बुआ को मजबूरी में चोदा
दोस्तो, मैं देवेश हाजिर हूँ, अपनी आप बीती सुनाने के लिए। ये मेरा पहला अवसर है इसलिए मुझसे कोई ग़लती हो जाए तो प्लीज़ माफ़ कर देना।
दोस्तो, मैं देवेश हाजिर हूँ, अपनी आप बीती सुनाने के लिए। ये मेरा पहला अवसर है इसलिए मुझसे कोई ग़लती हो जाए तो प्लीज़ माफ़ कर देना।
सबसे पहले तो मैं गुरूजी को धन्यवाद कहना चाहूँगा कि उन्होंने हमें अपने उदास और वीरान जीवन में सेक्स स्टोरीज की रंगीनियाँ भरने का मौका दिया। मैं पिछले दो सालों से सेक्स स्टोरीज को रोज़ ही देखता हूँ। मैं सेक्स स्टोरीज का नियमित पाठक हूँ, मैंने कई कहानियाँ पढ़ी हैं और आज मैं उनसे प्रेरणा लेकर अपनी सच्ची कहानी बताने जा रहा हूँ।
मेरी यह कहानी सच्ची है और मेरे साथ बीते हुए पलों को मैं आप के साथ बाँटना चाहता हूँ।
पहले मैं अपना परिचय दे रहा हूँ : मेरा नाम प्रीतम है, दिल्ली का रहने वाला, 23 साल का, और मैं 5 फीट 5 इंच का हूँ। मेरा रंग गोरा है, मेरा लण्ड 6 इंच का है, मैं देखने में ठीक लगता हूँ।
बात उन दिनों की है जब मैं मेरे मामा के घर गया हुआ था। वैसे तो मैं मामा के घर जाकर सिर्फ़ मजे ही करता था मतलब सिर्फ खाना-पीना अपने में ही मस्त रहता था।
मैंने कभी भी किसी लड़की की आज तक योनि नहीं देखी थी और मैं योनि देखने को बहुत लालयित था। मैं सोचता था कि कभी मुझे योनि के दर्शन करने को मिलेंगे क्या ! और मैं मुठ मार लिया करता था।
मैं एक दिन मेरे मामा के लड़के के कमरे में बैठा टीवी देख रहा था और वहाँ पर मामा की बेटी भी बैठी थी कि अचानक एक पप्पी का दृश्य आ गया। मैं थोड़ा सा शरमा गया और ज्योति उठ कर चली गई, मैं वहीं पर बैठा रह गया। थोड़ी देर बाद मैंने टीवी बंद कर दिया और मैं किचन में जाकर कुछ खाने को देख रहा था, ज्योति भी वहीं थी।
ज्योति हंस के बोली- क्या चाहिए?
मैंने कहा- ज्योति, मुझे कुछ खाने को चाहिए !
ज्योति बोली- मैं अभी कुछ बना देती हूँ !
तो मैंने कहा- आप क्या बनाएँगी ?
तो ज्योति बोली- जो तू कहे !
तो मैं बोला- गाजर का जूस बना दो !
ज्योति गाजर लेने के लिए नीचे झुकी तो मेरा ध्यान उनके स्तनों पर चला गया और मैं देखता ही रह गया। फिर मैं नजर चुरा के चला गया और बाहर निकल आया।
थोड़ी देर बाद ज्योति जूस लेकर आई और बोली- तेरा जूस तैयार है !
मैंने जूस पी लिया, अपने कमरे में जा कर बैठ गया और कम्प्यूटर चला कर मैं इंटरनेट पर गेम खेलने लगा। पर मेरा ध्यान तो वहीं वक्ष पर था। मैंने गेम खेलना बंद कर दिया और मैंने मामा के लड़के के नाम वाला फोल्डर खोल लिया और देखने लगा तो पता चला कि वो तो ब्लू फिल्म्स देखता है, तो मैं भी देखने लगा और अपने लण्ड को दबाने लगा। धीरे धीरे मुझे मज़ा आने लगा और मैं देखता रहा मैंने ध्यान ही नहीं दिया।
जब मैंने मॉनीटर में ध्यान से देखा तो ऐसा लगा कि मेरे पीछे कोई खड़ा है और मैंने डर कर कम्प्यूटर बंद कर दिया। जैसे ही मैं पीछे मुड़ा तो मैंने देखा कि ज्योति एकदम वहाँ से भाग कर बाथरूम में घुस गई। मैं शरमा कर बाहर आ गया। अब मुझे अजीब सा लग रहा था कि ज्योति मेरे बारे में क्या सोचेंगी और मैं डर कर रात को खाना खाने के बाद अपने कमरे में जाकर लेट गया। पर मुझे नींद नहीं आ रही थी। मैं बाथरूम में पेशाब करने गया तो मैंने वहाँ पर ज्योति की ब्रा और पैंटी देखी। मैं तो वहीं पर पागल हो गया और मैं और सब चीजों को सूंघने लगा। मुझे मज़ा आने लगा और मैं यह भूल गया कि मैंने बाथरूम के दरवाज़े की कुण्डी नहीं लगाई है। मैं उन दोनों कपड़ों को सूंघता रहा।
फिर पीछे से आवाज आई- प्रीतम, क्या कर रहे हो ?
मैं डर गया और पीछे मुड़ कर देखा तो ज्योति वहाँ पर खड़ी थी। मैंने वो ब्रा और पैंटी दोनों झट से नीचे फेंक दी और छत पर जाकर बैठ गया। वहीं पर बैठा रहा तो आधा घंटे बाद अचानक ज्योति वहाँ पर आई और बोली- तुम यहाँ छत पर क्या कर रहे हो ?
तो मैं बोला- ज्योति, कुछ नहीं ! मैं तो बस ऐसे ही यहाँ चला आया था।
ज्योति बोली- नीचे अपने कमरे में चलो !
मैं बोला- ज्योति, मुझे नींद नहीं आ रही ! मैं यहाँ पर बैठ जाता हूँ, जब नींद आएगी तो मैं चला जाऊंगा।
ज्योति बोली- ठण्ड लग जायगी ! चलो नीचे !
मुझे डर लग रहा था, मैं डरता हुआ नीचे चला गया और अपने कमरे में जाने लगा तो ज्योति बोली- कहाँ जा रहे हो?
मैं बोला- ज्योति मैं अपने कमरे में जा रहा हूँ !
ज्योति बोली- वहाँ
पर मम्मी चली गई हैं, तुम मेरे कमरे में आ जाओ !
मैं डरता हुआ ज्योति के कमरे में चला गया। वहाँ पर दो चारपाई थी तो मैं एक पर सो गया और लाइट बंद कर दी।
अचानक मुझे लगा कि मेरी चारपाई पर कोई आ गया है। मैंने देखा कि ज्योति मेरी चारपाई पर बैठी है और ज्योति का हाथ मेरे लण्ड पर रखा हुआ था।
मैं बोला- ज्योति, आप क्या कर रहे हो ?
ज्योति बोली- साले, इतना शरीफ मत बन ! तुझे सब पता है कि मैं क्या कर रही हूँ।
ज्योति बोली- जब तू मेरे स्तन देख रहा था, तब तू क्या कर रहा था?
मैं बोला- ज्योति, वो तो गलती से दिख गए थे !
तो ज्योति बोली- साले तू मेरी पैंटी क्यों सूंघ रहा था?
मैं बोला- चलो छोड़ो, अब तो मज़े ले लो !
ज्योति बोली- अब आया न लाइन पर !
तो मैंने झट से ज्योति के स्तन पकड़ लिए और दबाने लगा। ज्योति बोली- साले, हाथों में जान नहीं है क्या ? जोर से दबा !
तो मैं जोर से दबाने लगा फिर ज्योति मैंने ज्योति के होठों पर पप्पी ली और ज्योति के होठों को जोर से चूमने लगा। ज्योति को मज़ा आने लगा, वो भी मेरे होठों को जोर से चूमने लगी और मैं इतना मदहोश हो गया कि मैंने होठों को चाटना शुरू कर दिया। ज्योति भी पागल हो गई और मेरे होठों को वो भी चाटने लगी।
मैंने ज्योति के हाथों को अपने लण्ड पर रख दिया और कहा- मेरी मुठ मारो !
तो ज्योति भी जोर से मुठ मारने लगी। फिर मैंने ज्योति के पेट पर हाथ फेरा और ज्योति के पेट को चूमने लगा। मैंने ज्योति के पेट को चूम चूम कर गीला कर दिया और फिर ज्योति की कमर को चूमने लगा। ज्योति के बदन पर एक भी बाल नहीं है वो एक दम चिकनी हैं।
ज्योति तड़फ़ने लगी और बोली- जल्दी से कुछ कर, नहीं तो मैं मर जाउँगी।
मैंने ज्योति की गांड पर जीभ लगा दी। ज्योति तो बिलकुल पागल हो गई और बोली- मैं तो मर गई, क्या गरम जीभ है तेरी ! और लगा !
मैंने ज्योति की गांड को भी चाटना शुरू कर दिया। फिर क्या था, ज्योति को तो होश नहीं था, वो तो पागल हो रही थी।
गुलाबी योनि से रिस रिस कर नमकीन पानी निकल रहा था, उसे चाटने में मुझे भी मजा आ रहा था और ज्योति अपनी गांड उठा उठा कर मुखचोदन करा रही थी।
मैंने जैसे ही उसकी योनि पर जीभ लगाई तो वो तो पागल ही हो गई और बोली- जोर से चाट ! जल्दी से मेरी मार ! नहीं तो मैं मर जाउंगी !
तो मैंने अपना लण्ड निकाल कर उनके मुँह में डाल दिया और वो लण्ड देखते ही चिल्ला उठी- यह क्याऽऽऽ ?
मैंने कहा- लण्ड !
बोली- इतना बड़ा ऽऽ? मैं मर जाऊंगी !
मैंने कहा- एक बार मुँह में लेकर तो देख !
ज्योति बोली- मजा आ रहा है !
वो मेरे लण्ड को कुत्ते की तरह चाट रही थी। फिर मैंने अपना लण्ड उनके मुँह में से निकाल कर उनकी योनि में डाल दिया और जोर जोर से झटके मारने लगा।
वो बोल रही थी- और जोर से मार !
और सिसकियाँ भरने लगी- आआआआ ऊऊऊऊऊऊओ जोर से मार साले !
तो मैंने उनकी गांड में डाल दिया तो वो बोली- मार दिया कुत्ते ! आराम से मार !
मैंने और जोर से शुरू कर दिया।
ज्योति बोली- साले, बाहर निकाल ! दर्द हो रहा है !
तो मैं बोला- ज्योति, बस थोड़ा और !
ज्योति बोली- साले, मेरी गांड फट जायगी !
फिर मैंने बाहर निकाला और योनि में डाल दिया। फिर ज्योति बोली- जोर से मार !
तो मैंने जोर से झटके मारने शुरू कर दिया। ज्योति के मुँह से निकल रहा था- आआआआअ ऊऊऊऊओ आआआ ऊऊऊऊऊ !
मैंने फिर से ज्योति के मुँह में डाल दिया और बोला- चूस !
ज्योति मेरे लण्ड को लॉलीपोप की तरह चाट रही थी। ज्योति अपना आपा खो बैठी थी और मेरे लण्ड को बुरी तरह चूस रही थी।
ज्योति लण्ड चूसने के बाद बोली- प्रीतम, मुझे पागल बना दे ! मुझे बस चोदता जा ! मैं आज जी भर के चुदना चाहती हूँ।
मैंने फिर से लण्ड ज्योति की योनि में डाल दिया और ज्योति को कहा- अब मुझ में इतना दम नहीं है कि झटके मार सकूँ। आप ही कूद लो मेरे लण्ड पर !
ज्योति मेरे लण्ड पर कूदने लगी, मैंने कहा- योनि में मज़ा नहीं आएगा ! आप अपनी गांड में फिर घुस
ज्योति बोली- मेरी गांड फट जाएगी !
तो मैंने कहा- कुछ नहीं होता !
तो ज्योति ने गांड में घुसवा लिया और मैंने जोर से झटका मार कर ज्योति की गांड में घुसा दिया। ज्योति धीरे-धीरे से झटके मारने लगी और मज़ा आने लगा। मुझ में फिर से जोश आ गया और मैंने ज्योति की गांड में जोर-जोर से झटके मारने शुरू कर दिया।
मैंने लंड को बाहर निकाला और वापस ज़ोऱ से अंदर डाला और धीरे धीरे से चोदने लगा, साथ में चूची को मुँह में लेकर चूसने लगा।
मैंने उससे पूछा- कैसा लग रहा है?
तो बोली- प्लीज़ मुझे मत पूछो !
मैंने उससे कहा- ज्योति, तुमको आज मैंने एक बहन से पत्नी बना दिया है, तुम्हारी आज प्रौन्नति हुई है, तुझे चोदने में बहुत मज़ा आ रहा है, ऐसा मज़ा तो मुझे कभी नहीं आया !
उसने भी मेरे होंठों को अपने मुँह में भर लिया। वाह क्या मुलायम होंठ थे, जैसे संतरे की नर्म नाज़ुक फांकें हों। कितनी ही देर हम आपस में जकड़े रहे, एक दूसरे को चूमते रहे। अब मैंने अपना हाथ उसकी योनि पर फिराना चालू कर दिया। उसने भी मेरे लंड को कस कर हाथ में पकड़ लिया और सहलाने लगी। मैंने जब उसके स्तन दबाये तो उसके मुँह से सीत्कार निकालने लगी- ओह…।
अब उसने अपने पैर ऊपर उठा कर मेरी कमर के गिर्द लपेट लिए थे। मैंने भी उसका सिर अपने हाथों में पकड़ कर अपने सीने से लगा लिया और धीरे धीरे धक्के लगाने लगा। जैसे ही मैं ऊपर उठता तो वो भी मेरे साथ ही थोड़ी सी ऊपर हो जाती और जब हम दोनों नीचे आते तो पहले उसके नितम्ब गद्दे पर टिकते और फिर गच्च से मेरा लंड उसकी योनि की गहराई में समां जाता। वो तो मस्त हुई आह उईई माँ ही करती जा रही थी।
अब मैं उसके मुँह को पकड़ कर चूमने लगा और उसका मुँह खोलकर जीभ अंदर डाल कर घुमाने लगा। एक हाथ उसकी योनि पर ही फिरा रहा था। अब योनि से भी पानी आने लगा था और मेरे हाथ गीले हो गए। मैंने गीला हाथ उसे दिखाते हुए कहा- ज्योति, देखा अब तेरी योनि भी साथ दे रही रही है !
अब मैंने उसकी योनि को पूरा मुँह में ले लिया और जोर की चुसकी लगाई। अभी तो मुझे दो मिनट भी नहीं हुए होंगे कि उसका शरीर अकड़ने लगा और उसने अपने पैर ऊपर करके मेरी गर्दन के गिर्द लपेट लिए और मेरे बालों को कस कर पकड़ लिया। इतने में ही उसकी योनि से काम रस की कोई 4-5 बूँदें निकल कर मेरे मुँह में समां गई। आह, क्या रसीला स्वाद था। मैंने तो इस रस को पहली बार चखा था। मैं उसे पूरा का पूरा पी गया।
फिर मेरा छुटने को हो गया तो मैंने कहा- ज्योति, मेरा छुट रहा है !
तो वो बोली- मेरे मुँह में छोड़ दे।
तो मैंने उनके मुँह पर छोड़ दिया और शान्त हो गया।
थोड़ी देर बाद अचानक अपने लंड पर किसी के स्पर्श से मैंने आंखे खोली तो देखा कि ज्योति उससे खेल रही है और उसे खड़ा करने की कोशिश कर रही है। मेरे आँख खोलते ही मुझे अर्थपूर्ण दृष्टि से देखा। मैं समझ गया कि अब भी ज्योति की चाहत पूरी नहीं हुई तो मेरा फिर से खड़ा हो गया और मैंने फिर से ज्योति की योनि में घुसा दिया। इस बार मैंने लण्ड योनि पर रखा और धीरे-धीरे नीचे होने लगा और लण्ड योनि की गहराइयों में समाने लगा। योनि बिल्कुल गीली थी, एक ही बार में लण्ड जड़ तक योनि में समा गया और हमारी झाँटे आपस में मिल गईं। अब मेरे झटके शुरु हो गए और ज्योति की सिसकियाँ भी…
ज्योति आआआहहहह अअआआआहहह करने लगी। कमरा उनकी सिसकियों से गूँज रहा था। जब मेरा लण्ड उनकी योनि में जाता तो फच्च-फच्च और फक्क-फक्क की आवाज़ होती। मेरा लण्ड पूरा निकलता और एक ही झटके में योनि में पूरा समा जाता। ज्योति भी गाँड हिला-हिला कर मेरा पूरा साथ दे रही थी। मैंने झटकों की रफ्तार बढ़ा दी, अब तो खाट भी चरमराने लगी थी। पर मेरी गति बढ़ती जा रही थी। हम दोनों पसीने से नहा रहे थे जबकि सर्दी का मौसम था।
और फिर ज्योति बोली- धीरे मार ! तूने तो मेरी योनि ही फ़ाड़ दी।
मैंने कहा- अभी तो कुछ नहीं हुआ है, अभी तो काम बाकी है !
मैंने तुरंत ज्योति की गांड में घुसा दिया। फिर क्या था, ज्योति चिल्लाने लगी और बोली- साले, तूने तो आज मेरी गांड भी फ़ड़ दी और मेरी योनि भी !
मैंने कहा- अभी तो चूचियाँ भी बाकी हैं !
मैंने झट से चूचियों पर कब्ज़ा कर लिया और उन्हें दबाने और चूसने लगा और मुंह में लण्ड की पिचकारी मार दी।
अब जब भी मैं मामा के घर जाता हूँ और जब हमें मौका मिलता है तो हम सेक्स कर लेते हैं और म़जा ले लेते हैं।
कभी घोड़ी-कुतिया तो कभी किचन में एक टांग पर। कुल मिलाकर ज्योति के साथ बिताये वो हर पल आज भी मेरी आंखों के सामने आते हैं तो बस उसे चोदने की इच्छा जागृत हो जाती है।
उम्मीद है कि मेरी पहली कहानी आप सभी को पसंद आई होगी।
मैंने अपनी सेक्सी स्वीटी को चोदा ससुराल की एक शादी में। वो मेरी बीवी की चचेरी बहन थी, कुंवारी थी और अपनी पहली ठुकाई का अनुभव लेना चाहती थी।
1. विकास मल्होत्रा (32 वर्ष) - बड़ा भाई
- लंबा, गोरा, छरहरे बदन वाला
- प्राइवेट बैंक में असिस्टेंट मैनेजर
- सीरियस स्वभाव, लेकिन पत्नी के सामने नरम
एक छोटे से गाँव की गर्मी की शाम... हवा में सुगंधित फसलों की खुशबू, दूर कहीं मोर की आवाज़ और चारों तरफ शांति। मामी (राधिका, 35 साल) और उनका भांजा (राहुल, 21 साल) एक ही घर में रहते हैं। घर में राहुल की माँ (राधिका की बहन), पापा और दादी भी हैं, लेकिन आज सभी पड़ोस के गाँव में एक शादी में शामिल होने गए हैं, जिससे घर पूरी तरह खाली हो गया है...
मेरा नाम गणेशहै। मैं 20 साल का हूँ। मैं सूरत का रहने वाला हूँ। मेरे लंड की साइज़ 5.6 इंच है। मुझे आंटी और भाभी बहुत पसंद हैं। मैं आज आपको अपने जीवन में घटी एक मस्त देसी कहानी सुनाने जा रहा हूँ। ये देसी ठुकाई की कहानी आपको पसंद आएगी ऐसी मैं आशा रखता हूँ।
गाव के सन्नाटे में कुछ रातें गर्म होती हैं। वो रातें जब दीवारें चुप होती हैं, लेकिन सांसें बोलती हैं।
ऐसी ही एक गर्म रात की कहानी है ये… भाभी, पड़ोसन और अमित की।
दिशा आंटी की सेक्स की भूख
सबसे पहले मैं अपना परिचय देना चाहता हूँ आप सबको। मेरा नाम अजय है और मैं विशाखापट्टनम का रहने वाला हूँ । एक गॉव में हूँ और मेरी अभी तक शादी नही हुई है। लंड का साईज 6.5 इंच है पक्का यक़ीन है जिसे भी मैने चोदा है वो पूरी संतुष्ट हुई है।
गर्मी की छुट्टियों में राजू, 20 साल का जवान लड़का, शहर से अपने ताऊजी के गाँव आया था। वहाँ उसका ज़्यादातर वक्त अकेले ही गुजरता था क्योंकि ताऊजी तो नौकरी के सिलसिले में शहर रहते थे। घर पर थी बस एक — चाची, राधिका।
विवेक की आंखें खुलीं तो कमरा अंधेरे में डूबा था।
कल रात अनुजा मैडम और रचना मैम के साथ जो कुछ हुआ, उसकी गर्मी अब भी बदन में तैर रही थी।
वो चादर में अकेला था, लेकिन गंध अब भी वही थी —
नाइटी की, पसीने की, और गीले बदन की।
मोबाइल की नोटिफिकेशन जल उठी —
"Club meeting tonight – final deal. Be ready."
नीचे सिर्फ एक नाम था: "Rohit Sir."
कॉलेज लाइब्रेरी का हेड,
शांत, गम्भीर, और आँखों में एक गहराई —
जिसे विवेक ने कभी पढ़ा नहीं था।
शाम को कॉल आया:
“अगर बाहर निकलना है, तो क्लब के नियम पूरे करने होंगे। आज रात मेरी बारी है।”
विवेक ने कांपते हुए पूछा,
“मतलब… मेरे साथ?”
“हाँ, लड़के… तेरे जिस्म में बहुत कुछ है, जो अब तक सिर्फ औरतों ने चखा है। अब मेरी बारी है।”
जब विवेक कमरे में पहुंचा, तो पहले से अनुजा और रचना वाइन पी रही थीं — दोनों अब ब्लैक नाइटी में थीं।
कमरा मोमबत्तियों की रोशनी में था।
एक कोने में रोहित सर बैठकर किताब पढ़ रहे थे — लेकिन उनकी आँखें विवेक पर जमी थीं।
अनुजा बोली:
“आज तू आज़ाद हो सकता है… लेकिन उसके लिए तुझे खुद को सौंपना होगा — पूरी तरह।”
रचना मुस्कराई:
“और हम सब देखेंगे… तुझे झुकते हुए।”
विवेक ने जैसे ही कपड़े उतारे, रोहित सर खड़े हो गए।
वो धीरे-धीरे पास आए, और बोले:
“तू डर रहा है… लेकिन तेरा बदन कुछ और कह रहा है।”
वो पीछे से विवेक के कंधे पर हाथ रखकर उसकी पीठ चूमने लगे।
धीरे-धीरे उनकी ज़ुबान उसकी रीढ़ के नीचे सरकने लगी।
वहीं अनुजा और रचना अब सोफे पर बैठी masturbation कर रही थीं —
एक-दूसरे के ब्रेस्ट सहलाती, किस करती, और विवेक को देखती।
रोहित सर ने विवेक को पलट कर दीवार से टिका दिया।
“अब तुझे पता चलेगा, तेरा पिछला दरवाज़ा कितना कीमती है।”
वो lubricant लगाकर धीरे-धीरे विवेक की गांड के अंदर घुसने लगे।
विवेक की आँखें भीग उठीं — दर्द और कामुकता के बीच।
“आराम से…”
रोहित सर ने धीरे कहा और अपनी लिंग की गति तेज़ कर दी।
अब वो बार-बार थ्रस्ट कर रहे थे,
और विवेक की सांसें तेज़ होती जा रही थीं।
अनुजा और रचना अब भी खुद को चाट रही थीं,
वो एक-दूसरे की योनि पर जीभ फेरतीं, निप्पल चूसतीं और विवेक को उकसातीं।
“देख, तू अकेला नहीं है…
सबका स्वाद एक जैसा होता है — बस नजर अलग होती है।”
अनुजा फुसफुसाईं।
अब सीन कुछ ऐसा था:
रोहित सर पीछे से विवेक को ले रहे थे
विवेक के सामने अनुजा बैठी थी, ब्रेस्ट मुँह में
रचना उसकी जांघों पर बैठी, अपनी योनि उसके पैरों पर रगड़ रही थी
चार जिस्म, एक गर्म शा
अचानक एक मौका मिला —
जब रोहित सर बाथरूम गए और अनुजा और रचना orgasm के बाद बेसुध थीं।
विवेक ने लैपटॉप खोला,
जहाँ सारे सेक्स वीडियो सेव थे।
उसने तुरंत पेन ड्राइव लगाकर कॉपी करना शुरू किया।
ये उसके पास एकमात्र सबूत था क्लब से बाहर निकलने का।
लेकिन…
“क्या कर रहा है तू?”
पीछे से आवाज़ आई — रोहित सर लौट चुके थे।
“अगर तू भागेगा,
तो हम तुझे बर्बाद कर देंगे — तेरे परिवार, कॉलेज, सबके सामने।”
विवेक कांपते हुए बोला,
“मुझे आज़ादी चाहिए… कुछ भी करो, बस खत्म करो ये सब।”
रोहित सर मुस्कराए।
“तो ठीक है… आज रात का आखिरी हिस्सा तेरा टेस्ट होगा — अगर तू हमें संतुष्ट कर सका, तो जा सकता है।”
विवेक को फिर बेड पर लिटाया गया।
अनुजा मैम उसके मुँह पर बैठीं, और ज़ोर से अपनी योनि रगड़ने लगीं
रचना उसके लिंग को मुँह में लेकर गहराई तक चूस रही थी
और रोहित सर पीछे से फिर घुस गए, और इस बार पूरी ताकत से
तीनों ने मिलकर विवेक को चोदना शुरू किया — अलग-अलग ओर से, अलग-अलग ताल से।
शब्द, ध्वनि, पसीना और रस —
सब घुल गया था उस कमरे में।
विवेक की आँखों से आँसू थे,
लेकिन शरीर orgasm में कांप रहा था।
तीनों उसके ऊपर थककर गिर पड़े।
कुछ देर बाद,
रोहित सर बोले:
“तू पास हो गया… ये क्लब अब तुझे जाने देगा।”
वो मुस्कराए, और एक USB ड्राइव विवेक को दी —
“तेरे पास जो कॉपी है, वो फर्जी है। असली सबूत हमारे पास ही रहेगा।”
विवेक बाहर आ गया…
लेकिन अब वो चैन से नहीं सो पाता।
क्लब से तो निकला,
पर अब हर रात उसे वही स्पर्श, वही रस, वही अधूरी ज़रूरतें बुलाती हैं।
क्या वो वापस जाएगा?
या कोई नया शिकार बनाएगा?
कॉलेज, अफवाहें और अनुजा मैम
कॉलेज के छात्र अनुजा मैडम को लेकर कुछ ज्यादा ही उत्साहित रहते थे।
29 साल की उम्र, गोरा रंग, हल्का सा काजल, और ऐसी चाल कि लड़कों के दिल की धड़कनें रुक जाएँ।
जून की चिलचिलाती दोपहर थी। पंखे बंद, AC बंद — और बिजली भी नदारद। पसीना पूरे शरीर से ऐसे बह रहा था जैसे किसी ने बर्फ़ पर रखा बदन आग में रख दिया हो।
मैं, राहुल, 25 साल का जवान लड़का, अपने भाई के घर पिछले कुछ महीनों से रह रहा था। नौकरी ढूँढ रहा था, लेकिन घर में एक और चीज़ थी जो मन को ज्यादा उलझा रही थी — मेरी भाभी… नीता भाभी।
भाई ऑफिस में थे और घर में सिर्फ़ मैं और भाभी। गर्मी में नहा कर मैं बस तौलिया लपेटकर अपने कमरे में लेटा हुआ था, जब मेरी नज़र दरवाज़े पर पड़ी — और मेरा दिल ज़ोर से धड़कने लगा।
कुँवारी चूत की चुदाई की कहानी में पढ़ें कि कैसे मेरे पड़ोस में रहने वाली लड़की ने अपनी कामवासना से मजबूर होकर अपने कमसिन जिस्म को मेरे हवाले कर दियाहाय दोस्तो, मेरा नाम अमित है। वैसे तो मैं सोनीपत का रहने वाला हूं लेकिन मेरी जॉब के कारण फिलहाल दिल्ली में रहता हूं। मेरी ऊंचाई 5 फुट 7 इंच है।
सभी मित्रों को मेरा नमस्कार, मेरा नाम प्रभात है। मैं जयपुर से हूं, अभी मैं 23 साल का हूँ लेकिन ये xxx कहानी तकरीबन दो साल पहले की है। और इसकी शुरूआत पांच साल पहले हुई थी। मेरे भैया की शादी का टाइम था, काफी सारे मेहमान घर में आये हुए थे। मुझे नहीं पता था कि मेरी पहली कहानी की शुरुआत वहीं से होगी। जिसके बारे में ये कहानी मैं आपको बता रहा हूँ वो मेरी दूर की रिश्तेदारी में चाची लगती थी।
मैं SEX STORIES पर पहली बार अपनी कहानी लिख रहा हूँ। यह एक सच्ची घटना है। मेरी ममेरी बहन छोटी बहन12वीं की पढ़ाई के लिए शहर मे हम लोगो के पास आई थी। मैं ग्रेजुएशन मे था। मेरा परिवार शुरू से शहर में रहता था।
सबसे पहले मैं आप सब को अपना परिचय दे दूँ। मैं नयन, आज जो सच्ची सेक्सी कहानी मैं आपको सुनाने जा रहा हूँ वो मेरी और मेरी बहिन सुमन की चुदाई की कहानी है।
मेरे एक रिश्ते के मौसा, जो काफ़ी दिनों तक हमारे घर पर रहे थे, की शादी में मैं सपरिवार शामिल हुआ लेकिन मैं अपनी मौसी को देख नहीं पाया। मेरे पेपर थे, इसलिए मैं उसी रात को अकेला वापिस आ गया। लेकिन पेपर खत्म होने के बाद एक महीने की छुट्टी में मैं अपने उस मौसा के घर गया तो मैंने पहली बार मौसी को देखा तो देखता ही रह गया। मौसी की लम्बाई करीब साढे पांच फ़ीट होगी और उनका रंग मानो दूध। मौसी के बाल तो उनके चूतड़ से भी नीचे थे। उमर भी बीस-इक्कीस से ज्यादा नहीं लगती थी।
हेलो फ्रेंड्स! इस वेबसाइट पर पहली बार में कहानी लिख रही हूँ। मैं रोज़ ही इस साइट पर आती हूँ और कहानियों का मजा लेती हूँ। अपनी कहानी को लिख कर मैं आप लोगों को मस्ती से भर देना चाहती हूँ। अगर कहानी लिखने में मुझसे कोई गलती हो जाये तो उसे नजरअंदाज कर दीजियेगा।
आज मैं SEX STORY की इस नयी साईट पर मेरी और मेरी साली की कहानी बताने जा रहा हूँ। मेरी शादी 2005 एक साधारण से परिवार में हुई थी, उस समय मेरी उम्र 25 साल थी, मेरी ससुराल में मेरी पत्नी, एक छोटी साली जिसकी उम्र 19 साल की थी और मेरे ससुर रहते थे। मेरी सास का देहांत लगभग 10 साल पहले ही हो गया था।
मेरा नाम सितेश है। मैं अभी रायपुर में रहता हूँ, रंग गोरा, 5’6′, 25 साल, ग्रेजुएट।यह मेरा पहला संदेश है आप लोगो के लिए। इसका मतलब यह नहीं कि यह मेरा पहला सेक्स अनुभव है। इससे पहले मैंने बहुत सेक्स किया है लड़कियों और आंटियों से।
नमस्कार दोस्तो, मेरा नाम राज है और मैं इंदौर के पास के एक गांव से हूं। मुझे भाभियों और आंटियों में बहुत ही ज्यादा दिलचस्पी रहती है। मैं आंटी की फुददी(चूत) या किसी आंटी की फुददी(चूत) चोदने का कोई मौका अपने हाथ से नहीं जाने देता हूं।
नमस्ते दोस्तो, मैं नवीन यूपी के नोएडा का रहने वाला हूँ। हमारा छोटा सा परिवार है जिसमे मैं मेरे माता पिता एक छोटा भाई और बहन जिसका नाम रोशनी हैं। करीब साल भर पहले रोशनी की शादी पास ही के गाँव में हुई है।
हेलो फ्रेंड्स, मेरी उम्र 22 साल है, मेरा नाम आकाश है। मैं कोरबा का रहने वाला हूं।
बुआ की ठुकाई की यह कहानी तब की है ज़ब मैं 12 में पढ़ता था, यही कोई 18 साल का। मेरी दादा जी के लड़के की नई शादी हुई तो मम्मी ने उन्हें कुछ दिनों के लिए घर पर बुला लिया। हम बहुत खुश हुए क्योंकि नई बुआ जो आई है। वो बहुत सेक्सी थी 28-24-30
मैं दिल्ली में अकेला था और किसी लड़की से दोस्ती करके चुदाई चाहता था। एक ऐप से मेरी दोस्ती एक लड़की से हुई। वो टैक्सी डाइवर की बीवी थी। मैंने उसकी बूरचुदाई कैसे की?
Sex Stories फ्री सेक्स कहानी के सभी पाठकों को मेरा नमस्कार।मेरा नाम आयुष है, उम्र 23 साल, मैं जिला होशियारपुर पंजाब का रहने वाला हूं। SEX STORY पर यह मेरी पहली सेक्स कहानी है।
नमस्ते दोस्तों, मैं छतीशगढ़ के बलरामपुर से देवेश हूँ। मैं अभी बी ए फर्स्ट इयर का छात्र हूँ। जब से जवानी की झलक मेरे जीवन में आई, उसी समय से मुझे सेक्स को लेकर बड़ा मजा आता रहा है।
इसी के चलते मैंने पोर्न की तरफ देखना शुरू किया तो मुझे SEX STORIES पर प्रकाशित होने वाली ठुकाई की कहानी पढ़ना बहुत अच्छा लगने लगा। अब तक इस पर बहुत सी कहानी पढ़ कर मैं अपना लंड हिला कर मजा ले चुका हूं। मुझे मोबाइल पर इसकी कहानियों को किसी भी वक्त पढ़ लेना बड़ा ही मस्त लगने लगा।
इन सर्दियों में मैं अपने गाँव गया तो मैंने हमारे खेतों में काम कर रही गाँव की देसी आंटी की चुदाई कैसे की? मेरी देसी सेक्स की देसी कहानी पढ़ कर मजा लें।
दोस्तो, मैं प्रभाकर … बिहार से आपके सामने एक देसी आंटी की देसी चुदाई की कहानी लेकर आया हूँ। लेकिन ये एकदम सच्ची और कामुक देसी कहानी है। मैं आशा करता हूँ कि आप लोगों को ये सेक्स कहानी अच्छी लगेगी।
मेरी बुआ की बेटी यानि मेरी मौसेरी बहन गाँव से पढ़ने हमारे घर रहने आई। मैंने उसकी कोरी देसी चुत की चुदाई कैसे की। पढ़ें मेरी इस देसी कहानी में!
नमस्कार दोस्तो, मेरा नाम अनित है। मैं उत्तर प्रदेश के रायपुरशहर से कुछ दूर एक गांव में रहता हूँ। मैं 30 साल का 5 फीट 10 इंच हाइट का हट्टा कट्टा नौजवान हूँ। मेरे लंड का साइज 7 इंच और 3 इंच मोटा है और मैं किसी भी लड़की व औरत को संतुष्ट कर सकता हूँ।
कई बार सपने में मैं अपनी रीता मौसी को उनकी तारीफ में कहता था ..” मौसी आप बहुत खूबसूरत हो आपके रसीले होंठों का रस पीने के लिए कोई भी मर्द चाहेगा गोल गोल बड़ी आँखों में अजीब सी उलझन है आपकी पतली कमर देख कर कोई भी छूने को चाहेगा काजोल की जैसे बड़ी बड़ी चुचियां है आपकी दो मोटे कूल्हों को देखकर हर कोई दीवाना हो जाएगा सच कहूं मौसी आप एक हसींन हिरोइन जैसे दिखती हो.” वो मुस्कुरा कर कहती हैं-“बस बस बहुत तारीफ करते हो वो भी झूठी ” ये क्या कहा आपने मैं भी कुर्बान जाऊँ आप पर अगर झूठा निकला तो।
मेरी देसी सेक्स स्टोरी में पढ़ें कि कैसे मैंने अपनी दीदी की ससुराल में उसकी ननद की कुंवारी पूददी की सील तोड़ी। मुझे अपनी पहली चुदाई में सील बंद पूददी मिली थी।
नमस्कार दोस्तो, मैं SEX STORY पर आपका एक नया दोस्त महेद्र देव! मैं 21 साल का हूँ। मैं राजस्थान राज्य के एक छोटे से गाँव से हूं।
मेरे सेक्स की देसी कहानी को पढ़ कर मजा लें कि कैसे मैंने गाँव की एक जवान चुलबुली लड़की को पता कर खुले आसमान के नीच उसकी चूत की चुदाई उसकी सहेली के सामने की।
डर क्या होता है दोस्तो, ये तो सभी जानते हैं। मगर अपने डर को दरकिनार करते हुए भी चुदाई को अंजाम देना भी हर किसी के बस की बात नहीं होती।
यह देसी कहानी गांव
की कुंवारी चुत चोदन की
है। मेरे
गांव में एक नदी
है। गर्मियों
में मैं नहाने नदी
पे जाता था।
एक दिन ऐसे ही
नहाने के दौरान मुझे
एक कुंवारी लड़की मिली।
दोस्तो, मेरा नाम अमितहै। मैं राजस्थान के हनुमानगढ़ का रहने वाला हूं। अभी मैं जयपुर में रहकर रेलवे के पेपर की तैयारी कर रहा हूं। मेरे परिवार में हम दो भाई और माँ-पापा है। माँ हॉउस वाइफ है जबकि पापा किसान हैं। हमारे पास 30 बीघा जमीन है जो कि बिल्कुल नदी के पास है।
हाई फ्रेंड्स, मैं हूँ सैक्सी चांदनी। आज में आपको अपनी लाइफ की सच्ची घटना बताने जा रही हूँ। मुझे उम्मीद है कि आपको ये कहानी बहुत पसंद आएगी।
हमारा परिवार मेरे मामा के परिवार के साथ ही रहता था लेकिन बाद में दोनों परिवारों में झगड़ा होना शुरू हो गया। उसके बाद हमारा परिवार मामा के परिवार से अलग हो गया। लड़ाई की वजह भी ज्यादा बड़ी नहीं थी। चूंकि परिवार काफी बड़ा था इसलिए खाना बनाने को लेकर अक्सर हमारे बीच में झगड़ा रहने लगा था। फिर अलग होने के बाद मामा और मेरे परिवार में खाना अलग ही बनने लगा था।
मेरा नाम मिथिलेश है। मैं अभी बंगलौर में रहता हूँ, रंग गोरा, 5’6′, 23 साल, ग्रेजुएट।
यह मेरा पहला संदेश है आप लोगो के लिए। इसका मतलब यह नहीं कि यह मेरा पहला सेक्स अनुभव है। इससे पहले मैंने बहुत सेक्स किया है लड़कियों और आंटियों से।
जो लड़कियाँ मेरे साथ सेक्स में रात गुजारती, वो मेरे साथ शहर में घूमने के लिये भी ख्वाहिश रखती थी
हाई फ्रेंड, मेरा परिचय तो आप जानते ही हैं। मैं आपकी अंकिता हूँ। SEX STORIES पर मेरी पिछली दो कहानियाँ
आप सबने पसंद की, धन्यवाद।
आज मैं हाजिर हूँ एक नई कहानी लेकर … बहुत समय से मैंने कोई कहानी नहीं लिखी क्यूंकि मैं काफी टाइम से चुदी नहीं हूँ न इसलिए!
अब तो मन करने लगा है कि एक बार और चुद ही लिए जाये!
मगर चुदने के लिए एक अदद लंड तो चाहिए ही … और उसी की कमी थी। और अभी तो मैं कॉलेज में ही पढ़ती हूँ तो ज़ाहिर सी बात है कि इतनी परिपक्व नहीं हुई हूँ कि किसी मर्द को पटा सकूँ, और उससे अपनी प्यासी जवानी की प्यास बुझा सकूँ!
मैं शिव आप लोगों को अपनी पहली कहानी सुनाने जा रहा हूं।
एक दिन मैं अपने घर की तरफ़ जा रहा था कि मैंने देखा कि कोई मुझे बुला रहा है। मैं उनके पास गया तो देखा कि वो मेरे पड़ोसी हैं और बहुत ज्यादा पीने की वजह से वो चल नहीं पा रहे हैं। मैंने अंकल की मदद की और उन्हें उनके घर तक छोड़ने गया। डोरबेल बजाई तो एक औरत ने दरवाजा खोला जिन्हें मैं आंटी बुलाता था और जब उन्होंने मुझे अपने पति के साथ देखा तो चिड़चिड़ाना शुरू कर दिया।
नमस्ते दोस्तो, मैं आपकी सेक्सी दोस्त स्नेहा हूँ। मैं इस शहर के बढ़े में रहने वाली मस्त बिंदास लड़की हूँ। मेरा परिवार काफी बड़ा है और सबके लिए अलग अलग कमरे बनाये गये हैं। मेरे घर में किसी चीज की कोई कमी नहीं है। मैं अपने सारे शौक पूरे करती हूं।
वैसे तो मैं जॉब भी करती हूं लेकिन वो सब मैं पैसे के लिए नहीं बल्कि घूमने फिरने के मकसद से करती हूं। जब मैं ऑफिस की सहेलियों के साथ होती हूं तो हम लोग खूब मजा करते हैं। मेरी सहेलियां ऑफिस के पास ही रूम लेकर रहती हैं। मैं उनके वहां जाकर मस्ती करती हूं। जिन्दगी को फुल एन्जॉय करते हैं हम लोग
हेलो फ्रेंड्स, मैं सुधीर यूपी वाला फिर हाज़िर हूं दूसरी कहानी लेकर!
यह बात आज से 1 साल पुरानी है जब हमारे मकान में एक किरायदार रहने के लिए आए थे। में उन्हें अंकल और आंटी कहता था। धीरे धीरे उनसे अच्छे सम्बंध बनते गये और मैं उनके करीब पहुंचता गया।
आंटी का पति तो ज़्यादातर तौर पर बाहर ही रहता था। एक दिन यूँ हुआ कि आंटी के पति गये हुए थे और मेरे घर वाले भी आउट ऑफ मुंबई गये थे और कमरे की चाबी आंटी को दे गये, मुझे घरवालो ने फोन कर के बता दिया था की चाबी आंटी के पास है।
हेलो दोस्तों, मैं मुंबई का रहने वाला हूँ। प्यार से लोग मुझे राजीव कहते हैं। जब ये घटना हुई थी तब में 20 साल का था। मेरे पिताजी एक बिजनेसमैन हैं। ये मौसेरी बहन की ठुकाई कहानी पूरी तरह से काल्पनिक सोच पर आधारित है।
मैं गर्मियों की छुट्टियां बिताने के लिए कुछ दिन अपने मौसी के घर जाने वाला था। मेरे मौसी पुणे में रहते हैं। मैंने अपने मौसी के घर पुणे जाने के लिए मुंबई से फ्लाईट ली थी। मेरे मौसी के घर में सिर्फ तीन लोग ही रहते थे। मेरे मौसा, मौसी और उनकी बेटी आसी।
मेरा नाम मंगलू है। मैं SEX KAHANI का नियमित पाठक हूँ। आज मैं एक कहानी लिखने का साहस कर रहा हूँ। यह कहानी मेरे घर की है। मेरे घर में मैं, मेरी पत्नी, एक छोटा भाई, उसकी पत्नी और हमारे छोटे बच्चे एक संयुक्त परिवार की तरह रहते हैं।
दोस्तो, मैं राज एक बार फिर आपकी सेवा में हाज़िर हूँ। मुझे बहुत खुशी हुई कि आप सबने मेरी पहली कहानी किराएदार और उसकी बेटी की काफी सराहना की और इसी के कारण मैं आप के सामने एक बार हाज़िर हूँ एक नई कहानी लेकर। आशा करता हूँ कि आप सब इसे काफी पसन्द करेंगे।
नमस्कार दोस्तों, मेरा और SEX KAHANI का रिश्ता बहुत पुराना है। मैं भी अपने सेक्स अनुभव यहाँ पर शेयर करने के लिए बेताब था। लेकिन मुझे सेक्स कहानी शेयर करना नहीं आता था।
फिर मैंने SEX KAHANI पर कॉलम ‘अपनी कहानी भेजें‘ देखा। मैंने लिंक के माध्यम से कहानी शेयर करना चाही मगर कुछ दिक्कत हो रही थी। फिर मैंने गुरूजी की मदद ली और उन्होंने बताया कि SEX KAHANI पर कहानी कैसे शेयर की जा सकती है। उसके लिए मैं गुरूजी का आभारी हूं।
हेलो फ्रेंड्स आपने मेरी कहानी सेक्स कहानी पर पढ़ी, अब मैं आप लोगों को उसके बाद क्या हुआ उसका हाल सुनाउँगा।
जब मैं आंटी की गांड में ऊँगली कर रहा था तभी उसकी छोटी बहन कॉलेज से वहाँ आ गई और उसने हमको देख लिया और वो बेडरूम के बाहर चली गई।