देसी लड़की की देसी चुदाई

देसी लड़की के साथ सेक्स की देसी कहानी

मेरे सेक्स की देसी कहानी को पढ़ कर मजा लें कि कैसे मैंने गाँव की एक जवान चुलबुली लड़की को पता कर खुले आसमान के नीच उसकी चूत की चुदाई उसकी सहेली के सामने की।

डर क्या होता है दोस्तो, ये तो सभी जानते हैं। मगर अपने डर को दरकिनार करते हुए भी चुदाई को अंजाम देना भी हर किसी के बस की बात नहीं होती।

देसी गांव की कुंवारी चूत की छुड़ाई

देसी कहानी गांव की कुंवारी चुत चुदाई

यह देसी कहानी गांव की कुंवारी चुत चोदन की है मेरे गांव में एक नदी है गर्मियों में मैं नहाने नदी पे जाता था एक दिन ऐसे ही नहाने के दौरान मुझे एक कुंवारी लड़की मिली

 

दोस्तो, मेरा नाम अमितहै। मैं राजस्थान के हनुमानगढ़ का रहने वाला हूं अभी मैं जयपुर में रहकर रेलवे के पेपर की तैयारी कर रहा हूं मेरे परिवार में हम दो भाई और माँ-पापा है। माँ हॉउस वाइफ है जबकि पापा किसान हैं। हमारे पास 30 बीघा जमीन है जो कि बिल्कुल नदी के पास है

मामा के बेटे ने घोड़ी बनाकर चुदाई की | Hindi kuvari ladki sex stories

  मामा के बेटे ने घोड़ी बनाकर चुदाई की

हाई फ्रेंड्स, मैं हूँ सैक्सी चांदनी। आज में आपको अपनी लाइफ की सच्ची घटना बताने जा रही हूँ। मुझे उम्मीद है कि आपको ये कहानी बहुत पसंद आएगी।


हमारा परिवार मेरे मामा के परिवार के साथ ही रहता था लेकिन बाद में दोनों परिवारों में झगड़ा होना शुरू हो गया। उसके बाद हमारा परिवार मामा के परिवार से अलग हो गया। लड़ाई की वजह भी ज्यादा बड़ी नहीं थी। चूंकि परिवार काफी बड़ा था इसलिए खाना बनाने को लेकर अक्सर हमारे बीच में झगड़ा रहने लगा था। फिर अलग होने के बाद मामा और मेरे परिवार में खाना अलग ही बनने लगा था।

चाची को घोड़ीबानकर चुदाई | aunty sex stories

 चाची को घोड़ीबानकर चुदाई

मेरा नाम मिथिलेश है। मैं अभी बंगलौर में रहता हूँ, रंग गोरा, 5’6′, 23 साल, ग्रेजुएट।


यह मेरा पहला संदेश है आप लोगो के लिए। इसका मतलब यह नहीं कि यह मेरा पहला सेक्स अनुभव है। इससे पहले मैंने बहुत सेक्स किया है लड़कियों और आंटियों से।


जो लड़कियाँ मेरे साथ सेक्स में रात गुजारती, वो मेरे साथ शहर में घूमने के लिये भी ख्वाहिश रखती थी

अंकिता अपनी मौसी के बेटे से चुदाई | Hindi sex stories


अंकिता अपनी मौसी के बेटे से चुदाई 

हाई फ्रेंड, मेरा परिचय तो आप जानते ही हैं। मैं आपकी अंकिता हूँ। SEX STORIES  पर मेरी पिछली दो कहानियाँ

आप सबने पसंद की, धन्यवाद।


आज मैं हाजिर हूँ एक नई कहानी लेकर … बहुत समय से मैंने कोई कहानी नहीं लिखी क्यूंकि मैं काफी टाइम से चुदी नहीं हूँ न इसलिए!

अब तो मन करने लगा है कि एक बार और चुद ही लिए जाये!


मगर चुदने के लिए एक अदद लंड तो चाहिए ही … और उसी की कमी थी। और अभी तो मैं कॉलेज में ही पढ़ती हूँ तो ज़ाहिर सी बात है कि इतनी परिपक्व नहीं हुई हूँ कि किसी मर्द को पटा सकूँ, और उससे अपनी प्यासी जवानी की प्यास बुझा सकूँ!

पड़ोसन आंटी के साथ देसी चुदाई

 पड़ोसन आंटी के साथ देसी चुदाई 

मैं शिव आप लोगों को अपनी पहली कहानी सुनाने जा रहा हूं।


एक दिन मैं अपने घर की तरफ़ जा रहा था कि मैंने देखा कि कोई मुझे बुला रहा है। मैं उनके पास गया तो देखा कि वो मेरे पड़ोसी हैं और बहुत ज्यादा पीने की वजह से वो चल नहीं पा रहे हैं। मैंने अंकल की मदद की और उन्हें उनके घर तक छोड़ने गया। डोरबेल बजाई तो एक औरत ने दरवाजा खोला जिन्हें मैं आंटी बुलाता था और जब उन्होंने मुझे अपने पति के साथ देखा तो चिड़चिड़ाना शुरू कर दिया।


छोटे भाई आयुष के साथ देसी चुदाई

 छोटे भाई आयुष के साथ देसी चुदाई

नमस्ते दोस्तो, मैं आपकी सेक्सी दोस्त स्नेहा हूँ। मैं इस शहर के बढ़े में रहने वाली मस्त बिंदास लड़की हूँ। मेरा परिवार काफी बड़ा है और सबके लिए अलग अलग कमरे बनाये गये हैं। मेरे घर में किसी चीज की कोई कमी नहीं है। मैं अपने सारे शौक पूरे करती हूं।

वैसे तो मैं जॉब भी करती हूं लेकिन वो सब मैं पैसे के लिए नहीं बल्कि घूमने फिरने के मकसद से करती हूं। जब मैं ऑफिस की सहेलियों के साथ होती हूं तो हम लोग खूब मजा करते हैं। मेरी सहेलियां ऑफिस के पास ही रूम लेकर रहती हैं। मैं उनके वहां जाकर मस्ती करती हूं। जिन्दगी को फुल एन्जॉय करते हैं हम लोग